Chapter - 05
{ स्कूल का सिस्टम,,,, ! }
Pre - cap ⇢ ''मुझे मालूम ही था की में नहीं जीत पाऊंगा ! मुझे वक्त रहते ही यहाँ से चले जाना चाहिए था।'' इतना सब यूवी सोच ही रहा होता है की तभी फिरसे एक जड़ यूवी के सामने आके खड़ी हो जाती है और उन हमलो को रोक देती है। ये देखकर यूवी हैरान हो जाता है वो तुरंत पीछे मूड कर देखता है।
युवी को सिस्टम से चुनौती मिलने के बाद,
यूवी के सामने वही दो लड़के खड़े हुए थे जो कुछ देर पहले यूवी को धमका रहे थे और मारने की कोशिश कर रहे थे। यूवी को उसके सिस्टम से चुनौती मिलती है जिसे देखने के बाद यूवी सोच में पड़ जाता है।
''मुझे लड़ना चाहिए ! या फिर नहीं'' पर यूवी कुछ आगे कर पाता या सोच पाता उससे पहले ही यूवी के ऊपर वो लड़का अपने पृथ्वी की शक्ति से हमला करने लगता है।
''अब ये ले ! संभाल ,तेरे बेहोस हो जाने के बाद में तेरे सारे पैसे ले लूँगा।'' वो लड़का अपने हाथ से ठीक वही हमला करता है जो टेस्ट के दौरान हुए थे। वो लड़का सिर्फ अपने हाथ से अभी मिटटी के बॉल ही फेक पा रहा था अपने हाथो से ,जिससे यूवी आराम से बच जाता है क्यूंकि यूवी ने टेस्ट में इससे भी ते हमले को चकमा दिया था।
वो लड़का फिर मुस्कुराता है और यूवी की ज़मीन की मिट्टी को वो अपनी शक्ति से थोड़ा सा फिसलने वाला बना देता है जिसके बाद यूवी गिर जाता है।
''मुझे मालूम ही था की में नहीं जीत पाऊंगा ! मुझे वक्त रहते ही यहाँ से चले जाना चाहिए था।'' इतना सब यूवी सोच ही रहा होता है की तभी फिरसे एक जड़ यूवी के सामने आके खड़ी हो जाती है और उन हमलो को रोक देती है। ये देखकर यूवी हैरान हो जाता है वो तुरंत पीछे मूड कर देखता है।
''जिया तुम !'' युवी के पीछे जिया ही होती है जो यूवी को बचाती है।
''लगता है इस बार फिरसे ये बच गया ! लेकिन अपने कमरे में तो तू आएगा ही ना ,तब तुझे में देख लूँगा।'' इतना कहकर वो हीलिंग पावर वाला लड़का और पृथ्वी की शक्ति वाला लड़का भाग जाते है।
यूवी उठते हुए जिया से कहता है।
''तुम्हारा थैंक्स ! अगर तुम नहीं आती तो शायद मेरे सभी पैसे वो लोग ले लेते।'' लेकिन जिया उसका कोई जवाब नहीं देती है और बस यूवी को इग्नोर करके चली जाती है ये देखकर यूवी कहता है।
''अजीब लड़की है ! पहले मदद करेगी फिर जब कोई थैंक्स कहेगा तो उसको जवाब भी नहीं देगी ,खैर अभी के लिए मुझे अपने कमरे को बदलवाना होगा नहीं तो ये दोनों फिरसे मेरे पीछे पड़ जाएंगे।'' इतना कहकर यूवी सीधा एक्सामिनर के पास चला जाता है और एक्सामिनर आधे घंटे के अंदर ही यूवी का कमरा भी चेंज करवा देते है।
यूवी अभी ग्राउंड से मयंक के कमरे में जा रहा था क्यूंकि एग्जामिनर ने यूवी को मयंक का रूममेट बना दिया था। तभी यूवी को एक खाली जगह से कुछ लड़को की आवाज़ सुनाई देती है।
