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CEO madly in love with his contracted wife

Autor: Pihu_only
Realista
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Resumen

स्मिता एक प्यारी और मसूम सी अनाथ लड़की जिसकी जिन्दगी अचानक बदल चुकी थी अपने मंगेतर से धोखा मिलने के बाद वह नशे में धुत होकर किसी अनजान इंसान के कमरे में चली गई और जब सुबह उसकी आखें खुली तो वह किसी की बाहों में थी! वह नहीं जानते थे कि यह सब कैसे हुआ लेकिन इसी दिन से उसकी जिंदगी पूरी तरह से बदला गई उसे अनजान इंसान से शादी का कॉन्ट्रैक्ट करना पड़ा ! क्या होगा जब स्मिता की किस्मत किसी अनजान इंसान से बांध जायेगी ? आखिर कौन है जो स्मिता के साथ सोया था? जानने के लिए पढ़िए ' CEO madly in love with his contracted wife '

Chapter 1Smita

राजस्थान की पिंक सिटी जयपुर की भीड़ - भाड़ वाली सड़कें पर और चिलचिलाती धूप में एक लड़की बेतहाशा दौड़े जा रही थी यह स्मिता थी जसवंत सिंह राठौड़ की इकलौती बेटी जिसके नाम पर पूरा राठौड़ ग्रुप का बिजनेस था वह 5 साल की रही होगी तभी उसके मॉम डैड की मौत हो जाती है अपने मॉम डैड की मौत के बाद से ही स्मिता अपने अंकल रितेश राठौड़ के साथ रहती थी कहने को उसके परिवार में छः लोग थे उसके अंकल रितेश राठौड़ उसकी आंटी कामिनी राठौड़ उनकी दो बेटियां कायरा और मायरा और एक उनका बेटा प्रथम राठौड़ जो सबसे छोटा था इनके अलावा एक नैनी जो स्मिता के लिए रहती थी ।

स्मिता से सिर्फ दो ही लोग प्यार करते थे एक उसकी नैनी और दूसरा उसका छोटा भाई प्रथम हालांकि प्रथम अब ग्रेजुएशन के लिए बाहर भेज दिया गया था वह इस वक्त लंदन में था लेकिन फिर भी स्मिता से बात करना नहीं बोलता था वह जल्दी से वापस आना चाहता था और अपनी सिस्टर स्मिता के लिए वह सब कुछ करना चाहता था जिसे वह डिजर्व करती थी , प्रथम के लिए उसकी सगी बहनों कायर और मायरा के ज्यादा मायने नहीं थे क्योंकि वह दोनों ही बस अपने बारे में सोचती थी उन्हें अपने मेकअप और अपने कपड़ों से ज्यादा किसी और चीज की परवाह नहीं थी , प्रथम बाहर जाना भी नहीं चाहता था वह बस स्मिता के साथ ही रहना चाहता था ताकि सबसे उसकी रक्षा कर पाए लेकिन स्मिता के समझाने पर वह बाहर चला गया ।

"स्मिता मैम रुक जाइये वरना आपके अंकल से हमको डांट मिलेगी । " उन पिछे दौड़ते लोगो में से किसी एक ने हांफते हुए बोला ।

स्मिता : - " फिल्हाल मेरा रुकने का मूड नहीं है मुझे मजा आ रहा है और पकड़कर आप लोगों को क्या ही मिलेगा । " इसके बाद स्मिता जोर से भागती है लेकिन तभी आगे जाकार वो किसी से टकरा जाती है और वो स्मिता का हाथ पकड़ लेता है ।

स्मिता : - " तुम बेकार इंसान चम्मचे कहीं के मुझे अभी के अभी छोड़ो वरना अच्छा नहीं होगा, तुम मुझे जानते हैं कि मैं क्या कर सकती हूं । "

देवराज : - " तुम्हें ऐसे भगना नहीं चाहिए था और अच्छा क्या नहीं होगा मुझे भी बताओ और बताओ ना क्या कर सकती हो । "

स्मिता ने उसके हाथ को काट लिया और फिर से भागी लेकिन वह ज्यादा दूर जा पति उससे पहले ही देवराज ने उसे फिर से पकड़ लिया अब स्मिता की पैर घसीटते हुए देवराज के पीछे चल रही थी ।

स्मिता के घर के अंदर आते ही।

रितेश राठौड़ ( स्मिता के चाचाजी ) - " तुम बहुत ज़िद्दी हो । तुमको बाहर जाने से मना किया था न तुम नहीं सुनती हो ।"

स्मिता सबकुछ चुपचाप सुनती रही ।

रितेश राठौड़ :- " मायरा और कायरा भी रहती हैं यहीं पर ।"

स्मिता एक नज़र मायूशी के साथ देखती है और अंदर चली जाती है ।

नैनी - " बेटा क्यों जाती हो ऐसी बहार तुमको पता है ना तुम्हारे अंकल को नहीं पसंद है । " नैनी बचपन से स्मिता के साथ थी और उसकी देखभाल करती थी।

स्मिता : - " मॉम डैड मुझे छोडकर क्यों गए ये सब बहुत बुरे हैं इससे अच्छा वो मुझे अपने साथ ही ले जाते । "

नैनी : - " ऐसे नहीं बोलते हैं और प्रथम भी तो है ! "

" तो कैसे बोलूं आप ही बताएं! " स्मिता ने कहा।

उसके बाद नैनी स्मिता के सर पर हाथ फेरती है‌ । स्मिता बचपन से ही सब झेलती आ रही थी हर टाइम उसे बस टॉर्चर किया जाता था , उसके अंकल उससे बस नाम का रिश्ता था ।

रितेश राठौड़ के रूम में . . .

