1 A stranger hot men

Delhi , India ,

evening in the Inderprasth park

इंद्रप्रस्थ पार्क में अकेले बैठे हुए करीब दो घंटे हो चुके थे , धीरे धीरे सुनहरी शाम , रात के अंधेरे में बदल रही थी ,, फोन निकाल कर टाइम देखा तो शाम के 6:30 बज चुके थे । फोन की स्क्रीन पर मैंने उंगलियां फिराई और उसे लॉक कर के फिर से बैठ गया ।

" हे ,,,शायद तुम यहां किसी का इंतजार कर रहे हो " उसकी भारी भरकम मर्दाना आवाज ने मेरा ध्यान अपनी ओर खींचा, मैने उसे देखा तो वह कोई 25 - 26 साल का जवान लड़का था , चेहरे पर उसके मर्दाना भाव थे ,बियर्ड बढ़ी हुई थी जैसे करीब महीने भर से उसने सेव नही की हो लेकिन सेटिंग कराई हुई थी उस की मूछों ने उसके ऊपर के होठ को आधा ढक रखा था , उसके बाल थोड़े लंबे थे जो कभी कभी बाते करते हुए उसके गालों को छू जाते थे , हाईट करीब उसकी पांच फीट आठ इंच होगी , रंग गेहुआ था वह मस्कुलर तो नही था लेकिन कसा हुआ मर्दाना बदन का मालिक था , जिस पर उसने अपनी शर्ट के ऊपर वाले दो बटन खोल रखे थे जिसके अंदर से उसकी मर्दानगी की पहचान कराते हुए सीने बाल बाहर झांक रहे थे ,जो हल्के पसीने में भीग चुके थे । अक्सर मैने सुना था मर्द का सीना बालो से ही मर्दाना बनता है , वह आकर मेरे ही साइड में आकर बैठ गया ।

" आपको मतलब ,,, वैसे आप कौन " मैने उसे थोड़े गुस्से में जवाब दिया , तो वह मुस्कुराने लगा

" मैं ,,, मैं समीर हूं ,,, वैसे मुझे तो कोई मतलब नहीं ,, बस आपको काफी देर से अकेले बैठे देखा तो आपके पास चला आया , अब आपके जैसा इतना सेक्सी लड़का , अकेला बैठा हो तो, कोई भी आपको कंपनी देने आ ही जायेगा , तो मैं ऐसा मौका हाथ से जाने क्यों दूं ,,,भला " उसने बेफिक्र बिंदास होते हुए ऐसे कहा जैसे पुरानी जान पहचान हो , उसका अंदाज काफी फ्रैंकली था , या अनजान लोगों से जान पहचान बनानी उसकी हॉबी थी ।

" आप ने ये तारीफ की है या फिर मुझे ताना मारा है " मैने मुस्कुराते हुए पूछा

" बंदे ने तो आप की तारीफ की है ,लेकिन ,,माफी चाहता हूं आपको ताना लगा हो तो " उसने अपने हाथो से कान पकड़ते हुए कहा

वैसे ये बात सच ही थी शायद , मैं देखने में एवरेज सुंदर हूं , गेहूंआ रंग , स्लिम फिट बॉडी , और डार्क ब्राउन आंखे जिनकी तारीफ मेरे अक्सर दोस्त करते थे , डार्क गोल्डन ब्राउन बाल , कोई भी मर्द मेरी तरफ बहुत जल्दी अट्रैक्ट हो जाता है । अधिकतर मेरे दोस्त कहते थे की यार तू काफी अट्रेक्टिव है ,,,मेरी लगभग चाल ढाल शरीर की बनावट एक कमसिन लड़की के जैसी है , जब मैं अपने दोस्तो के साथ कही घूमने जाता था तो कुछ दोस्त मेरी गान्ड को देखकर मजाक में हाथ फिरा देते थे तो मेरे तन बदन में चुदने की लालसा बढ़ जाती थी , तो कुछ दोस्त कहते थे की यार जब तू चलता है तो तेरी गांड़ को देख कर हमारा खड़ा होने लगता है मैं उनकी बाते हंसी में में टाल देता था ।

" इट्स ओके ,,,मेरा ऐसा कोई मतलब नहीं था , अब ऐसे कोई स्ट्रेंजर आपके पास खुद चल के आए और तारीफ करे , अजीब तो लगेगा ना थोड़ा " मैने उससे बात करनी शुरू की , उसके चेहरे पर उगी उसकी घनी मर्दानी दाढ़ी मूछ देख कर मेरा बदन उसके मर्दाना जिस्म के आगोश मे जाना चाह रहा था , में बार बार उसके चेहरे को देख रहा था , पर उससे ज्यादा मैं उसकी जींस के ज़िप के उभार को गौर से देख रहा था , जिसे वो बाते करता हुआ बार बार एडजेस्ट कर रहा था शायद उसके लन्ड का जींस के अंदर दम घूट रहा था ,वह उसकी जिप से बाहर आने के लिए तड़प रहा हो जैसे , उसकी जिप का उभार काफी फूला हुआ दिख रहा , जिसको देखते हुए शायद उसने मुझे एक दो देख लिया था ।

" वैसे इतनी देर से आपने अपना नाम नहीं बताया " उसने फिर अपने लन्ड को जींस के अंदर एडजेस्ट करते हुए सवाल किया

