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अनिका का बॉयफ़्रेंड

अभिमन्यु की मां उसे इस हालत में नहीं देख सकती थी। आखिर देखती भी कैसे हो उसकी मां जो थी। अभिमन्यु की पत्नी तनाया एक्सीडेंट के बाद छोटे बच्चे जैसी हरकतें करती थी। एक मां अपने बेटे को ऐसे कैसे देख सकती थी? लेकिन अभी मैंने कुछ सुनने को तैयार नहीं था वह अपनी पत्नी के प्यार में पागल हो चुका था।

अभिमन्यु डाइनिंग टेबल पर अपने हाथों से अपनी पत्नी को एक छोटे बच्चे की तरह खाना खिला रहा था। तनाया भी अपने हाथों को बांधकर सिर्फ बेटी हुई थी और बातें करते हुए खाना खा रही थी। तभी अभिमन्यु का फोन बचने लगता है यह देखकर अभिमन्यु तनाया से कहता है।

" तनु बस 2 मिनट?"

तनाया‌ ने होठों को बाहर की तरफ निकालते हुए हां में सर हिलाया। अभिमन्यु ने मुस्कुराते हुए वहां से उठकर फोन को रिसीव किया। उसने फोन उठाते हुए ही कहा।

" हां तो क्या हुआ इंस्पेक्टर क्रिष्ना?"

सामने से एक लड़की का जवाब आया।

" क्रिष्ना नहीं सर क्रिष्नकाया थापा।"

अभिमन्यु ने एक लंबी सांस ली और फिर से अपना वही सवाल को दोहराते हुए कहा।

" हां तो क्या हुआ मिस थापा?"

सामने के तरफ कोई और नहीं रूम नंबर 1270 इंग्लिश टिकेशन करने वाली इंस्पेक्टर थापा थी। उसने एक लंबी सांस ली और अभिमन्यु की बात का जवाब देते हुए कहा।

" सर हमने बॉडी को पोस्टमार्टम पर भेज दिया है और अभी हमने मिस्टर प्रभु दीवान को रिमांड पर लिया हुआ है।"

अभिमन्यु ने गर्दन धीरे से हिलाते हुए कहा।

" हमम् ठीक है एक काम करो मैं कुछ देर के लिए वहां पर आता हूं। हम प्रभु दीवान को रात भर हवालात में नहीं रख सकते क्योंकि उसकी तरफ से कोई सबूत नहीं मिले हैं कि गुनहगार वही है। और जहां तक मैं जानता हूं उसका फैमिली बैकग्राउंड काफी स्ट्रांग है।"

सनी से इंस्पेक्टर थापा ने कुर्सी की तरफ देखा जहां पर प्रभु दीवाना बैठा हुआ था और फोन में कुछ कर रहा था। उसकी तरफ नजर गडा़ते हुए ही मिस थापा ने कहा।

" सर वह पिछले 1 घंटे से फोन में कुछ टाइप कर रहा है मुझे लग रहा है कि वह किसी से चैट कर रहा है। आई एम सॉरी उसने अपने बिजनेस पार्टनर को यहां के बारे में सब कुछ बता दिया होगा कि वह इस वक्त विमान में है।"

अभिमन्यु ने अपनी गर्दन हल्के से ऊपर करते हुए कहा।

" मैंने अभी वही तो कहा कि हम उसे रात भर हवालात में नहीं रख सकते। उसे बस आधा घंटा बिठा कर रखो मैं वहां पहुंचता हूं।लेकिन जब तक मैं कोई सवाल अच्छी तरीके से ना पूछो उसे वहां से जाने मत देना।"

" ओके सर।"

कहते हुए दोनों तरफ से फोन डिस्कनेक्ट हो गए। अभिमन्यु वापस डाइनिंग टेबल पर आया और तनाया को फिर से खाना खिलाने लगा। भूखा ना जल्दी-जल्दी निखिल आ रहा था इस वजह से तनाया ने मुंह फुलाते हुए कहा।

" अभिमन्यु तुम ऐसे मुझे खाना क्यों खिलाते हो तुम्हें पता ही ना खाना चबा चबाकर खाना चाहिए। ज्यादा जल्दी-जल्दी चबाने से पेट में दर्द होता है। अगर रात को पेट में दर्द होने की वजह से मैं सो नहीं पाए तो?"