रितेश राठौड़ बहुत गुस्से अपनी पत्नी से बात करते हुए।

रितेश राठौड़ - "आज वो लड़की फिर से भाग गई अच्छे से अच्छा लॉक भी खोल लेती है ! "

रितेश राठौड़ - " पता नहीं भाई सा ने क्या देखा है इस लड़की में जो अपना सब कुछ इसके नाम करवा दिया कौन थी कहां से आई थी कुछ नहीं बताया।"

कामिनी राठौड़ - " अजी हो सकता है उनकी नाजायज बेटी हो आखिरकार आपकी भाभी सा और मेरी प्यारी बड़ी जीजी मां नहीं बन सकती थी! "

रितेश राठौड़ - "ऐसा भी हो सकता है आखिर हमारी रानी सा ये आपका ही कमाल है आपकी दी दवाओं की वजह से ही है जो आपने उन्हें दी थी लेकिन मुझे नहीं लगता भाभी सा भाई सा जितना प्यार करते थे उस हिसाब से ऐसा कर सकते हैं उन्होंने मां के कहने पर भी दूसरी शादी नहीं थी इसलिए मुझे लगता है उहोंने इसे किसी आर्फिनीज से लिया होगा खैर छोड़ो इसे कहीं से लिया है जो भी हो क्या कर सकते हैं?"

कामिनी राठौड़ - " एक बात बताइए ना!"

रितेश राठौड़ - "पूछो!"

कामिनी राठौड़ - " इसको पालने तक ठीक था लेकिन हम इसकी इसको स्टडी क्यों करवा रहे हैं और शादी भी करवा रहे हैं आखिर क्यों ? अब तक हमने सब कुछ हमारे नाम किया क्यों नहीं ? "

" शादी कौन करवा रहा है ! " रितेश राठौड़ ने कहा।

" मतलब ? मैं समझी नहीं ? " कामिनी ने कहा ।

" बहुत गहरी बात है थाने समझ में ना आवेगी इंतजार करो वो बोले है ना इंग्लिश में वेट एंड वॉच ! तुम बस रिलेक्स करो ! " रितेश राठौड़ ने कहा ।

कामिनी को कुछ भी समझ नही आ रहा था लेकिन वह और कुछ नहीं कहती है और थोड़ा सोचने के बाद से रूम से बाहर चली जाती है।

उसके जाने के बाद अपने बेड पर बैठकर रितेश राठौर थोड़ी देर शांत रहता है और फिर खड़ा होकर अपनी अलमारी के पास जाता है और शैतानी मुस्कान के साथ बोलता है " बस दो सिर्फ और सिर्फ दो महीने फिर सब ठीक हो जावेगा ! फिर ये स्मिता नाम का कांटा भी निकाल फेंकूंगा और सारा राठौड़ ग्रुप भी मेरा आखिकार भाईसा के बाद मेरा ही हक है राठौड़ ग्रुप्स पर ! "

कौन है स्मिता का मंगेतर और आखिरकार क्या वजह है कि उसके अंकल न चाहते हुए भी उसकी इतनी अच्छी परवरिश कर रहे थे ? क्या स्मिता अपने अंकल के इरादों को जान पाएगी ?

वैसे कोई हिंदी भाषा वाला पढ़े तो प्लीज कमेंट्स जरूर करना ।

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Banarasi · Realista
Sin suficientes valoraciones
11 Chs

जिंदगी 1

अब ये हम दोनो के बिच प्यार था या आकर्षण ये तो पता नही ,लेकिन जो भी था बहुत जबर्दस्त था । अब थोरे थोरे मेरे कदम भी लर्खराने लगे थे , मैने उसे बोला की अब चलते है ,मैने अभी पुरा बोला भी नही था की उसने अपनी उंगली मेरे लिप्स पे रख दी ,और बोली नही अभी नही अभी और , ये बोलते बोलते उसके कदम लर्खराने लगे थे,उसकी आँखे बन्द हो रही थी ,मेरे सिने पे उसने अपने सिर को रखा उसके हाथ मेरे गर्दन पर लिपटे थे,वो उपर आँखे कर के मुझे इक मदहोश नजरो से देख रही थी ।उसकी गरम सांसे मुझे बहुत ज्यादा रोमांचित कर रही थी , कुछ देर तक तो मै उसे ऐसे ही देखता रहा ।फिर मैने सोचा की अब हमे निकलना चाहिये ।मैने घरी देखी रात के 10बज चुके थे ,मैने सोचा हमे अब निकलना चाहिये ।

Anurag_Pandey_5625 · Realista
Sin suficientes valoraciones
7 Chs

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