''आज के तूने पैसे खर्च कर दिए और वो भी सारे ! हमने कहा था न तुझे के तेरे पैसो में से आधा हिस्सा हमारा होगा ,तभी तुझे हम लोग परेशान नहीं करेंगे ,लगता है तू ये बात भूल चुका है।'' वहां पर पांच लड़के मौजूद होते है। तीन लड़के जिनके पावर लेवल चार और चार पॉइंट पांच होते है। दो लड़के ,जिनमे से पहले लड़के का पावर लेवल दो होता है और दूसरे लड़के पावर लेवल दो पॉइंट तीन होता है।
वो दोनों लौ लेवल के लड़के ज़मीन पे गिरे होते है और उनके हाथो को उन तीनो लड़को में से एक लड़का अपने पैर से मसल रहा होता। जब दोनों लड़के दर्द को सेहेन करने की कोशिस कर रहे थे तो वो लड़का और भी ज़ोरो से उन दोनों लड़को के हाथो मसलने लगता है।
''ये स्कूल तो मेरे पहले वाले स्कूल से भी ज्यादा बत्तर है ! यहाँ पर तो कम पावर लेवल वाले को ये सब कुछ समझते ही नहीं है।'' यूवी उन दोनों लड़को की मदद करना चाहता था मगर यूवी को अपनी सीमा पता थी। वो जानता था की वो कुछ नहीं कर पाएगा इन लोगो के सामने उल्टा वो और भी ज्यादा मुसीबत में ही फंस जाएगा।
वो वहां से ज़बरदस्ती चला जाता है। यूवी को इस स्कूल का सिस्टम जैसा पहले लगता था अब वैसा बिलकुल भी नहीं लग रहा था। डब्लु टी स्कूल जाना जाता था अपने प्रतिभा के कारण और सबसे बड़ी बात उनके स्कूल के स्टूडेंट्स की वजह से। वहां के स्टूडेंट्स काफी शक्तिशाली बनकर ही निकलते थे।
मगर ये सब अब यूवी के सामने आ रहा था ,जहाँ पर आने के लिए वो कई रिक्वेस्ट भेजा करता था अब वो वहां पोहोचने के बाद यहाँ से निकलना चाहता था। यूवी अपने कमरे में जाता है जहाँ पर मयंक नहीं था।
''मयंक नहीं है ! सायद वो स्कूल घूम रहा होगा।'' युवी कहता है और कमरे में आने के बाद अपने सामान देखने लगता है। वहां पे तीन बेड थे ,इसका मतलब था की जल्द ही कोई नया रूममेट भी उनके रूम में आ सकता है।
जब यूवी अपने बिस्तर को छू कर देख रहा होता है तो तभी उसके रूम का दरवाज़ा खुलता है और वहां से मयंक चलते हुए आता है।
''मयंक ! तुम स्कूल देखने के लिए गए थे।'' यूवी पूछता है मगर मयंक बस अपना सिर हाँ में हिला देता है और सीढ़ी से ऊपर वाले बेड पे जाकर लेत जाता है। ये कुछ अजीब लगता है यूवी को।
मयंक जान - बूच कर यूवी से नज़रे नहीं मिला रहा था। मयंक अपने बिस्तर पे रखे बैग से कुछ कपडे निकालता है और अपने हाथ पे लगे ज़ख्म पर लपेट लेता है। मयंक के हाथो से खून बेह रहा होता है।
( क्यों मयंक के हाथो से खून बह रहा था और उसको ये ज़ख्म कैसे लगा ? क्या मयंक ने किसी से लड़ाई की है ? क्या करेगा आगे यूवी ? यूवी आखिर कैसे इस समाज के सिस्टम को सुधारेगा ? क्या होगा आगे जानने के लिए पढ़ते रहिये मेरी ये नॉवल। )