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"Holoom Almahdi".. (Jinno Ka ek Shahzada)

"weh janna chahti thi is kahani ko..jo usne jee nahi thi..mahar phir bhi uska koi na koi kirdar usme raha tha.!log uske naam ko nahi magar uske chehre ko jante the!or weh bhi weh log jo insan hi nahi the..!naa jane kya tha un pardo key pichhe...jinme yeh kahani chhupi hui thi...use shayad in par se parde uthane padenge"!!

FARHA_KHAN · Horror
Sin suficientes valoraciones
10 Chs

"Saya mehal ke pass se guzarna"

रात उसके बारे में सोचते सोचते ही निकल रही थी!नींद नहीं आ रही थी!उसके दूसरे बेड पर यास्मीन सोई हुई थी!उसका डर के मारे बुरा हाल हो रहा था इसलिए उसके रूम में आकर सो गई थी!अमल ने सर झटक कर करवट बदली अब उसका इरादा सोने की कोशिश करने का था!मगर वह बुरी तरह चौंकी!कमरे में ज़ोर दार आहट हुई थी!वह झटके से उठ बैठी!इधर उधर देखा तो कोई नज़र नहीं आया!अपना वहम समझकर वह वापस लेटने लगी!जब नाईट बल्ब की रौशनी में कोई चीज़ चमकती नज़र आई थी!वह कोई तेज़ धारदार चीज़ थी!शायद तलवार!अमल की धड़कन तेज़ हो गई!"कौन है!"उसने थोड़ा सख्ती से पूछा था!यास्मीन एक झटके में उठ गई!"क्या हुआ?कौन है?"वह तो पहले ही डरी हुई थी उसे यूँ उठे देख वह बुरी तरह ख़ौफ़ज़दा हो गई थी!और बाक़ायदा घबराहट में चिल्लाने लगी थी!अमल ने तेज़ी से उस चमकदार तलवार को बुझते देखा!यास्मीन उसके बेड पर चढ़ आई थी!"क्या देख रही हो तुम?"उसे लगातार सेफ के कोने की तरफ निहारते देख उसने अमल को झिंझोड़ दिया था!"क्या मसला है?"वह उसके यूँ झिंझोड़ने पर उछल गई थी!उसका ज़ेहन बंद सा हो रहा था!बहुत सख्त उलझन थी!कुछ तो है?जो नार्मल से हटकर है!उसका वहम इतना सख्त नहीं हो सकता!सुबह जैसे तैसे तलु हो गई!मगर कमरे में होने वाली रात की कारगुज़ारियां उसके ज़ेहन में बंद हो गई थीं!हर आहट से वह चौंक जाती!उसकी लम्बी से ख़ामोशी को सबने नाश्ते पर महसूस कर लिया था!"खैरियत है जबसे तुम क़ब्रिस्तान से आई हो क्या सोचे जा रही हो?"उमर ने उसे टोका था मगर अमल ने कोई जवाब नहीं दिया!सब उसे ख़ामोशी से देखने लगे थे!वह लगातार अपने कप को निहार रही थी!उमर ने हल्का सा झुककर उसके कप में झाँका था!"क्या है इसमें ऐसा!तुम्हारा राजकुमार घोड़े पर आ रहा है क्या?"वह शरारत से बोला!अमल ने निगाह का ज़ाविया बदल कर उसे देखा "नहीं.तुम्हारी दुल्हन को रुखसत कराने की तक़रीब चल रही है कप में"वह भी किलस गई थी!"तो यह कहो ना!देख तो ऐसे रही हो जैसे फिल्म चल रही हो इसमें"उमर ने हंसी में उड़ा दिया था!अमल ने गहरा साँस लेकर कप लबों से लगा लिया था!"यहाँ से चलो गाइस!यहाँ कुवह अजीब सा है"यास्मीन ने ज़ोर देकर कहा!"तुमसे ज़्यादा अजीब क्या हो सकता है"नमीर ने खिल्ली उड़ाई!"मज़ाक नहीं कर रही हूँ मैं!रात अमल के कमरे में अजीब तरह की सरसराहटें हो रही थीं!जैसे कुछ लोग कमरे में घूम रहे हों!"यास्मीन की बात पर अमल ने झटके से उसे देखा यानी वह सिर्फ अमल का वहम नहीं था!यास्मीन ने भी सब कुछ महसूस किया!लड़के सारे दबी दबी हसी हसने लगे थे!"मैं सच कह रही हूँ!और मैंने किसी को वहां बात करते सुना"यास्मीन ने ज़ोर देकर कहा!अब सारे ज़ोरशोर से हंसने लगे थे मगर अमल बेहद हैरानी से उसे देख रही थी!