अभिमन्यु ने हंसते हुए कहा।

" कोई बात नहीं तुम आराम से खाओ, ठीक है?"

अभिमन्यु बहुत ही प्यार से उसे खाना खिला रहा था। अभिमन्यु की मां उन दोनों के सामने ही बैठी हुई थी और उन्हें इस तरह से बातें करते हुए देख कर उसे बुरा लग रहा था। एक पत्नी को पति की सेवा करनी चाहिए लेकिन यहां पर तो उल्टा ही हो रहा था यह देखकर उसे अपने बेटे के लिए सिंपथी फील हो रही थी।

अभिमन्यु ने जितनी हो सके उतनी जल्दी तनाया को खाना खिलाया और उसे गुड नाईट बोल कर वापस पुलिस स्टेशन की तरफ आ गया। इस बार उसने यूनिफार्म नहीं पहना था क्योंकि वह सिर्फ यहां पर पूछताछ करने के लिए ही आया था। पुलिस की जीप उसने पहले ही भेज दी थी इसलिए वह अपनी बाइक लेकर आया था।

जैसे ही वह पुलिस स्टेशन के अंदर आया वो सीधा उस जगह पर चला गया जहां पर प्रभु दीवान को रखा गया था। उसने देखा कि प्रभु आराम से बैठकर गरमा गरम कॉफी पी रहा था। यह देखकर उसकी आंखें छोटी हो गई और उसने इंस्पेक्टर थापा की तरफ देखकर पूछा।

" यह पुलिस स्टेशन है कि कोई होटल? माना कि वह मुजरिम नहीं है लेकिन सस्पेक्ट तो है ही। तो फिर उसी तरह से ट्रीट क्यों किया जा रहा है?"

इंस्पेक्टर थापा इस वक्त अपने फोन पर कुछ कर रही थी जैसे ही उसके कानों में अभिमन्यु की आवाज आई उसने फोन को साइड में रखा और उठ कर खड़ी हो गई। उसने सैल्यूट करके जवाब दिया।

" सॉरी सर लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकती थी। हमारे कमिश्नर सर का फोन आया था कि मिस्टर प्रभु दीवान यहां के टूरिस्ट है इसलिए हमें उनका ध्यान रखना होगा। पहले भी हमारे और हिंदुस्तान के संबंध थोड़ी खराब चल रहे हैं और इस वजह से वह नहीं चाहते कि और भी कोई परेशानी हो।"

अभिमन्यु ने कोई जवाब नहीं दिया और रिमाइंडर रुम में जाकर प्रभु दीवान के सामने बैठ गया। तब तक प्रभु ने कॉफी खत्म कर दी थी और कप टेबल पर रखते हुए उसने पूछा।

" इंस्पेक्टर अभिमन्यु आपको मुझसे झूठ सवाल पूछना है वह पूछ सकते हैं।"

अभिमन्यु ने मुस्कुराते हुए कहा।

" वह तो हम पूछेंगे ही मिस्टर प्रभु दिवान। आप टूरिस्ट है इसलिए हम आपके साथ बहुत पोलाइक्ली पेस आ रहे हैं वरना रिमांड रूम में हम फोन अलाउ नहीं करते।"

प्रभु ने फोन को अपनी जेब में वापस रखते हुए कहा।

" माफ करना है तभी मुझे किसी ने कहा नहीं था। आगे से ऐसा नहीं होगा।"

प्रभु की बात पर अभिमन्यु ने हंसते हुए कहा।

" अच्छा तो आप को भी यकीन है कि अगली बार भी आप यहां आएंगे?"

