पोखरा घाट नेपाल,
चारों तरफ हरियाली से गिरी हुई यह जगह दिखने में काफी ज्यादा खूबसूरत है। काफी लोगों का पसंदीदा टूरिस्ट स्पॉट है यह। होटलों की तो भरमार है यहां पर। इनमें से ही एक होटल है होटल ब्लू शाइन।
ना ज्यादा महंगा और ना ही ज्यादा सस्ता, कि सकते हैं कि एकदम परफेक्ट होटल है उन लोगों के लिए जो अपनी छुट्टियां एंजॉय तो करते हैं लेकिन अपने बजट में। हर मौसम में यहां पर काफी भीड़ रहती है आज भी है।
लेकिन आज की भीड़ कुछ अलग है क्योंकि यहां पर ऐसा कुछ हुआ है जो आज से पहले शायद यहां कभी नहीं हुआ। पुलिस की गाड़ियों की लंबी लाइन लगी हुई है और हर जगह पुलिस ने बैरियर लगा के रखे हैं।
वहां पर रहने वाले लोगों को छोड़कर बाकी सब लोगों को साइड में कर दिया गया है जो दूर खड़े होकर यहां पर जानने की कोशिश कर रहे की आंखें होटल में हुआ क्या है। तभी एक पुलिस जीप वहां पर आकर रूकती है जिसके अंदर से एक पुलिस यूनिफॉर्म पहना हुआ आदमी बाहर आता है।
दिखने में लंबा चौड़ा और हैंडसम पुलिस इंस्पेक्टर काफी तेजी के साथ होटल ब्लू शाइन के अंदर चला जाता है। जाते ही उसके नीचे काम करने वाले पुलिस और फिर उसके पास आ जाते हैं। एक पुलिस ऑफिसर उस आदमी से कहता है।
" अभिमन्यु सर होटल के रूम नंबर 1270 में हमें लाश मिली है। चेहरा काफी बिगड़ा हुआ है लेकिन हो सकता है कि वह उसी की लाश हो।"
अभी आया हुआ वह इंस्पेक्टर जीन का नाम अभिमन्यु था, वो उस इंस्पेक्टर की तरफ देख कर कहता है।
" लेकिन इंस्पेक्टर देवेंद्र यह कैसे कह सकते हैं कि यह उसी की लाश है?"
इंस्पेक्टर अभिमन्यु यह सारी बातचीत लंबे लंबे कदम लेते हुए कह रहे थे। इसी वजह से देवेंद्र को भी साथ साथ में लंबे कदम लेने पड रहे थे। चलते चलते ही इंस्पेक्टर देवेंद्र कहता है।
" सर जब हमने गुमशुदा औरत के हस्बैंड से बात की थी तब उसने कहा था कि जब लास्ट बार उसने अपनी पत्नी को देखा था तो उसने एक रेड कलर का गाउन पहना हुआ था और हमें जो डेड बॉडी मिली है उसके ऊपर भी सेम वही रेड कलर का गाउन है तो हो सकता है कि.."
देवेंद्र की बात सुनकर अभिमन्यु रुक जाता है और देवेंद्र की तरफ देखकर थोड़े कड़क अंदाज में कहता है।
" इंस्पेक्टर देवेंद्र आप कैसी बातें कर रहे हैं? हो सकता है का क्या मतलब है जब तक हमें पक्के तौर से पता नहीं चल जाता कि वह डेड बॉडी उसी महिला की है तब तक हम कोई रिजल्ट नहीं दे सकते।"
देवेंद्र को डांट लगाने के बाद फिर से लंबे कदमों के साथ रूम नंबर 1270 की तरफ चला जाता है। देवेंद्र के पीछे पीछे भागते हुए चला जाता है। जैसे ही वह लोग रूम नंबर 1270 में पहुंचते हैं तो वहां पर हर जगह बेरिया लगे हुए थे।
कमरे के बाहर होटल का मैनेजर और कुछ स्टाफ मेंबर खड़े थे। जैसे ही स्पेक्टर अभिमन्यु वहां पहुंचते हैं वहां पर पहले से मौजूद एक लेडी इंस्पेक्टर अभिमन्यु के पास आकर सेल्यूट करती है और कहती है।
" इंस्पेक्टर अभिमन्यु यह है सुनंदा यही इस रूम को साफ करने के लिए आई थी जब उसने इस कमरे में सूटकेस को देखा।"
कहते हुए एक औरत की तरफ इशारा करती है जिसकी उम्र तकरीबन 50 साल के आसपास होगी। सुनंदा हाथ जोड़कर आगे आती है तो अभी मुनि उसकी तरफ देख कर पूछता है।
" सुनंदा तुमने कब और कैसे इस सूटकेस को यहां पर देखा?"
