webnovel

द टाइम मशीन - अतीत और भविष्य की दुनिया

sci-fi
Laufend · 12.3K Ansichten
  • 21 Kaps
    Inhalt
  • Bewertungen
  • NO.200+
    UNTERSTÜTZEN
Zusammenfassung

एक ऐसी मशीन है, जो हमें अपने अतीत में ले जाती है, जहां हम अपने अतीत को बदल सकते हैं। वैज्ञानिक मुकुल लगभग 30 सालों से ऐसी टाइम मशीन बनाने की कोशिश कर रहे थे, ताकि वे अपने मरे हुए माता-पिता को फिर से जीवित करने के लिए अतीत में जाकर उस समय पहुंच सकें, जब उनके माता-पिता की जान जाने वाली थी। वैज्ञानिक मुकुल ने ऐसी मशीन बनाई, लेकिन पहली बार प्रयोग करते समय मशीन का विस्फोट हो गया। इस हादसे में उनका दोस्त भास्कर, जो उस समय छोटा था, मुश्किल से बच पाया। इस घटना के बाद उनकी दोस्ती टूट गई। लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें कोई भी नहीं बदल सकता। इंसान चाहे कितनी भी कोशिश करे, वह कुदरत के खिलाफ नहीं जा सकता। अगर वह ऐसा करने की कोशिश करता है, तो कुदरत खुद उसे रोक देती है। वैज्ञानिक मुकुल भी कुदरत के खिलाफ जाकर कुछ ऐसा ही बना रहे थे। उन्होंने दूसरी बार एक नई टाइम मशीन बनाई, तब वे सफल हो गए। अब इंसान अतीत में जा सकता था। इस बार, कुदरत ने फिर से अपना करिश्मा दिखाया और भास्कर की पत्नी सैली की मौत हो गई। भास्कर अपनी पत्नी को बचाने के लिए कई बार टाइम ट्रेवल करता है, लेकिन हर बार असफल रहता है। आखिरकार, वे समझ जाते हैं कि हम टाइम ट्रेवल करके अतीत को बदल नहीं सकते। जब वे दोनों हार मान लेते हैं, तब कुदरत उन्हें फिर से अपनी गलती सुधारने का एक मौका देती है। इस कहानी में वैज्ञानिक मुकुल, भास्कर और उसकी पत्नी सैली की जिंदगी का विस्तार से वर्णन किया गया है। साथ ही, टाइम ट्रेवल के हर रोमांचक किस्से को भी बताया गया है।

Chapter 1चैप्टर -०१ जन्मभूमि

मुंबई, एक ऐसा शहर जो कभी नहीं सोता। यहाँ की ज़िन्दगी की रफ्तार इतनी तेज है कि लोगों के पास सुबह का लंच करने की भी फुर्सत नहीं होती। लोग अपने दिन की शुरुआत एक कंधे पर ऑफिस बैग और एक हाथ में वड़ा पाव लेकर करते हैं। ऐसी भीड़ रेलवे स्टेशनों और हवाईअड्डों पर देखी जाती है। लेकिन आज, छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भीड़ कम थी। वजह थी - कोरोना वायरस। यह ऐसा वायरस है जो हवा में फैलता है। इसी कारण इंटरनेशनल फ्लाइट्स बंद थीं। सिर्फ घरेलू विमान चालू थे।

ऐसे ही एक घरेलू विमान ने बेंगलुरु से मुंबई के लिए उड़ान भरी। उस विमान में हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी के सीईओ भास्कर और उनकी पत्नी सैली थे। भास्कर, हिंदुस्तान यूनिलीवर का सीईओ होने के नाते उसका लाइफस्टाइल बहुत ही शानदार था। उसने ब्रेजर पहना हुआ था, चेहरा लम्बा और सुन्दर था, बाल सीधे आसमान की ओर उठे हुए थे, और हाथ में दस लाख की रोलेक्स घड़ी थी। उनकी पत्नी सैली भी किसी मॉडल से कम नहीं थी। उसकी बड़ी-बड़ी आँखें, गोल चेहरा, फूलों की तरह फूले गाल, और लाल-लाल होठ उसकी सुंदरता को और भी बढ़ा रहे थे।

जब दोनों छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे, तो सैली के चेहरे पर मुस्कान आ गई। हालाँकि मास्क के कारण उसकी खुशी स्पष्ट नहीं दिख रही थी, लेकिन उसकी आँखों में चमक भास्कर को साफ दिखाई दे रही थी।

सैली मुंबई वापस आकर बहुत खुश थी, क्योंकि यहाँ उसका बचपन बीता था। आठ साल बाद वह फिर से इस शहर में थी। इसके साथ ही एक और कारण भी था जो उसकी खुशी का हिस्सा था, और भास्कर को वो कारण अच्छी तरह से याद था। इसलिए भास्कर ने सैली को यहाँ लाने का फैसला किया था, लेकिन उसने सैली से वह कारण छुपा रखा था।

सैली ने मुस्कुराते हुए पूछा, "हम मुंबई क्यों आ गए हैं?"

