webnovel

meet shivansh and gauri

यह कहानी है शिवांश राय सिंह की जो कि मुंबई के बहुत बड़े डायमंड के उद्योगपति का छोटा बेटा है।

जो बहुत ही ज्यादा घमंडी गुस्सेवाला और नकचड़ा है। और उसकी 3 साल की बेटी है । किसी को भी नहीं पता है कि यह लड़की कौन है क्योंकि अभी तक शिवांश की शादी भी नहीं हुई है बहुत ही काली घनी रात थी बारिश की रात थी जब शिवांश सिर्फ तीन दिन की बेटी को अपनी गोद में लिए अपने घर के दरवाजे पर आ गया था और इसे अपनी बेटी की तरह अपने साथ रखता है शिवि उसे डेड कहती हैं ।

अब मिलते हैं शिवांश के डैडी से

राज राय सिंह शिव के डेड है जो एक डायमंड के बहुत बड़े उद्योगपति हैं ।

प्रीति राय सिंह जोकि शिवाय की मां है ।

मधुमति राय सिंह जोकि शिवांश की दादी हैं वे शिवांश से बहुत प्यार करती हैं और शिवांश भी उनका कहना कभी नहीं टालता है। मधु जी की बात शिवांश के लिए पत्थर की लकीर होती हैं।

शिवांश के बड़े भाई देव राय सिंह जो की शिवांश को हर मुसीबत से बचाता है और वह शिवांश से बहुत ज्यादा प्यार करता है।

एक बात और शिवाय की बेटी शिवि से सभी लोग बहुत ज्यादा प्यार करते हैं ।

सिर्फ राज राय सिंह ही शिवि से नफरत करते हैं क्योंकि शिवि का कुछ भी पता नहीं पता नहीं कहां से आइ हैं इन सबसे शिवांश को कोई फर्क नहीं पड़ता है शिवांश अपने पिता की हरकतों से अपने पिता से बात नहीं करता है ।

 शिवि ही है शिवांश की जान ।

वहीं दूसरी तरफ गौरी है जो कि एक मिडिल क्लास से बिलॉन्ग करती है गौरी एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में टीचर है ।गौरी बहुत सिंपल और सीधी लड़की है गौरी के पापा रिटायर प्रोफेसर हैं।मां हाउसवाइफ है उसकी एक और बहन है सिया बह बहुत हि चंचल है । गौरी की शादी उसके बचपन के दोस्त अविनाश से तय हो चुकी है 2 महीने बाद गौरी और अविनाश के शादी है ।फिर एक दिन अचानक अविनाश अपनी ही शादी वाले दिन गायब हो जाता है । गौरी एक दिन अपने स्टूडेंट के बर्ट्थ्थ डे में होटल में स्टूडेंट के पेरेंट्स की रिक्वेस्ट पर गई थी । बर्थडे पार्टी से गौरी बापस आ रही थी। तभी उसकी मुलाकात शिवांश से अचानक ही होती हैंं ऐसा क्या हुआ कि गौरी को शादी करनी पड़ी घमंडी शिवांश से जिसे गौरी बिल्कुल पसंद नहीं करती है । दोनो एक दूसरे से नफरत करते है दोनो एक दूसरे की शक्ल भी देखना पसंद नहीं करते है। । क्यू हो गया अविनाश गायब अपनी ही शादी के दिन। क्या हो जायेगा प्यार गौरी और शिवांश को एक दूसरे से । आइए पढ़ते हैं गौरी और शिवांश की स्टोरी।।।

अब् आगे

सुबह का समय है गोरी अपने स्कूल जाने के लिए रेडी हो रही है तभी उसकी मां तनु जी पीछे से आवाज लगती हैं  ।

गौरी बेटा अपना लंच बॉक्स तो लेते जा तभी उसके पिता योगेश जी कहते हैं कितनी बार आपसे बोला है तनु जी,। कि  जब कोई जाया करे तो उसे पीछे से नहीं टोका कीजिए अप शगुन होता है ।

