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Ep 1 Chandigarh jana!

कहते हैं जोड़ियां ऊपर से बनकर आती है चाहे कोई कितनी भी कोशिश कर ले पर ऊपर वाला उनको मिला ही देता है। हमारी कहानी की हीरोइन रूही गम में भी खुश रहने वाली लड़की है, क्योंकि उसके चाचा चाची ने उसको पैसों के लिए एक बूढ़े आदमी को धोखे से बेच दिया, , वही दूसरी तरफ नील ओबरॉय बहुत बड़ा बिजनेसमैन और सीरियस और खड़ूस लड़का है , वह अमीर होने के साथ-साथ एकांत पसंद इंसान भी हैं ,लोगों ने कभी उसको मुस्कुराते हुए भी नहीं देखा, प्यार पर उस को भरोसा ही नहीं है। देखते हैं जब यह एक दूसरे से विपरीत चरित्र जब एक दूसरे से मिलेंगे तो क्या होगा? क्या नील ओबरॉय को प्यार पर भरोसा हो जाएगा? रूही के जिंदगी में आने के बाद क्या नील ओबरॉय बदल जाएगा? जानने के लिए पढ़ते रहिए "Billlionaire's Purchased Wife" चलिए अब कहानी पर आते हैं।

भाग 1 चंडीगढ़ जाना !

रुही के पिता पर कर्जा होने की वजह से जिस कर्जे को चुकाने के पैसे पास ना होने की वजह से रुही और उसके घर वालों ने भागने की तैयारी की थी इसमें कामयाब भी हो गए थे, पर रूही की दादी की पायल घर पर ही छूट गई , जिस वजह से रूही पायल को घर पर लेने गई और वहां पर किसी ने उसका पीछे से हाथ पकड़ लिया, हाथ पकड़ने की वजह से रूही बहुत डर गई और उसने सोचा कि अब तो मैं पकड़ी गई अब नहीं बचुगी, डरते डरते उसने अपने पीछे मुड़कर देखा, तो वह उसकी चाची थी जिसने उसका हाथ पकड़ा था , और चाची के साथ में उसके चाचा भी खड़े हुए थे।

अपने चाची चाचा को देखकर रूही ने थोड़ी सी राहत की सांस ली, और उसकी जान में जान आई कि, ये तो उसके चाचा चाची हैं , यह तो उसके अपने हैं कोई गैर नहीं है , पर उसको यह कहां अंदाजा था कि उसके चाचा चाची ही उसके लिए सबसे खतरनाक साबित होंगे।

और जब रूही ने अपने चाचा चाची के चेहरे की तरफ को देखा , तो वह उनकी नजरों को देख कर अंदर तक डर गई क्योंकि उसके चाचा चाची उसको बहुत बुरी तरह से घूर  घूर कर देख रहे थे , इस समय उनकी नजरों में गुस्सा साफ देखा जा सकता था।

उसकी चाची  रूही  को गुस्से से बोलती है और फिर गुस्से से बरस पड़ती है " हमें बिना बताए कहां भाग रही थी तू ? और तेरा पूरा परिवार कहां पर है ? तुम तुम चले जाओगे तो तेरे बाप का कर्जा हम चुकाएंगे क्या ? "

रूही अपनी चाची से अपना हाथ छुड़वाने की कोशिश करते हुए कहती है  "  चाची मुझे जाने दो, खुदा के लिए , मुझे जाने दो , चाचा चाची को बोलो ना , वह मुझे जाने दे , मुझे अम्मी अब्बा के पास जाना है।  "

राशिद ( रूही के चाचा जी ) बोलता है " नहीं हम तुझे नहीं जाने देंगे , जब तू वहां अपने मां-बाप के छुपने वाले ठिकाने पर नहीं पहुंचेगी , तो वह तेरी तलाश करते करते यहां तक वापस आ जाएंगे और फिर मैं उनको मालिक को सौंप दूंगा और उनको मालिक के हवाले कर दूंगा , तुमने कैसे सोचा कि हम तुम सब को  ऐसे ही भागने देंगे।  "

रोही रोते हुए अपने चाचा से बोलती है। " नहीं चाचा जी आप ऐसे नहीं कर सकते मुझे जाने दो , अम्मी अब्बू मेरा इंतजार कर रहे होंगे। "

रुही के इस तरह चिल्लाने पर रूही की चाची उसको जोर से एक चांटा मारती है , इतनी जोरदार थप्पड़ रूही के गाल पर पड़ने पर रूही के मुंह से एक जोर की चीख निकलती है। जिस वजह से रुही के खुद ही आंसू आने लगते हैं क्योंकि आज तक उसको किसी ने भी नहीं मारा था। क्योंकि उसकी अम्मी बस उसको गुस्सा आने पर डाटती थी उन्होंने कभी भी उस पर हाथ नहीं उठाया था।

