नई दिल्ली
अमिताभ पार्क के बाहर शाम 6 बजे।
एक बहुत प्यारी सी लड़की उमर 21 वर्ष भोला मासूम और चुलबुला सा चेहरा और बेहद खूबसूरत लंबे घने बाल जो की पोनी टेल में थे।
एक ठेले वाले के पास जो गोलगप्पे के ठेले के पास खड़े होकर....
मैने कहा न मुझे यही खाना है। मुझे खाना है तो खाना है। साहिल सुनो ना ....
और फिर रोनी सूरत बनाकर _ जाओ आप मुझे आपसे बात ही नही करनी है।
उसके बगल में खड़ा एक लड़का जिसकी उमर 19 साल है लेकिन वो फिर भी लड़की से ज्यादा बड़ा दिख रहा है और मैच्योर भी।
वो उस लड़की का उदास चेहरा देखकर बोला तुम बहुत जिद्दी होती जा रही हो और मैं तुम्हारे नखरे उठा कर तुम्हे जिद्दी बनाए जा रहा हु चलो खा लो।
ऐसा कहकर साहिल उस लड़की का हाथ पकड़ लेता है जिसका नाम सदफ था।
और का चेहरे हसी से खिल जाता है और वो साहिल को हग कर लेती है।
साहिल तुम मेरी सारी जिद्द पूरी कर देते हो न कितने अच्छे हो तुम।
और तुम बिलकुल बच्ची हो बच्ची की तरह जिद्द करती हो ये चाहिए तो चाहिए।
क्या होगा तुम्हारा मेरी हीर।
वही होगा जो मंजूरे खुदा होगा सदफ ने साहिल की बात का जवाब देते हुए कहा।
फिर चहकते हुए ठेले वाले से_भैया दो प्लेट खिला दो।
फिर दोनो लोग गोलगप्पे खाने के बाद अलग हो जाते है।
साहिल उन्हे पैसे देता है।
और फिर सदफ के पास आकर _बस या और कुछ अब घर चले।
हां अब घर चलते है लेट हो गया है बहुत जल्दी चलो।
फिर साहिल बाइक पर बैठ जाता है और उसके पीछे सदफ बैठ जाती है।
फिर सदफ बोली_ साहिल हम हमेशा साथ रहेंगे न?
जिसपर साहिल बोला _हमम।
फिर कुछ देर बाद दोनो एक रोड पर पहुंचे और साहिल ने बाइक रोकी तो सदफ उतर के उसके पास खड़ी हो गई।
अब क्या है तुम बहुत बदमाश होती जा रही हो आजकल चलो घर जाओ और जाकर मैसेज कर देना।
उसकी बात पर सदफ ने उसका हाथ पकड़ा और खुद से उसके हाथ पर एक किस कर लिया।
और बोली अब ठीक है और हस दी। फिर वो भागते हुए उसे बाय बोली तो साहिल भी मुस्कुरा दिया।
साहिल ने अपनी बाइक मोड़ दी और चला गया।
सदफ के घर।
सदफ घर पहुंची तो अपनी अम्मी के पास जाकर गले लग गई मैं आ गई.... चिल्लाते हुए बोली।
इसपर उसकी मां ने बोला कब तक ऐसे रहेगी बड़ी हो जा सब जानते है घर की बड़ी बेटी तू है और छोटी सायला लेकिन फिर भी सब तुझको छोटी समझते है।
उनकी बात से सदफ मुंह बना लेती है और बोलती है मैं जैसी हूं वैसी ही रहूंगी और जिसने भी मुझे बदलने की सोची मैं उसको हाथ पाव तोड़कर फिर उसके चेहरे का नक्शा बदल दूंगी।
उसकी बात पर सायला और समर जो उसका बड़ा भाई था दोनो हसने लगते है।
फिर समर बोला अम्मी ये घर की छोटी है इसे बड़ी मत कहा करो छोटी बाबू है।
उसके बाबू कहने से सदफ फिर से चीड़ गई और बोली मैं छोटी हु या बड़ी ये आपको बताने की जरूरत नही है आप तो लंबे ऊंट हो।
फिर समर को छोड़कर सब हंस देते है।
सदफ बोली अम्मी बहुत भूख लगी है।
तो सदफ मां ने खाना लगाया और फिर समर सायला और सदफ और सदफ की मां जिनका नाम सकिला था वो भी साथ बैठ कर खाने लगी।
साहिल का घर।
ये एक फ्लैट था जिसमे चार रूम थे।
एक रूम में साहिल जाकर बैठ गया तो उसकी मां आई ... आ गए बेटा कैसा रहा आज का दिन...
