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स्कूल गर्ल की लाश

इंस्पेक्टर अभिमन्यु वहां पर खड़े होकर इंस्पेक्टर देवेंद्र से बात ही कर रहे थे कि भागता हुआ एक पोस्ट बनाकर उनसे कहता है कि बेसमेंट में एक और डेड बॉडी मिली है जिसे सुनकर सब लोग हैरान हो जाते हैं।

एक ही दिन में दो डेड बॉडी का मिलना और वह भी एक ही होटल में, यह तो बड़ी ही सनसनीखेज खबर थी।पोखरा घाट जहां पर लोग घूमने के लिए और अपना स्ट्रेस कम करने के लिए आते हैं वहां उन्हें इस तरह की कोई न्यूज़ मिलती है तो जाहिर सी बात है कि यह उन लोगों के लिए भी अच्छा नहीं था।

कॉन्स्टेबल की बात छोड़कर इंस्पेक्टर अभिमन्यु और देवेंद्र वहां का काम इंस्पेक्टर थापा के ऊपर छोड़ कर बेसमेंट की तरफ चले जाते हैं। होटल की बेसमेंट में एक लाश है यह सुनकर मैनेजर में काफी घबरा जाता है।

होटल के मैनेजर को इस बात का डर था कि कहीं उन्हें होटल खाली ना करना पड़े। इस होटल में 5 फ्लोर थे और हर फ्लोर में कम से कम 20 से 25 कमरे थे।अगर उन्हें हर कमरे का रेंट वापस देना पड़ा तो उनका होटल का बिजनेस तो लगभग खत्म ही हो जाएगा।

होटल का मैनेजर भी भागते हुए बेसमेंट की तरफ जाने लगता है। वहां के बाकी स्टाफ मेंबर जो इस वक्त उस कमरे के बाहर खड़े थे वह एक दूसरे की तरह हैरानी से और डर के मारे देख रहे थे। कहां पर खड़े हुए एक आदमी ने धीमी आवाज में बाजू वाले को कहा।

" एक ही दिन में तोला से हे भगवान पता नहीं क्या हो रहा है हमारे होटल में।"

दूसरे आदमी ने भी उसी तरह धीमी आवाज़ में कहा।

" मुझे तो इस बात का डर है कि अगर यह होटल बंद हो गया तो हमारा काम भी बंद हो जाएगा।दूसरी जगह इतनी जल्दी काम मिलना तो मुश्किल होगा ना।"

फिर से पहले आदमी ने कहा।

" परसों तो मुझे मेरी बेटी के फेस के लिए पैसे भी भेजने हैं अगर आज हमारी सैलरी नहीं हुई तो फिर पैसे कैसे भेजूंगा?होटल में जो कुछ हो रहा है उससे तो यह कह पाना मुश्किल है कि हमारी आज सैलरी होगी भी या नहीं।"

होटल में दो-दो ला से मिलने से हड़कंप मचा हुआ था। वहां पर मौजूद लोग डरने लगे थे कि कहीं वह लोग भी पुलिस के सपाटे में ना आ जाए। हालत यह हो गई थी कि वह लोग ना वहां रह सकते थे और ना ही वहां से जा सकते थे। होटल में जो एडवांस बुकिंग हो गई थी उन्हें कैंसिल करना पड़ रहा था इस वजह से उन्हें नुकसान भी हो रहा था।

इंस्पेक्टर अभिमन्यु और उसके साथ देवेंद्र और होटल का मैनेजर विभक्त हुए बेसमेंट में पहुंचे जहां पर ब्लैक कलर के पॉलिथीन में कुछ था जिसके आसपास कुछ लोग खड़े हुए थे।जैसे ही उन लोगों ने पुलिस को देखा वह लोग वहां से दूर हो गए।

अभिमन्यु ने अपने हाथ में ग्लव्ज पहने और पॉलिथीन को थोड़ा सा खोलकर देखा तो उसके अंदर एक लड़की की डेड बॉडी थी। उसने जल्दी से बाकी लोगों को बुला लिया और वो लोग फोटोस लेने लगे। अभिमन्यु ने उस कॉन्स्टेबल की तरफ देखकर पूछा।

" इस लास को सबसे पहले किसने देखा?"