भास्कर ने उत्तर दिया, "तुझे पता है ना, कल कंपनी की एक बहुत ही महत्वपूर्ण मीटिंग है। और तुझे इस हालत में अकेला छोड़ नहीं सकता, इसलिए तुझे साथ ले आया।"

भास्कर सैली को अकेला बेंगलुरु में छोड़ना नहीं चाहता था, क्योंकि सैली माँ बनने वाली थी। हालांकि उनकी पूरी फैमिली बेंगलुरु में थी, लेकिन फिर भी वह सैली को मुंबई ले आया था।

"सिर्फ यही वजह है क्या?" सैली ने थोड़े उदासीन भाव से पूछा।

"हाँ, और क्या वजह होगी?" भास्कर ने बिना किसी भाव के उत्तर दिया।

भास्कर ने टैक्सी बुलाई, "टैक्सी!"

टैक्सी भास्कर के सामने आकर रुक गई।

"मनोरा होटल।" भास्कर ने कहा। टैक्सीवाले ने सहमति में सिर हिलाया। दोनों टैक्सी में बैठ गए। सैली खिड़की से बाहर देख रही थी। हमेशा भीड़ से भरी रहने वाली मुंबई की सड़कों पर गिने-चुने लोग दिखाई दे रहे थे, मानो एकदम से सब कुछ बदल गया हो। सैली को अपने बचपन के दिन याद आ रहे थे। उस समय वह भास्कर की बाइक के पीछे बैठकर पूरा मुंबई घूम आई थी। बारिश की वजह से दोनों भीग चुके थे। सैली ने भास्कर को पीछे से पकड़ा हुआ था। ठंडी बहती हवा दोनों के शरीर में रोंगटे खड़े कर रही थी, साथ ही उन्हें पास बुलाने का न्योता भी दे रही थी। सैली भास्कर से ऐसे चिपक गई थी, मानो उसे किसीने फेविकोल से चिपकाया हो। सड़क के किनारे खड़े लोग यह दृश्य देख रहे थे और कुछ लोग जल भी रहे थे। ऐसी बारिश में गरम वड़ा पाव का स्वाद हर रोज से ज्यादा टेस्टी लग रहा था। वह दिन बहुत अनमोल थे।

"सैली?" भास्कर की आवाज ने सैली को उन यादों से बाहर खींच लिया।

"क्या हुआ? क्या सोच रही हो?" भास्कर ने पूछा।

"यहाँ आने के बाद बचपन की यादें ताजा हो गईं। वह गलियाँ जहाँ पर हम हाइड एंड सीक खेलते थे, हमने पूरी मुंबई की बाइक से सैर की थी, और वह हमारा बचपन का घर जिसे हम 8 साल बाद देखने जा रहे हैं।"

यह सुनकर भास्कर का चेहरा उतर गया। "सैली, हम पुराने घर पर नहीं जा सकते। दो साल पहले मैंने वह घर एक बिल्डर को बेच दिया।"

"क्या?" सैली ने जोर से कहा, "भास्कर, क्या तुम मजाक कर रहे हो?"

"नहीं सैली, यह सच है।"

"भास्कर, तुमने हमारा घर एक बिल्डर को क्यों बेच दिया? अब वह बिल्डर वहां एक अपार्टमेंट बनाएगा। उस घर में हमारी बचपन की यादें हैं। वह बिल्डर वहां एक अपार्टमेंट बनाकर उन सभी यादों को मिटा देगा।"

"सैली, हम यहाँ 8 साल बाद आए हैं। 8 साल वह घर खाली था, वहाँ कोई नहीं रहा। और शायद उसके बाद भी हम वहाँ रहने नहीं जाते।" भास्कर उसे समझाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन सैली उसे गुस्से से देख रही थी।

सैली ने कहा, "तुमने हमारा घर बेचने में बहुत बड़ी गलती की है।"

भास्कर ने कहा, "सैली, वह घर हम दोनों का है।"

"अगर वह घर हमारा होता, तो तुम उसे बेचने से पहले मुझसे बात करते। तुमने घर बेचकर गलती की है।"

भास्कर ने सैली के चेहरे की ओर देखा। सैली की आँखें नरम हो गई थीं। भास्कर समझ गया था कि सैली को समझाने से कुछ नहीं होगा, इसलिए उसने अपनी गलती मान ली।

"हाँ, मुझसे गलती हो गई। लेकिन मुझे इसका बुरा नहीं लगता क्योंकि मैं जिंदगी में आगे बढ़ना चाहता हूँ। सैली, मैं मानता हूँ कि उस घर में हमारी यादें हैं, लेकिन बेंगलुरु में भी हमारा घर है। उस घर में नई यादें होंगी।"

भास्कर ने सैली के पेट पर हाथ रखा। "सैली, हमारी अगली पीढ़ी बहुत मजबूत होगी और वे भी जीवन में आगे बढ़ेंगे।"

