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Poem No 65 तुम्हें बदलना नहीं चाहते

तुम्हें बदलना नहीं चाहते

जैसी भी हो वैसी ही रहो

किसी को बदलकर पा लेना

यह अच्छी बात नहीं

तुम जैसी हो वैसी ही अच्छी हो

बदलने से व्यक्तित्व बदल जाते हैं

बदलना नहीं हैं तुम्हे मेरे लिए

तुम्हारी ख़ुशी में ही मेरा ख़ुशी हैं

तुम्हें बदलना नहीं चाहते

जैसी भी हो वैसी ही रहो

किसी को बदलकर पा लेना

यह अच्छी बात नहीं

----Raj