" मेरा नाम अमीश रॉय है , और गाज़ियाबाद का रहने वाला हूं , मैं यहां दिल्ली अपने दोस्त के साथ घूमने आया था , मगर मैं जिस दोस्त के साथ आया था उसका नंबर नही लग रहा ,,शायद उसका फोन ऑफ हो गया होगा , और मैं यहां किसी को जानता भी नहीं , तो मैं उसके फोन आने का इंतजार कर रहा हूं ,,,वापिस गाज़ियाबाद में जा नही सकता क्योंकि कल मुझे यहां दिल्ली में कुछ काम है और जिस होटल में हम रुके है उसका पता मुझे मालूम नही ,,, " मैने डरते डरते उसे अपनी प्रॉब्लम बताई , तो वो मुझे तीखी नजरो से देखने लगा

" ओह तो ये बात है ,,,तो आप टेंशन क्यों लेते है ,,,अब हम भी तो दोस्त बन चुके है ,,, हो सकता है आपका दोस्त आपको बाद में फोन करे ,,आप किसी होटल में कमरा लेकर रह सकते है या आप मेरे घर चल सकते है मगर मेरे घर चलना आपको ठीक ना लगे तो आप रूम ले लीजिए और रात आराम से गुजारिए ,,,हो सकता आपका दोस्त आपको कॉल करे और ना भी करे तो सुबह आपको जिस काम के लिए जाना वहां जाइए और बस आपकी टेंशन खत्म " उसने मेरे सामने दो ऑफर रखे , में उसे देखता रह गया की उसने कितनी जल्दी मेरी प्रॉब्लम सॉल्व कर दी ।

" मैं कमरा तो ले सकता हूं मगर अकेले मुझे डर लगता है ,,में अकेले होटल में सेफ महसूस नहीं कर पाता ,,, इसलिए यहां पार्क में बैठ कर उसके फोन का वैट कर रहा हूं " मैने उसे कहा तो वह हंसा और फिर बोला

" अकेले सैफ फील नहीं करते ,,, " वह मुस्कुराया और फिर बोला

"समझ गया कही कोई तुम्हे अकेले होटल के कमरे में पाकर कोई तुम्हारी इज्जत न लूट ले " वह छेड़ते हुए बोला तो मैने मन ही मन कहा काश की वो कोई तुम हो तो कितना अच्छा हो ,

" डॉन्ट बी किडिंग यार , आईएम सीरियस" मैने उसे तिरछी निगाहों से घूरते हुए कहा , और देखा की उसकी जिप का उभार इसके सहलाने से बड़ा होता जा रहा था । मेरी नजर उसकी जिप पर रुक गई ।

" ओह तो आपकी इस प्रॉब्लम का भी मेरे पास सॉल्यूशन है " उसने मुझे उसकी जिप को गौर से देखते हुए देखा , और मुस्कुराया

" क्या ?" मैने उसके देखते ही नजर हटा ली ,,

" आप माइंड न करे तो मैं आपके साथ रुक सकता हूं " उसने थोड़ा सोच कर कहा , उसे लगा शायद में ना करुगा मगर उसकी इस बात को सुन कर मेरा मन और गांड़ मचल उठी ,,, मैने एक नजर फिर उसकी जींस के उभार पर डाली इस बार उसने मुझे देखते हुए देख लिया था , उसके होठों पर एक कातिल सी मुस्कान आई , तो मैं देख कर उसे मुस्कुराया ,उसने अपने होटों पर जीभ फिराई ,

" आर यू श्योर ,,आप रुक सकते हो और आपकी फैमली कुछ न कहेगी, आप मेरे लिए इतनी तकलीफ न उठाए " मैने कॉन्फ्रम करने के लिए कहा

" अगर आप चाहे तो रुक सकता हूं " उसने मुस्कुरा कर अपना लन्ड सहलाया ,

" ओके ,,,चलो एक नए दोस्त की कम्पनी में रात गुजार कर देखते है ,," मैने उसके ज़िप को देखते हुए कहा तो उसने अपनी उंगली और अंगूठे से पेंट के ऊपर से अपना लन्ड थाम कर सहलाया , तो मेरी गान्ड में गुदगुदी सी हुई ,

" कंपनी पसंद ना आए तो कहना ,, वैसे अक्सर मैं जिससे एक बार मिलता हूं वह फिर बार बार मिलने आता है " उसने अपनी मूछों को ताव दिया तो उसके मर्दाना अंदाज पर मेरा दिल आ गया ।

बाहर निकलते हुए मैने पूछा

" यहां से होटल के लिए कहां जाना होगा "

" करोल बाग ,,, वहां काफी होटल है ,,और पास में भी है " उसने साथ चलते हुए कहा

" कितनी दूर होगा "

" यहां से पैदल चलेंगे तो 15 -20 मिनट में पहुंच जाएंगे ,,, और चाहो तो ऑटो से भी जा सकते है " उसने पार्क के गेट के सामने रुक कर कहा

" ठीक है पैदल चलते है फिर आपके बारे मे जानने का टाइम भी मिल जाएगा "

रात का अंधेरा बढ़ गया था हम दोनों फुटपाथ पर पैदल चल पड़े ।

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to be continue

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