घर में रह कर बहुत अकेला महसूस कर रहा था...
सब कुछ छोड़ने के बाद मन करता कोई मेरे साथ भी हो
ये ही सोचते- सोचते दिमाग में एक आइडिया आया क्यों ना कहीं भीड़ वाली जगह घूम आया जाए,,
कुछ दो महीने बाद घर से बहार निकला पता नहीं क्यों सब कुछ नया सा लग रहा था ,
जो पार्क कभी गंधा और बोरिंग लगता था आज वो ऐसे लग रहा जैसे किसी ने सफाई करी हो सभी पेड़- पोधे खूबसरत से दिख रहे थे।
पास जाके पेड़ को छुआ तो एक सुकून सा महसूस हुआ जैसे बचपन कि यादें ताज़ा हो गईं हो इसी पार्क में खेलते कूदते बड़े हुए इन पेड़ों को हम सब बच्चो ने लगाया था,
मैं खो सा गया कुछ पल के लिए फिर याद आया मुझे तो जाना हैं खैर मै यहां टाइम क्यों बेकार कर रहा हूं मुझे तो घूमने जाना है
मैं पार्क से निकल गया अपनी कॉलोनी के पीछे वाले रास्ते से जा रहा था, तभी मुझे कोई आवाज दे रहा था ...
सुबह के 10 बज गए थे मैं लेट हो रहा हूं... ये कहते हुए मैने पीछे देखा वहां मेरी आंटी थी, "छोटू आवाज क्यों नहीं सुन रहा मैं आवाज लगा रही हूं तू सुन क्यों नहीं रहा!
कहां रहने लगा कभी दिखता ही नहीं "
_ आंटी कहीं नहीं बस कुछ काम से जा रहा था
" अच्छा अब क्या कर रहा हैं कॉलेज तो तूने छोड़ दिया था"
_ मैने धीमी सी आवाज में कहा... कुछ नहीं कर रहा आंटी अच्छा आंटी मैं चलता हूं ,,
ओह गॉड !! मैं वहां से निकल गया और टैक्सी करी रास्ते में ही सोच लिया कहां जाना है गांधी बाग चलते हैं वहां बहुत लोग घूमने आते है और बहुत से प्रमी जोड़े भी शायद वहां से लिखने के लिए कोई इंस्पिरेशन मिल जाए,,
गांधी बाग़ आ गया टैक्सी वाले ने मुझे आवाज दी
"" गांधी बाग आ गया हैं....ओ अच्छा अंकल पता ही नहीं चला !
मन में कितने सवाल लिए जैसे किसी से मिलने जा रहा हूं सीधे अंदर गया पीछे से... ओ भाई कहां चल दिए... ??
जी अंदर जा रहा हूं घूमने
उसने मुस्कुराते हुए कहा भैया यहां घूमने का टिकट भी लगता है... मैने भी मुस्कुराते हुए ओह सॉरी में भूल गया था कितने का है ? .... 30 रुपए
ओके ।
काफी टाइम पहले आया था यहां , कभी दोस्तो के साथ आता जाता रहता था फाउंटेन वाली जगह मेरी फेवरेट है, वहां जाके बैठता हूं अभी दो मिनट नहीं हुए थे मुझे बैठे , की एक लड़की आयी... एक्सक्यूज मी क्या आप मेरी कुछ फोटो क्लिक कर सकते हैं...? एक्चुली मैं यहां अकेली आई हूं प्लीज....
मैं उसकी और देख ही रहा था, वो जाने लगी
उसने जाते हुए निराश हो कर कहा कोई बात नहीं
मैने आवाज दी रुको... हां मैं क्लीक कर देता हूं
वो खुश हो गई कहने लगी मैं काफी देर से देख रही थी लेकिन कोई मिला नहीं यहां सिर्फ कपल्स बैठे हुए है
थैंक्स ये लो मेरा फ़ोन फाउंटेन के पास ये अच्छी जगह हैं ठीक रहेगा ना ?
हां ये मेरी फेवरेट जगह हैं बहुत सुंदर जगह हैं और आप तो हैं ही
वो हंसते हुए बोली लाइन मार रहे हो वैसे आप को तारीफ करनी नहीं आती फाउंटेन के साथ तारीफ कर रहे हो
मेरी
मेरे फेस में मुस्कान थी
अच्छा अब क्लिक कर दो... ओके
मैने उस की कुछ तस्वीरें ली... , कर दिन आप देख लो कैसी आई हैं
हां ठीक तो आई है लेकिन ज्यादा अच्छी नहीं शायद मेरे फोन में इससे अच्छी नहीं आ सकती
मैने कहा क्या मैं अपने फ़ोन से क्लिक कर दूं
फिर से हूं... ओके कर दो
मैने उसकी काफी पिक्चर क्लिक कि , उसे बहुत पसंद आई
आप मुझे भेज दो हेय आप का नाम क्या हैं
राज... और आप का?
आयशा
मिल कर अच्छा लगा आप से, यहां मोस्टली कपल आते है
आप यहां क्या कर रहे है ??
ये तो मैं भी आप से पूछ सकत हूं !
अनीवे में काफी टाइम से घर से बहार निकला नहीं हूं इस लिए दिल बहलाने आया था
और तुम क्या करने आई हो ?
" मै पहली बार आई हूं यहां मेरी कोई फ्रेंड नहीं है इस लिए अकेले ही घूमती हूं या फैमिल के साथ "
मैने कहा ओह तो ये बात है मेरा भी अब कोई फ्रेंड नहीं है इस लिए में तो दो महीने से घर से बहार नहीं निकला...
हम वहां टहल रहे थे और मेरी नज़रें सिर्फ उसके मासूम से चहेरे को देख रही थी...
