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Poem No 93 कलम और कागज़

कलम और कागज़ के सिवा यह जीवन अधूरा

एक वह ही है जो साथ हमेशा निभा रहा

दिल की बाते जो हम कह सके

सारे खुशियाँ और दुःख दर्द लिख सके

इसकी दीवानगी कुछ कम नहीं

नशा इसके दूसरे से काम नहीं

इससे राहत जो हम को मिलता है

सारे दुःख दर्द पर मरहम सा है

----Raj

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