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real story of life part by part

real story of life part by part

Subir_Khan · Realistic
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30 Chs

real story part(9)

 उस डॉक्टर की लापरवाही ये थी के उस ने मेरे पापा को प्लास्टर का चार्ज 5000 रुपये बताये थे. लेकिन मेरे पापा के पास मात्र 3000 रुपये ही थे डॉक्टर को देने के लिए और नही तो ये कारण भी हो सकता है के मेरे हाथ की जो हड्डी टूटी थी उसे ठीक तरह से जॉइंट नही किया हो और ये बात अंत मे पता चल ही गयी थी बताऊंगा आपको कहानी पड़ते रहिये.

हुआ यूं कि वो डॉक्टर ने हमलोग को अपना जवाब दे दिया के मुझ से ये ठीक नही होगा किसी और डॉक्टर के पास आपलोग जाईये तो फिर हमलोग वहां से कोलकाता चले गए मेरे छोटे चाचा के यहाँ.पैसा तो हमलोग के पास था नही मेरे घर का बहुत बुरा वक्त चल रहा था वो इसलिए के कुछ ही दिन पहले मेरे पापा ने मेरी एक बहन की शादी की थी और ये हादसा हो गया जब हमलोग कोलकाता के डॉक्टर से चेकअप करवाया तो उसने कहा ये हाथ अब ठीक नही होगा इसके अंदर कीड़ा हो गया है और कैंसर भी होने का खतरा है इसलिए एक ही रास्ता है के ये हाथ काटना पड़ेगा तभी ठीक होगा वरना पूरे शरीर मे ज़हर फैल जाएगा अब हमलोग क्या करें कहाँ जाए कुछ समझ मे नही आरहा था लेकिन हमलोगों ने हिम्मत नही हारी और डेली हमलोग सुबह का नाश्ता करने के बाद घर से डॉक्टर की तलाश में निकल जाते थे यही सोचकर के कोई डॉक्टर तो होगा के बिना हाथ काटे ठीक करदे मतलब हाथ काटना न पड़े रोज़ हमलोग करीब दस डॉक्टर से मिलते थे सभी का एक ही कहना रहता था के हाथ काटना पड़ेगा लेकिन फिर भी हमलोग ने हिम्मत नही हारी ऐसे ही करते करते लगभग एक हफ्ता बीत गया आठवे दिन हमलोग रोज़ की तरह ठीक समय पर घर से निकल गए और डॉक्टर से मिलने का सिलसिला शुरू होगया और मेरे हाथ का भी बहुत बुरा हाल था इतना दर्द हो रहा था के आपसे क्या कहूँ ये तो मैं ही जानता था पूरे हाथ मे सूजन आगया था हमलोग जैसे ही डॉक्टर का चक्कर लगाते लगाते पांचवे डॉक्टर के पास पहुंचे उस दिन के हिसाब से वो पांचवा डॉक्टर था एक पतला से डॉक्टर उसकी उम्र यही लगभग 35 साल की होगी .

उस डॉक्टर ने मेरा रिपोर्ट देखा पूरा स्टडी किया और फिर हमलोगों से कहा के मेरी बात पूरी तरह से समझ लीजये और फिर सोच कर बोलिये क्या करना है मेरी बात ये है के मुझे दस परसेंट कॉन्फिडेंट है के मैं ये हाथ ठीक करदूंगा और 90 परसेंट सोचकर चलिए के हाथ काटना पड़ेगा अब आपलोग आपस मे फैसला किजये के क्या करना है और एक बात और के मैं अभी अभी डॉक्टर बना हूँ।

 मुझे सर्टिफिकेट हासिल किए हुए मात्र दो साल हुए हैं लेकिन मुझे दस परसेंट की पूरी उम्मीद है के मैं इस हाथ को ठीक कर सकता हूँ और 90% नही अब आपलोग बोलिये क्या करना है लेकिन दोस्तों मरता क्या नही करता हमलोगों ने फैसला यही किया के अभी तक जितने भी डॉक्टर के पास गए सभी डॉक्टरों ने 100%कहा हाथ काटना पड़ेगा लेकिन ये डॉक्टर तो 10% की उम्मीद और भरोसा दे रहा है के ठीक करदूंगा।