इससे पहले क्यों कॉन्स्टेबल जवाब देता एक आदमी ने आगे आकर कहा।

" साहब मैंने देखा था मैं यहां पर कुछ सामान रखने आया था।बीच में इस पॉलिथीन को देखकर मुझे लगा किसी पर नहीं यहां पर कचरा गलती से रख दिया है इसलिए उसे उठाकर ले जा रहा थोड़ी कि नहीं तो बहुत ज्यादा भारी था।इसके अंदर क्या है यह देखने के लिए जैसे ही मैंने वह खोला, मेरी तो हालत खराब हो गई साहब।"

अभिमन्यु उस बेसमेंट को ध्यान से देख रहा था तभी मैंनेजर ने पर आ गया घर कहा।

" सर यह बेसमेंट ज्यादा यूज़ नहीं करते बस कुछ एक्स्ट्रा का सामान रखते हैं।जब कभी जरूरत पड़ती है वहां पर वह सामान ले कर चले जाते हैं इसलिए ज्यादातर यह बंद ही रहता है।"

अभिमन्यु ने देवेंद्र की तरफ देख कर कहा।

" हमें पहली डेड बॉडी मिली थी उस रूम नंबर 1270 में। वो रूम पिछले 1 हफ्ते से बंद था। दूसरी डेड बॉडी मिली हमेश बेसमेंट में। इसे भी ज्यादा यूज़ नहीं किया जाता है। कातिल ने जानबूझकर ऐसी जगह पूछा था जो काफी समय से बंद थी और उसे शायद अलग रहा होगा कि यह जल्दी खुलेगी भी नहीं।"

इतना कहकर अभिमन्यु चुप हो गया तो मैनेजर ने उनके पास आकर कहा।

" आप ठीक कह रहे हैं सर रूम नंबर 1270 में कुछ पानी की प्रॉब्लम थी जिस वजह से उसे काफी समय से बंद रखा गया था। वह तो लास्ट मोमेंट पर हमारे पास कोई रूप हवेली बनता ही है इसीलिए उसे खोला था।और बेसमेंट ऑफ ज्यादा यूज ही नहीं करते क्योंकि होटल के सेकंड फ्लोर पर ऑलरेडी एक स्टोर रूम है। इसे ज्यादा यूज़ नहीं किया जाता महीना महीना तक इसे खोला भी नहीं जाता।"

वो लोग आपस में बातें कर ही रहे थे कि तब तक डेड बॉडी की सारी फोटोस ले ली गई थी और अब उन्होंने उस पॉलिथीन को फाड़ना शुरू कर दिया था। उस पॉलिथीन को फाड़ते वक्त उसी से कुछ गिरा जिस पर अभिमन्यु की नजर पड़ गई।

उस चीज के ऊपर नजर डालते हुए अभिमन्यु वहां पर पहुंचा।पॉलिथीन को पढ़ने के बाद भी उस लड़की का शरीर इतना आंकड़ा हुआ था कि वह उसे हालत में था वजह से वह प्लास्टिक के अंदर था। उसके कपड़े किसी स्कूल यूनिफार्म के जैसे थे।

लड़की का रंग शायद बुरा होगा जो पूरा सफेद हो गया था। उसकी आंखें अभी भी खुली हुई थी और इस वक्त तो बहुत डरावनी दिख रही थी। पूरा शरीर अकड़न के मारे सीकु़ड गया था।उसकी अकड़न को देखकर लग रहा था कि वह काफी समय से इस पॉलिथीन के अंदर थी।

उस लड़की की डेड बॉडी के ऊपर नजर डालकर जैसे उसने नीचे गिरी हुई चीज को उठाया तो वह किसी स्कूल का आईडी कार्ड था। उस आईडी कार्ड पर उस लड़की की तस्वीर थी और उसका नाम लिखा हुआ था निहारिका मगर।स्कूल का नाम नाइटेंगल स्कूल ऑफ ललितपुर लिखा हुआ था।

वहां पर खड़े हुए देवेंद्र ने जब देखा कि अभिमन्यु के हाथ में एक आईडी कार्ड है तो उसने भी उस आईडी कार्ड की तरफ नजर डालते हुए कहा।

" ये तो ललितपुर की है। ललितपुर तो काठमांडू के पास से जो यहां से काफी दूर है। यह लड़की ललितपुर से पोखरा क्या करने आई थी?"

