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Poem No 80 कहानी हमारी ज़रा सी अलग है

कहानी हमारी ज़रा सी अलग है

मेहबूबा हमारी ज़रा सी अलग है

वह ही हमारी ज़िंदगानी है

उसी से हमारी सब कुछ है

दिन की शुरुआत उसी से है

रात की चांदनी उसी से है

कहानी हमारी ज़रा सी अलग है

मेहबूबा हमारी ज़रा सी अलग है

----Raj

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