उसने भास्कर का हाथ दूसरी तरफ कर दिया। सैली गुस्सा हो गई थी, क्योंकि उसके लिए यह केवल एक छोटा सा सपना था। वह अपने होने वाले बच्चे को वह घर, वहां की यादें दिखाना चाहती थी। उस घर के कोने-कोने में बहुत कुछ छुपा हुआ था। कुछ अच्छी चीजें, कुछ बुरी चीजें जो घर की दीवारों ने देखी थीं। सैली के साथ उसकी पहली दोस्ती, उसके साथ उसकी पहली लड़ाई, उसकी मदद करने का उसका संघर्ष—ये सभी चीजें वह अपने होने वाले बच्चे को दिखाना चाहती थी। संस्कृति का बीज वहीं बोना चाहती थी। लेकिन भास्कर ने घर बेचकर वह सब तबाह कर दिया था।

सैली दरवाजे के शीशे से बाहर देख रही थी, बचपन की यादें एक-एक कर उसकी आंखों के सामने खड़ी हो रही थीं। उसे याद आया कैसे वह और भास्कर उस पुराने घर के आंगन में खेलते थे, कैसे बारिश के दिनों में दोनों छत पर दौड़ते थे। उन लम्हों की खुशबू, उन पलों का स्वाद अब भी उसकी यादों में ताजा था।

भास्कर उसकी मनोदशा को समझ रहा था, लेकिन वह भी मजबूर था। उसने सैली की ओर देखा, उसकी आंखों में छुपे दर्द को महसूस किया। भास्कर ने धीमे से कहा, "सैली, मैं समझ सकता हूँ तुम्हारी भावनाओं को। मुझे भी उस घर से बहुत प्यार था, लेकिन जिंदगी हमें आगे बढ़ने के लिए मजबूर करती है।"

सैली की आंखों में आंसू आ गए। "भास्कर, वह घर सिर्फ एक इमारत नहीं था, वह हमारी यादों का संग्रहालय था। मैं चाहती थी कि हमारा बच्चा भी उन यादों का हिस्सा बने, उसे भी वह सब महसूस हो जो हमने किया।"

भास्कर ने सैली के कंधे पर हाथ रखा और कहा, "सैली, हम नई जगह पर भी नई यादें बना सकते हैं। हमारा प्यार और हमारी यादें सिर्फ एक जगह तक सीमित नहीं हैं। वे हमेशा हमारे दिलों में रहेंगी। और हमारा बच्चा हमारी इन कहानियों से बड़ा होगा, चाहे हम कहीं भी रहें।"

सैली ने भास्कर की ओर देखा, उसकी आंखों में अब भी नाराजगी थी लेकिन साथ ही एक विश्वास की किरण भी थी। उसने भास्कर का हाथ थाम लिया और गहरी सांस ली।

"शायद तुम सही हो, भास्कर। हमें आगे बढ़ना चाहिए और नई यादें बनानी चाहिए। लेकिन उन पुरानी यादों को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।"

भास्कर ने मुस्कुराते हुए कहा, "बिल्कुल, सैली। हमारी यादें हमारे साथ हमेशा रहेंगी, चाहे हम कहीं भी रहें। और हम मिलकर अपने बच्चे के लिए एक नई, खूबसूरत दुनिया बनाएंगे।"

सैली ने धीरे-धीरे सिर हिलाया और भास्कर के कंधे पर सिर रख दिया।

सैली के चेहरे पर मुस्कान थी, लेकिन उसके मन में नाराजगी छिपी हुई थी। सैली दरवाजे के शीशे से बाहर देख रही थी, बचपन की यादें एक-एक कर उसकी आंखों के सामने आ रही थीं।

Das könnte Ihnen auch gefallen

सुपर जीन

शानदार इंटरस्टेलर (तारों के बीच) युग में, मानव जाति ने आखिरकार टेलीपोर्ट तकनीक विकसित कर ली है, लेकिन जब टेलीपोर्ट करने की कोशिश की जाती है, तो वह ना तो भविष्य, ना अतीत ना कोई भी भूमि जो पुरुषों के लिए ज्ञात है, पर पहुँचते हैं ... इस रहस्यमय स्थान को गॉड्स सैंक्चुरी कहा जाता है, जहां कई अज्ञात जीव रहते थे। यहां, मानव सबसे शानदार युग बनाने के लिए और अपनी पीढ़ी को विकसित करने के लिए सबसे बड़ी छलांग लगाएगा। "पवित्र-रक्त जीव काले झींगुर को मार दिया गया। पवित्र-रक्त काले झींगुर जानवर की आत्मा प्राप्त हुई। 0 से 10 जीनो प्वाइंट को हासिल करने के लिए पवित्र-रक्त काले झींगुर का मांस खाएं।"

Twelve-Winged Dark Seraphim · sci-fi
4.3
330 Chs
Inhaltsverzeichnis
Volumen 1