यह तो उसने भी महसूस किया!"प्लीज़ चुप कर जाओ आप सब"अमल ने उन्हें झिड़का था फिर यास्मीन से पूछा था!"क्या सुना तुमने?"!"यह सब लोग मुझे पागल समझते हैं!मैंने कहते हुए सुना कोई लड़की कह रही थी उस गुलाबी कपड़ों वाली ने ही मुझे मारा था"इस बार तो अमल की भी हंसी निकल गई थी!रात में उसी ने गुलाबी नाईट सूट पहना हुआ था!यास्मीन को पित्ते भून गए!मगर उसी वक़्त उनका गाइड आ गया!"आज हम पुराने खण्डरों में जायेंगे"गाइड ने बताया!सब इस बात में सर हिलाने लगे!यास्मीन जाना नहीं चाहती थी मगर कुछ बोल नहीं सकी!बेहद हैबतनाक से खंडरों में घूम फिर कर वह लोग थक गए थे!एक जगह बैठ कर थोड़ा रेस्ट किया और खाना खाया!आज बहुत से पुराने राज़ों और बादशाहों की ज़िन्दगियों की मालूमात हुई थी!दिन बहुत अच्छा रहा था!रात की होने वाली चीज़े भी अमल भूल गई थी!वापसी के वक़्त कार में बैठने के पहले उसे वह खंडर नज़र आया था!बेहद बड़ा!बड़े बड़े सुतून और मोटी कुम्बद वाला!"इसमें हम नहीं गए"उसने गाइड से कहा तो वह हंस दिया!"इसमें जाना भी मत..इसे (साया महल) कहते हैं!पुराने लोगों के मुताबिक़ इसमें जिन्न रहते हैं!सदियों से उनकी पीढ़ियां यहाँ से चली आ रही हैं!इसपर एक राइटर ने किताब भी लिखी है!उसमे लिखा है कि साया महल के अंदर क़दम रखते ही इंसान अपनी दुनिया के बजाये दूसरी किसी दुनिया में चला जाता है!वहां सब कुछ नया हो जाता है!पुराना खंडर आलीशान महल में तब्दील हो जाता है"!"यह सब उस राइटर को कैसे पता?वह गया है क्या?"आमिल को यह सब बकवास लगा!"बस सदियों से यही बातें चली आ रही हैं मैंने तो उसमे पढ़ा इसलिए उस राइटर का नाम लिया!वैसे उसने अपनी बुक में दावा किया है कि उसने इस सब को जिया है!उसने वहां क़दम रखा था और उसके साथ वही सब हुआ लेकिन वहां के दरबान ने उसे धक्का मार कर बाहर निकाल दिया था"गाइड की स्टोरी तो दिलचस्प थी मगर यक़ीन से क़तई परे!वह सब कांधे उचका कर कार में बैठ गए थे!बेहद हैबतनाक से खंडरों में घूम फिर कर वह लोग थक गए थे!एक जगह बैठ कर थोड़ा रेस्ट किया और खाना खाया!आज बहुत से पुराने राज़ों और बादशाहों की ज़िन्दगियों की मालूमात हुई थी!दिन बहुत अच्छा रहा था!रात की होने वाली चीज़े भी अमल भूल गई थी!वापसी के वक़्त कार में बैठने के पहले उसे वह खंडर नज़र आया था!बेहद बड़ा!बड़े बड़े सुतून और मोटी कुम्बद वाला!"इसमें हम नहीं गए"उसने गाइड से कहा तो वह हंस दिया!"इसमें जाना भी मत..इसे (साया महल) कहते हैं!पुराने लोगों के मुताबिक़ इसमें जिन्न रहते हैं!सदियों से उनकी पीढ़ियां यहाँ से चली आ रही हैं!इसपर एक राइटर ने किताब भी लिखी है!उसमे लिखा है कि साया महल के अंदर क़दम रखते ही इंसान अपनी दुनिया के बजाये दूसरी किसी दुनिया में चला जाता है!वहां सब कुछ नया हो जाता है!पुराना खंडर आलीशान महल में तब्दील हो जाता है"!"यह सब उस राइटर को कैसे पता?वह गया है क्या?"आमिल को यह सब बकवास लगा!"बस सदियों से यही बातें चली आ रही हैं मैंने तो उसमे पढ़ा इसलिए उस राइटर का नाम लिया!वैसे उसने अपनी बुक में दावा किया है कि उसने इस सब को जिया है!उसने वहां क़दम रखा था और उसके साथ वही सब हुआ लेकिन वहां के दरबान ने उसे धक्का मार कर बाहर निकाल दिया था"गाइड की स्टोरी तो दिलचस्प थी मगर यक़ीन से क़तई परे!वह सब कांधे उचका कर कार में बैठ गए थे!