उसके चाची चाची रूही को पकड़ कर पूरी रात रूही की अम्मी अब्बू के वापस आने का इंतजार करते रहते हैं , पर रूही के अम्मी अब्बू रात भर के इंतजार के बाद भी वापस लौट कर नहीं आते,जिससे रूही और उसके चाचा चाची को अंदाजा हो जाता है कि वह अब वापस नहीं आएंगे।

अगले दिन शाम के समय :- 

रूही की चाची बहुत प्यार से रूही के पास खाना लेकर आती है , और बहुत प्यार से रूही से बोलती हैं।  " रूही बेटा मुझे माफ कर दो , मेरे से बहुत बड़ी गलती हो गई। , हमें नहीं पता था कि भाई साहब और भाभी वापस नहीं आएंगे , हमें लगा कि हम उन को पकड़ कर मालिक के पैसे लुटा देंगे, ताकि हमारी बदनामी ना हो। "

फिर वह अपने पति को आवाज लगाती है और कहती है " सुनो जी ऐसा ही है ना ,  हम भाई साहब और भाभी का इंतजार ही कर रहे थे ना , हमें कोई अंदाजा नहीं था कि वह वापस लौट कर नहीं आएंगे। " अपनी पत्नी की बात सुन कर रूही के चाचा जी भी रूही की चाची की हां में हां मिलाते हैं।

और वह भी रूही को बहुत प्यार से बोलते हैं। " हां रूही बेटा तेरी चाची ठीक बोल रही है , हमने बिल्कुल ऐसा ही सोचा था। पर तू फिक्र मत कर, हम तुझे तेरे अम्मी अब्बू के पास लेकर चलेंगे , हमें पता चल गया है वह कहां पर गए हैं। वह चंडीगढ़ गए हैं , वहां मैं तुझे कल खुद ले कर जाऊंगा तो फिक्र मत कर मेरी बच्ची। चल खाना खा ले तू "

अपने चाचा की बात सुन कर रुही की आंखों में एकदम से चमक आ जाती है , और वह अपने मन में सोचती है की क्या पता चाची चाची को अपनी गलती का एहसास हो गया हो, और वह सच में मुझ से माफी मांगना चाहते हो, इस वजह से वह  मुझको मेरे अम्मी अब्बू के पास लेकर जाना चाहते हो, क्योंकि है तो आखिर ये उसके अपने ही, उसके अपने चाचा चाची, आखिर खून का रिश्ता खून का ही होता है।

रूही उनकी बात पर यकीन कर लेती है। , और अपने चाचा जी से बोलती है " ठीक है चाचा जी आप माफी मत मांगो , आप बस मुझे अम्मी अब्बू के पास ले कर चलो। " इतना बोल कर वह खुशी खुशी खाना खाने लगती है। 

अगली सुबह उसके चाचा रूही को अपने साथ ले कर चंडीगढ़ के लिए निकल पड़ते हैं। शाम के 7:00 बजे तक वह चंडीगढ़ आ जाते हैं। रूही बहुत खुश थी अपनी अम्मी अब्बू से मिलने के लिए पर उसको कहां पता था उसकी खुशी कुछ देर में गम में बदलने वाली है।

उसके चाचा उसको एक होटल के अंदर ले कर चले जाते हैं , और उसको बहुत प्यार से बोलते हैं।  " बेटा आज रात हम यहां पर ही रुकेंगे और कल सुबह हम वहां चले जाएंगे ,जहां पर तेरे अम्मी अब्बू होंगे। "

रूही रूम के अंदर चली जाती है , उसके चाचा उसे बोलते हैं "बेटा मैं अभी बिल पे करके आया तो तू यहां पर ही रुक जाओ ,  एक वेटर तुम्हे खाना ला कर देगा तुम खा लेना ओक " रूही ठीक है बोलती है। " फिर वह खाना खा लेती है।

रूही अपने चाचा का काफी देर तक रूम में इंतजार करती रहती है , पर उसके चाचा नहीं आते , और सफर की थकान होने की वजह से वह सो जाती है।

रात के 11:30 बजे कोई रूम में आता है , पर रूही को पता नहीं चलता कि कोई उसके रूम में आया है क्योंकि उसकी नींद इतनी गहरी थी जैसे वह घोड़े बेच कर सो रही हो।

और वह आदमी उस के बहुत नजदीक आने लगता है वह उस समय शैतान की तरह नजर आ रहा था , और उसकी नजरों में लस्ट साफ-साफ दिखाई दे रहा था , उसके बहुत ज्यादा नजदीक आने की वजह से रूही की नींद खुल जाती है , और वह आदमी उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगता है।

आगे की कहानी अगले भाग में जारी रहेगी।

नव्या खान