राज कहां खो गए मैं आप से कुछ कह रही हूं...
हां वो कहीं नहीं
चलो मैं आप को यहां कि और जगहें दिखाता हूं
हम काफी घूमे खूब बातें करी पहली बार किसी स्ट्रेंजर से इतनी बात करी और ऐसा लगा ही नहीं वो अजनबी है
हम ने प्रोमिस किया कि हमेशा टच में रहेंगे, आयशा को जाना पड़ा घर से कॉल आ गई थी, वो मेरठ की रहने वाली नहीं है आयशा मेरठ मामा के घर आई थी और गांधी बाग़ नजदीक था इस लिए वो यहां घूमने आ गई ,,
मैं फिर से उदास सा हो गया और अपनी डायरी में लिखना सुरु कर दिया थोड़ी देर हुई थी कि मैने किसी की आवाज सुनी देखा तो वो मेरे खास दोस्त थे जिन्हें मैं काफी पहले छोड़ चुका था, वो मेरे कॉन्टैक्ट में अब नहीं थे हम साथ ही बहुत बार आए है यहां... वो नजदीक ही आ रहे थे कि मैं लिखने लगा, उनकी आवाज मेरे कानों तक आ रही थी ऑये ये तो राज हैं यहां अकेले क्या कर रहा है अरे छोड़ ना अब हमे क्या मतलब उस से चल तू फोटो क्लिक कर...
उन्हें फ़ोटो का कितना जुनून हैं ये तो मैं ही जानता हूं,
उनकी फिर से आवाज आ रही थी अच्छा दिखा अरे यार तू बहुत बेकार फ़ोटो क्लीक करता है अच्छी नहीं खींचता सारी फोटो खराब कर दी अभी राज ह... क्या...?
कुछ नहीं चल कहीं और चलते हैं
वो वहां से चले गए उनकी बातें सुन कर मालूम हुआ की कभी भी सब कुछ खतम नहीं होता कुछ ना कुछ तो रह जाता हैं और फिर उन्होंने मुझे नहीं मैने ही उनसे मुंह मोड़ लिया ...
वो साले आज भी याद करते है मुझे
मैं स्टोरी लिखता रहा
एक लड़का आके कहता है
अरे भाई यहां से जाना नहीं है क्या? यहीं रुकने का इरादा हैं
कब दिन ढल गया पता ही नहीं चला मैं लिखने मै इतना व्यस्त था कि साम के 7 बज गए थे
मैं सीधे दौड़ते हुए एंट्रेंस गया और जल्दी से भार निकल गया मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मुझे जबरन रखा हुआ था
कोई टैक्सी भी नहीं मिल रही थी बड़ी मुश्किल से एक टैक्सी आती और मैं घर आ गया पूरे रास्ते ये ही सोच रहा था मुझे क्या हो गया था इतना व्यस्त कैसे हो सकता हूं जो इतना टाइम हो गया
घर आया तो सब मुझे ऐसे देख रहे थे मानो मैने किसी का मर्डर कर दिया हो
कोई कुछ नहीं बोला मेंने खाना खाया और सो गया
सुबह उठता हूं और बहुत तेज सरदर्द से फटने को तैयार मैं कहां हूं
ये क्या था मैं सच में गया था क्या ...गांधी बाग ??
ओह शीट शीट !!!
मैं सपना देख रहा था
मैं लेट हो गया कॉलेज भी जाना है अब क्या करूं..?
सरदर्द भी हो रहा है मैं जल्दी से रेडी हुआ और कॉल के लिए निकल गया
मैं क्लास में एंटर करता हूं सिर में आई कम इन
सिर: ये तुम्हारे आने का टाईम है..क्या कर रहे थे अभी तक
इतने लेट कैसे हुए
बहुत तेज आवाज में मुझे तो ऐसा लगा कि ये मुझे आज खा ही लेगा ई मींन मुझे लगा वो आज नाश्ता कर के नहीं आए शायद
तुम मेरे पीरियड में भाहर ही रहोगे
ओके ?
ओके स...
सब क्लास मेट हंस रहे थे मुझ पर
मैं क्लास से वाहर वॉल के साइड में खड़ा हो गया
ये क्या मुझ से कुछ दूर वाली क्लास के बाहर एक लड़की खड़ी हुई है लेकिन ये... तो बिल्कुल आयशा जैसी दिख रही हैं मैं अपनी आंखो को मसलता हूं क्या हो गया मझे अभी भ सपना देख रहा हूं क्या लेकिन वहां तो सच में आयशा जैसी लड़की खड़ी हुई थी,, मैं डिसाइड करता हूं जाके देखता हूं दिख तो बिल्कुल आयशा जैसी रही है
सर से पूछ कर जाता हूं
सर मैं टॉयल जा सकता हूं ? फिर से कुछ बच्चे हंस रहे थे
मैं बहुत ज्यादा एक्साइटमेंट में जा रहा था
मेरे कानों में धीमी धीमी सी आवाज आ रही थी
उठ जा सुन नहीं रहा...!!
ओए उठ जा कितना सोएगा छोटू उठ जा...
अरे क्या हो गया तुझे 10:30 बज रहे हैं कहां खो गया
मेरी बहन लगातार वोल रही थी और मैं खामोश था
जैसे मेरे साथ सब कुछ सच मै हुआ हो ओह गोड मैं इतने लंबे सपने क्यों देखता हूं
मैं सपना देख रहा था मुझे तो कॉलेज छोडें 2 महीने हो गए
तू फिर से सपना देख रहा था ?
ह वो हां
पागल उठ जल्दी ,, सपने भी अजीब होते है ना ह़ीक़त से ज्यादा सच्चे लगते हैं।
RajRathor_isolate_thinker.