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Poem No 92 कोई इंतिहा नहीं

कोई इंतिहा नहीं

ज़िन्दगी की

प्यार मोहब्बत की

तुमसे प्यार करने की

हर पल जीने की

अपना कर्म करने की

कोई इंतिहा नहीं

ज़िन्दगी की

----Raj

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