अभिमन्यु अभी भी चुपचाप उस आईडी कार्ड को देख रहा था क्योंकि उसे लग रहा था कि शायरी कार्ड में कुछ गड़बड़ है।जब अभिमन्यु की तरफ से कोई जवाब नहीं आया तो देवेंद्र ने खुद के ही सवाल का जवाब देते हुए कहा।

" लगता है अपनी फैमिली के साथ आई होगी यहां पर।"

अब अभिमन्यु ने देवेंद्र की तरफ देखा और कहा।

" अच्छा एक बात बताओ जब तुम अपनी फैमिली के साथ छुट्टियां मनाने जाते हो तो क्या पुलिस यूनिफॉर्म में जाते हो? नहीं ना।तो फिर यह लड़की क्या अपनी फैमिली के साथ स्कूल ड्रेस में आएगी और वह भी आईडी कार्ड के साथ?"

" जब सवाल पूछो तो जवाब नहीं देता और खुद जवाब दो तो सवाल पूछने लगता है। सब सच कहते कि यह पुलिस ऑफिसर एक नंबर का एडा़ है।"

यह बात देवेंद्र ने अपने मन में कही थी।इंस्पेक्टर अभिमन्यु पुलिस ऑफिसर का एक जाना माना नाम था क्योंकि वह काफी सख्त मिजाज और काफी पागल किस्म का था। उसे हमेशा कोशिश करने में मजा आता था जिसे सब लोग पीछे हो जाते हैं।

अभिमन्यु ने उस आईडी कार्ड को अच्छे से देखते हुए कहा।

" इस आईडी कार्ड की स्ट्रिप गायब है।"

देवेंद्र ने आईडी कार्ड की तरफ देखा तो आईडी कार्ड तो सही सलामत था लेकिन जिस धागे से उसे गले पर लगाया जाता है वह गायब था और जहां से उसे बांधा जाता था वो टूटा हुआ था।

सीधे तौर पर यह पता चल रहा था कि आई डी कार्ड को खींचा गया है जिससे की आईडी काट दो इस लड़की के पास आ गया था लेकिन इसका जो ऊपरी हिस्सा था जिससे वह गले पर लटकाया जाता था वह किसी और के हाथ में होगा। कभी लेडीस पुलिस ऑफिसर मिस थापा का कॉल आता है और वो कहती है।

" सर रूम नंबर 1270 जो लाश मिली थी उसका हस्बैंड आ गया है। ऊपर कमरे में बैठकर हो रहा है।"

अभिमन्यु ने उस आईडी कार्ड को देवेंद्र को देकर संभाल कर रखने को कहा और उस आदमी के पास चला गया। अभिमन्यु लिफ्ट के पास पहुंचा ही था कि फिर से उसका फोन रिंग करने लगता है और जब वह देखता है तो वह फोन उसकी मां का था। फोन रिसीव करते ही उसकी मां कहती है।

" अभिमन्यु तनाया ने घर पर उधम मचाया हुआ है कह रही है कि वह खाना तुम्हारे हाथ से खाएगी। जल्दी से आ जाओ उसने आज सवेरे से कुछ नहीं खाया है।"

" मैं आधे घंटे में आने की कोशिश करता हूं।"

कहते हुए उसके चेहरे पर उदासी के भाव दिख रहे थे। लेकिन फिर भी इतना कहकर वो फोन कट कर देता है। आखिर कौन है तनाया? निहारिका ललितपुर से काठमांडू कैसे आई थी? क्या अभिमन्यु पता लगाएगा इस डबल मर्डर केस के बारे में?