तभी गौरी की छोटी बहन सिया बोलती है अरे पापा सगुन अप्सगुन् तो लेडीजों के काम होते हैं। आप कब से इन बातों पर विश्वास करने लगे ।

मम्मी से ज्यादा तो आप  अप्सकूंन  में बिलीव करते हैं ।

गौरी - तभी तो हमारे पापा हमारी दूसरी मां ।

तनु - जी हां देखो ना इन्हें ही सगुन अप् सगुन मुहूर्त शुभ मुहूर्त का ज्यादा ध्यान रहता है ।।

तभी सब लोग आपस में हंस पढ़ते हैं।

गौरी - अच्छा लाइए मां आप तो हर वक्त मेरे लंच बॉक्स का ही ध्यान रखती !आपको कैसे पता चल जाता है कि मैं अपना लंच बॉक्स घर पर ही भूल गई हूं !

तनु जी - बेटा मां की चार आंखें होती हैं !

युगेशजी- दो आगे  और दो पीछे ।

तभी योगी जी चुपचाप मंदिर में रखे हुए लड्डू उठा लेते हैं।

चलिए  रखिए चुपचाप मंदिर में वापस लड्डू योगीजी ।। तनु जी बोलती है ।

योगीजी - यार तुम्हें कैसे पता चल जाता ।

तनूजी - मैं ऐसे ही हाउसवाइफ नहीं हूं!

सिया - देखा हमारी मा जासुस् भी है।

तनु  - जा बेटा गोरी तेरे स्कूल के लिए देर हो रही है यह लोग तो ऐसे ही करते रहेंगे !

अब गोरी सबको बाय करके अपने स्कूल के लिए निकल जाती है ।

इधर दूसरी तरफ शिवांश के घर में शिवांश अभी तक नहीं उठा है सब लोग डाइनिंग टेबल पर नाश्ता कर रहे हैं।

राज जी जो की शिवांश के पिता हैं वह अपनी वाइफ प्रीतीजी से कहते हैं ।। अभी आपके साहबजादे उठे नहीं है ।

प्रीति जी - उठ जाएगा आप  क्या हर वक्त गुस्सा करते रहते हैं !!यह लीजिए अपनी बीपी की दवाई खाएं ।

तभी डाइनिंग टेबल पर सामने की सीट पर एक बूढ़ी औरत बैठी है ।ये शिव की  दादी हैं ।।क्या राज तू हर वक्त मेरे पोते के पीछे पड़ा रहता है तभी पीछे से देव की आवाज आती है ।

देव (शिव का बड़ा भाई) ।। हां दादी आपका तो एक ही प्यारा लाडला इकलौता पोता  है मैं तो कुछ हूं ही नहीं ।देव मुह फूलाते हुए ।।

तभी मधु जी अपनी प्लेट से निवाला देव के मुह मे डालते हुए ।।--- अरे तू भी तो मेरा लाडला पोता है चल इधर आ।

राज जी - आज आप नवाबजादे इतनी जल्दी कैसे उठ गए !!

देव - यह लो जल्दी उठो तो मुसीबत !! देर से उठो तो मुसीबत आप भूल गए आज हम लोगों की कंपनी का 115वा बर्थडे है ।

राज - तू मुझसे कह रहा है मैं कैसे भूल सकता हूं यह बर्थडे !! मेरे पिताजी ने इस कंपनी की नींव रखी थी. !

तभी अपनी कोर्ट के बटन लगाते हुए जल्दी-जल्दी शिवांश सिडिओ से नीचे उतरता हुआ आता है। साथ में उसके साथ एक 3 साल की लड़की है शिव् उसकी ऊँगली पकड़े हैं।ये शिवि है।

शिवि की केयर टेकर (आशा अम्मा ) उनके पीछे है।

  राज - उठ गए सहबज़ादए और साथ में यह भी है जाने कहां से उठा लाया है ।

अब घर नहीं यतिम् खाना है ये तभी शिव चुपचाप राज की तरफ देखता है ।।।और कहता है । आपको इस मैटर में पढ़ने की कोई जरूरत नहीं जब आपको असलियत पता चलेगी तब आपको खुद ही पछतावा  होगा ।।