सुनंदा जो पुलिस वालों को अपने सामने देखकर डर रही थी उसने थरथराती हुई आवाज में कहा।
" साहब जी कमरा पिछले 1 हफ्ते से बंद था। मैं तो इस कमरे को साफ सफाई करने आई थी क्योंकि आज शाम के लिए इस कमरे को बुक कर लिया गया है।जैसे ही मैं इस कमरे के अंदर आई तो सामने एक सूटकेस पड़ा था मुझे लगा कि हो सकता है कि पिछली बार जो लोग आए हो वह यहां भूल गए हो। मैंने जैसे ही उसे खुला तो.."
कहते वक्त उसकी आंखों में अभी भी डर दिखाई दे रहा था। डर के मारे उसकी आंखें बड़ी हो गई थी यह देखकर अभिमन्यु ने शांत आवाज में कहा।
" देखिए आप को डरने की कोई जरूरत नहीं है। आई कैन अंडरस्टैंड के आप की जगह कोई और भी होता तो उसका यही हाल होता। आपस में चाहिए बताइए कि आपने क्या देखा।"
सुनंदा ने बड़ी-बड़ी आंखें करके जवाब दिया।
" साहिब उसके अंदर एक लाश थी एक औरत की उसके हाथ पैर को तोड़ के उसके अंदर डाला गया था लेकिन.. उस औरत के सर को बुरी तरह से कुचला गया था।"
अभिमन्यु ने सुनंदा से पूछा।
" क्या आपके अलावा किसी और ने उस सूटकेस को हाथ लगाया है?"
सुनंदा ने गले के पीछे खुजाते हुए कहा।
" मेरे अलावा तो... हां मेरे अलावा मैनेजर साहब ने हाथ लगाया था।"
पीछे दोनों हाथों को पकड़े हुए और अपना सर नीचे करे हुए एक आदमी खड़ा था जो मैनेजर सुनते ही आगे आया और रिस्पेक्टफुली कहने लगा।
" जी इंस्पेक्टर मैंने ही इसके बाद सूटकेस को हाथ लगाया था। लेकिन साहिब मैंने कुछ नहीं किया है यह तो सिर्फ यह देख रहा था कि वह कोई डमी तो नहीं है।"
अभिमन्यु ने कड़क आवाज में कहा।
" डमी? आपको ऐसा क्यों लगा कि सूटकेस के अंदर कोई डमी भी हो सकती है?"
मैनेजर में अभिमन्यु की तरफ नजरें कई और धीमी आवाज में कहा।
" साहिब आजकल लोग वीडियो बनाने के लिए इस तरह की हरकतें करते रहते हैं ना।मैंने कई बार इस सब यूट्यूब और काफी जगह पर देखा है लोग ऐसे करती है और हमारा वीडियो बना लेते हैं और उसको वायरल करके बहुत पैसे कमाते हैं।"
अभिमन्यु को मैनेजर की बातों से फीड होने लगी थी इसलिए उसने उस बात को वहीं पर छोड़ते हुए उस लेडी इंस्पेक्टर की तरफ मुड़ कर कहा।
" मिस थापा आप एक काम कीजिए यहां पर जितने भी लोग हैं उन सबके फिंगरप्रिंट्स ले लीजिए।"
और फिर उसने वापस देवेंद्र की तरफ अपना मुंह किया और कहा।
" देवेंद्र क्या तुमने पूरे होटल में छानबीन शुरू कर दी है? हो सकता है कि हमें कहीं और से भी कुछ सुराग मिले। और हां लास्ट टाइम इस रूम में किसने चेकइन किया था उसके बारे में भी पता करो।"
देवेंद्र ने अभिमन्यु की बातों का जवाब देते हुए कहा।
" जी हां सर मैंने कॉन्स्टेबल को बाकी के कमरों की तलाशी लेने के लिए भेज दिया है वह क्या है ना कि होटल ज्यादा बड़ा नहीं है तो ज्यादा टाइम नहीं लगेगा।मैंने पहले ही होटल का रजिस्टर मंगवा लिया है जिसमें में पता लग सकता है कि नेक्स्ट टाइम इस कमरे में कौन रुका था।"
अभिमन्यु ने उस कमरे की तरफ देख कर कहा।
" तुम यह कह रहे थे ना कि जिस औरत का किडनैप हो गया था उसकी लाश हो सकती है? उस औरत के हस्बैंड को भी बुलाओ हो सकता है हमें उसकी जरूरत पड़े।"
इंस्पेक्टर अभिमन्यु देवेंद्र को सारी बातें बता ही रहा था कि कॉन्स्टेबल वहां पर भक्त हुए आता है और लंबी लंबी सांसे लेकर अभिमन्यु के सामने आकर रुक जाता है। अभिमन्यु कॉन्स्टेबल की तरफ देख कर कहता है।
" अरे ऐसा क्या हो गया भाई जो तुम भागते हुए यहां तक आ गए?"
तो कॉन्स्टेबल पहले खुद को स्टेबल करता है और जब उसकी सांसे नॉर्मल होती है तो वह जल्दी-जल्दी में कहता है।
" सर बेसमेंट के अंदर एक और लाश मिली है।"
आखिर वह डेड बॉडी है किसकी? क्या इंस्पेक्टर अभिमन्यु पता लगा पाएगा कि इन सब के पीछे कौन है?