प्रभु ने इसी तरह से हंसते हुए जवाब दिया।

" पुलिस और सरकारी काम के बारे में मुझे अच्छे से पता है इंस्पेक्टर अभिमन्यु। आप बताइए आपको क्या सवाल पूछना है मैं उसका जवाब सही सही से दूंगा।"

अभिमन्यु ने अपने दोनों हाथ टेबल पर रखे और आराम से देखते हुए कहा।

" ठीक है तो पहले आप हमें आपकी पत्नी के और आपके बारे में बताइए।"

प्रभु आराम से कुर्सी पर बैठ गया और अपनी बात कहनी शुरू की।

" दरअसल में एक बिजनेसमैन का बेटा हूं लेकिन मुझे पहले से इस में कोई इंटरेस्ट नहीं था। लेकिन आप तो जानते हैं कि एक बिजनेसमैन हमेशा यही चाहता है कि उनका बेटा भी बिजनेसमैन ही बने। मुझे एक बहुत ही अच्छा फैशन डिज़ाइनर बनना था लेकिन शायद मेरी किस्मत में नहीं था।"

" तुम्हें फैशन डिज़ाइनर बनना चाहते थे? लेकिन यह प्रोफेशन इतना भी बुरा नहीं है? फिर ऐसी क्या बात ठीक है तुम्हारे पेरेंट्स ने तुम्हें इस बात के लिए साफ इनकार कर दिया?"

अभिमन्यु ने प्रभु को बीच में ही काटते हुए यह सवाल पूछा था। प्रभु जो अब तक अपनी कहानी नीचे देख कर कह रहा था उसने अपना चेहरा ऊपर किया और अभिमन्यु के सवाल का जवाब देते हुए कहने लगा।

" मेरे पिताजी का गारमेंट का बिजनेस था लेकिन मेरी दिलचस्पी फैशन डिजाइनिंग में थी। मेरे पिताजी को लगता है कि यह प्रोफेसर लड़कियों के लिए है ना कि लड़कों के लिए। अब उन्हें कौन समझाए कि ऐसा कुछ नहीं होता लेकिन वह अपनी बात पर अटल थे। आखिरकार मुझे उनकी बात माननी पड़ी और उनके बिजनेस को ज्वाइन करना पड़ा।"

अभिमन्यु ने ना कोई सवाल किया और ना ही कुछ कहा सिर्फ उसने अपनी गर्दन हिलाई। प्रभु ने उस चीज को आगे बढ़ने का इशारा समझा और उसने अपनी बात आगे कहनी शुरू की।

" लेकिन मैं अपना खुद का भी बिजनेस स्टार्ट करना चाहता था इसलिए मैंने अपने एक पार्टनर के साथ मिलकर एक नया बिजनेस शुरू किया जो था गारमेंट डिजाइनिंग का। काफी अच्छा काम चल रहा था मेरा और और इन सब चीजों में मैं शादी करना नहीं चाहता था लेकिन पिताजी ने मेरे लिए ऑलरेडी लड़की सिलेक्ट कर ली थी।

मेरी और अनिका की अरेंज मैरिज थी। पहले तुम्हें काफी नाराज था इस बात के लिए लेकिन फिर मैंने अपने आप को समझा लिया। हम लोग अपने हनीमून पर यहां आए थे और उस दिन क्या हुआ वह तो मैंने आपको सब कुछ बता ही दिया है।"

अभिमन्यु ने कुछ सोचते हुए पूछा।

" एक और बात अनिका के बारे में तुम क्या जानते हो मेरा मतलब है तुम लोगों की अरेंज मैरिज थी तो जाहिर सी बात है तुम्हारे पेरेंट्स ने तो उसके बारे में सब कुछ पूछताछ की ही होगी।"

प्रभु ने अपना चेहरा नीचे किया और जवाब दिया।

" मुझे अनिका के बारे में ज्यादा कुछ तो नहीं पता लेकिन एक बात थी जो वह मेरे एक दोस्त ने मुझे बताई थी। अनिका का कॉलेज में बॉयफ्रेंड था जो उसके पीछे पागल था और अनिका ने उसके साथ ब्रेकअप कर लिया था।"

" तुम्हारे कहने का मतलब यह तो नहीं कि हो सकता है कि अनिका की मौत के पीछे उसके एक्स बॉयफ्रेंड का हाथ है?"

क्या सच में अनिका दीवान की मौत के पीछे उसके बॉयफ्रेंड का ही हाथ था? अभिमन्यु इस डबल मर्डर केस को सॉल्व कर पाएगा या नहीं?