तो हमलोग ने डॉक्टर से कह दिया के एडमिट किजये और ऑपरेशन की तैयारी किजये बस फिर क्या था डॉक्टर साहब ने एक फॉर्म भरने को कहा और फिर हॉस्पिटल में एडमिट कर लिया और दूसरे दिन की तारीख तय कर दिया ऑपरेशन का  दूसरे दिन दस बजे मुझे ऑपरेशन थेटर में लेजाया गया और मुझे बेहोश कर दिया गया जब मैं होश में आया तो डॉक्टर ने मुझे अपना अंगूठा दिखाया ok वाला।

मैं होश में आया तो था पर मुझे ठीक से दिखाई नही दे रहा था। पर इतना समझ गया था के ऑपरेशन सक्सेस हो गया है और फिर मेरी नज़र घड़ी पर गयी तो पूरे दस बज रहे थे रात के। मतलब पूरे 12 घंटे का ऑपरेशन हुआ था मेरे हाथ का।

ऑपरेशन के कुछ देर बाद जब मैं पूरी तरह होश में आगया तो मैंने अपना एक पैर हिलाने की कोशिश की तो मेरी कमर के पास बहुत ज़ोर का दर्द महसूस हुआ तो फिर डॉक्टर ने कहा के वहां पर से थोड़ी सी हड्डी निकाल कर मैंने तुम्हारे हाथ मे लगाई है और कैसे ऑपरेशन किया डॉक्टर ने पूरी बात बताऊंगा दोस्तो अगले पार्ट में पार्ट 10 में 

           Real story

Translate in to english

The negligence of that doctor was that he had told my father the charge of plaster Rs 5000.  But my father had only 3000 rupees to give it to the doctor, otherwise it could also be the reason that the bone which was broken in my hand has not been properly jointed and it was known in the end.  I will tell you the story, keep reading.

 It happened that the doctor gave his answer to us that it will not be right for me, if you go to some other doctor, then we went to Kolkata from there to my younger uncle's place. We did not have money from my house.  Very bad time was going on that's because few days back my father had married one of my sister and this accident happened when we got checkup done by Kolkata doctor, 

he said that this hand will not be fine now it got worm inside it  And there is a risk of getting cancer, so there is only one way that this hand will have to be cut, then it will be fine otherwise the poison will spread in the whole body, now we did not understand what to do, where to go, but we did not lose courage and daily we are in the morning.  

After having breakfast, he used to go out of the house in search of a doctor, thinking that there would be a doctor without cutting his hands, that means, we did not have to amputate our hands, every day we used to meet about ten doctors, all had the same saying that cutting hands.  But still we did not lose courage, doing like this, almost a week passed, on the eighth day we left the house at the right time as usual and the doctor  The process of meeting Su started and my hand was also in very bad condition, it was hurting so much that what to say to you, only I knew that there was swelling in the whole hand, as soon as we were circling the doctor, we reached the fifth doctor  According to that day, he was the fifth doctor, a thin doctor, his age would be about 35 years old.

 That doctor saw my report, did a complete study and then told us to understand my point completely and then after thinking and say what to do, my point is that I am ten percent confident that I will fix this hand and after thinking 90 percent  Let's have to cut my hand, now you decide what to do and one more thing that I have just become a doctor, it has been only two years since I got the certificate but I have ten percent full hope that I can fix this hand  I can do and not 90%, now you tell me what to do but friends do not die, we have decided that all the doctors who have gone to so far have said 100% that they will have to amputate their hands, but this doctor expects 10%  And giving assurance that I will fix it, then we told the doctor to admit and prepare for the operation, 

what was it then the doctor asked to fill a form and then admitted to the hospital and fixed the date for the second day  On the second day of the operation at ten o'clock I was taken to the operation theater and I was sedated when I regained consciousness  So the doctor showed me his thumb, ok, I was conscious but I was not able to see properly, but I understood that the operation was successful and then I looked at the clock, it was ten o'clock in the night.  Means my hand was operated for 12 hours.

 After some time after the operation, when I was fully conscious, I tried to move my one leg, I felt very strong pain near my waist, then the doctor said that after removing a little bone from there, I put it in your hand.  Have applied and how the operation was done, the doctor will tell the whole thing, friends, in the next part, in part 10