तो साहिल बोला जी अम्मी जी अच्छा था उसके फेस पर एक स्माइल थी।
उसकी अम्मी जिनका नाम राबिया था उन्होंने उसका फेस देखा तो मुस्कुरा दी।
तभी वहा एक लड़की आई जो करीब 25 साल की थी काफी बोल्ड और स्ट्रेट फॉरवर्ड नेचर नो स्टाइल नो मेकअप लेकिन खूबसूरत वो सिंपल से टी शर्ट और प्लाजो में थी।
और साहिल क्या बात है आज कल बहुत चहकने लगे हो इसका राज आज खोल ही दो।
ऐसा कुछ नही है माहिरा आपी आप फोकट में मुझे बलि का बकरा मत बनाओ भाई को बनाना उनके पास इसे बहुत सीक्रेट है।
उसकी बात पर माहिरा जो साहिल और साहिर की बड़ी बहन थी बोली बात तो बिलकुल सही बोली तूने वो साहिर आज कल बहुत हवा में उड़ रहा है।
मैं देख रही हूं रात रात भर बालकनी में फोन लिए बात करता रहता है।
आज तो उसकी चिड़िया का पता लगाना पड़ेगा जो अपने पंखों से ही उसे उड़ाए जा रही है।
उसकी बात पर साहिल हसने लगता है और माहिरा भी हसने लगती है।
राबिया किचेन में खाने की तैयारी कर रही थी उनके यहां खाना लेट ही खाया जाता था क्युकी उनके बड़े बेटे साहिर का बिजनेस था और वो उसे ही देखते थे मीटिंग्स वगैरह हैंडल करते थे और साहिल उनके ऑफिस के स्टाफ को मैनेज करता था।
माहिरा अब साहिल से बोली_ चल साहिल उठ जा अब चलते है।
तो साहिल ने हैरानी से कहा _ हैं अभी तो आया हु थका हुआ हूं अभी कहा जाना है। नही अभी कही नही आपी प्लीज।
तो माहिरा बोली अभी वो लड़की बोलती न तो फट से चला जाता हैं न।
उसकी बात सुनकर साहिल न में सर हिलाकर_ ऐसा फेस बनाते हुए जैसे वो इस बात से अनजान है कौन लड़की?
चल अब बन मत मुझे सब पता है लेकिन ये मैं बाद में बताऊंगी की कैसे पता है अभी चल भूख लगी है चिली और मोमोज खाने चलते है।
अब साहिल उसे मना नही करता है और दोनो लोग चले जाते है।
कुछ देर में माहिरा एक प्लेट चिकन चाउमीन चिल्ली पोटेटो और मोमोज पैक करा लेती है और दोनो घर आ जाते है।
घर आकर साहिल बोला जब आपको पैक ही करना था मुझे क्यों बोला जाने ले कर आ जाती खा लेते हम।
तो माहिरा बोली वो इस लिए क्युकी मुझे तुझे लेकर जाना था समझे और मुझे अकेले जाने का मन नहीं था चल जा अब प्लेट लेकर आ।
वो अपनी बहन की बातो से मुंह बनाकर किचेन से प्लेट लता है और अपनी अम्मी को भी खाने को बोलता है।
फिर सब मिलकर खाते है।
आज के लिए इतना ही
मेरी दूसरी स्टोरी ये इश्क नही जुनून है उसे भी पढ़िएगा।
और चैप्टर अच्छा लगे तो लाइक शेयर कमेंट कर दीजिएगा।
मिलते है नेक्स्ट चैप्टर में तब तक के लिए bye everyone 🥰🥰🥰