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फुल गर्लफ्रेंड

मैं इंटरमीडिएट पास हो जाता हूं फिर उसके बाद मुझे लगता है क्या किया जाए इंजीनियरिंग में एडमिशन ले लिया जाए मैं कानपुर पॉलिटेक्निक से फॉर्म भर देता हूं एंट्रेंस एग्जाम देता हूं उसमें क्वालीफाई हो जाता हूं फिर जाता हूं एडमिशन लेता हूं फर्स्ट ईयर बहुत बिंदास निकलता है मेरा रियली कूल बिल्कुल मेरी दोस्ती यारी हो जाती है एक मेरे यहां का ही एक बहुत अच्छा फ्रेंड रहता है जिसका नाम है मनीष 1,2 और बेस्ट फ्रेंड रहते हैं उसी में एक ऐसा दीपक यादव सेकंड ईयर में मैं उसका पार्टनर बन जाता हूं मनीष की पहले से एक गर्लफ्रेंड रहती है दीपक भी एक लड़की को प्रपोज कर देता फर्स्ट ईयर में उससे बात किया करता रहता है जब सेकंड ईयर में मेरे साथ रहता है रूम में तो वह उस लड़की से बात करता रहता है मेरा भी बहुत मन करता है बात करने का और मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं रहती है तो दशहरे की छुट्टी में पहली बार सेकंड ईयर में जब मैं घर आता हूं एक फ्रेंड मुझे बताता है कि तेरे मोहल्ले में एक बहुत अच्छी लड़की है मैं कोशिश कर रहा हूं बात करने की और जल्दी हो मुझसे बात करने लगेगी तो मैं उस लड़की को जानता रहता हूं लेकिन मुझे पता नहीं रहता वह कितनी बड़ी है तो मैं घर के पास एक दुकान है वहां पर बैठा रहता हूं लड़की वहीं पर आती है तो मुझे याद आ जाता है क्यों लड़का इसी के बारे में बता रहा था मैं उसे अच्छे से देखता हूं और देखता रहता हूं काफी देर तक जैसे हो मुझे भी देखते रहती है दुकान में एक लड़की बैठती है जिसकी दुकान है उससे वह बोलती है कि देखो मेरा बैग अच्छा है तो वह बोलती है हां अच्छा है तो मैं उसमें एक लॉकेट लगा रहता है बैग में तुम्हें बोलता हूं बैक तो अच्छा है लेकिन यह लॉकेट और ज्यादा अच्छा है तो मेरे तरफ घूरती है और वहां से चली जाती है बस बोल लड़की उसी दिन से मुझे पसंद आ जाती है मैं उससे बात करने की कोशिश करने लगता हूं मुझे डर रहता है कैसे बात करो तो दुकान में लड़की से मैं बोलता हूं कि मुझे बात करना है उससे तो कहती नहीं मैं कुछ नहीं कर सकती तुम्हारे लिए मैं बोला प्लीज बहुत रिक्वेस्ट करता हूं उससे तो वह अपना नंबर दे देती है मुझे और बात नहीं कर पाती ना कुछ भी बोलती है जब मैं कॉलेज फिर पहुंचता हूं तब मेरे पास कॉल करती है कहती है पहुंच गए कैसे हो तुम्हें बोलता हूं कुछ ठीक-ठाक नहीं है बस उससे बात करवा दीजिए आप तो कहती है लड़की के चक्कर में मत पड़ो पढ़ाई कीजिए मैं बहुत कोशिश करता रहता हूं बात करने के लिए लेकिन बात नहीं करवाती दुकान वाली लड़की से रोजाना बात होने लगती है फिर मैं बार-बार बोलता हूं उससे बात करवाने के लिए तो एक दिन वह बात करवाती है तो मैं उससे बोल देता हूं ठीक है आप वहां से दूर हट कर बात करो और मैं कहता हूं उससे बात करने के लिए कि प्लीज मुझे आपसे बात करना है वह मना कर देती है कितनी नहीं मुझे बात नहीं करना है बताओ प्लीज आप कभी कभी तो बात कर लिया कि करिए मेरी पढ़ाई नहीं हो पा रही है तो कहती है कि ठीक है मुझे बात नहीं करना मैं घर जा रही हूं मैं बोलता हूं प्लीज कहती है ठीक है बाद में बात करूंगी अभी मैं घर जा रही हूं और चली जाती है फिर ऐसे ही धीरे-धीरे बात होने लगती है उससे फिर मैं घर जाता हूं दोबारा तो उसको मैं मोबाइल दे देता हूं फिर मेरी बात उससे अक्सर होने लगती है मुझे बहुत अच्छा लगता है बात करने में उससे मैं बिना उसके एक पल नहीं रह पाता धीरे-धीरे उसे भी मुझे प्यार हो जाता है और हम दोनों लोग रात रात भर बात करने लगते हैं धीरे-धीरे जैसे तैसे 6 महीने निकलते हैं 6 महीने बाद उसकी लाइफ में लड़का हो जाता है तो वह मुझे बोलती है कहती है हम बात ना किया करें तो ज्यादा ठीक है नहीं तो बाद में एक दूसरे से अलग होने में बहुत प्रॉब्लम होगी मैं कहता हूं ऐसा कैसे आपके दिमाग में यह सब बात आ गई नहीं मैं नहीं रह सकता हूं आपके बिना फिर बाद में पता चलता है कि वह किसी और लड़के से बात कर रही है मैं मना करता हूं नहीं मानते कुछ दिन बाद करती रहती है उस लड़के का नंबर लेकर उसके पास कॉल करता हूं तो लड़का बात करना बंद कर देता है उससे फिर मेरी बात होने लगती है उससे ऐसे ही उसकी लाइफ में बहुत लड़के आए लेकिन वह छोड़ कर चले गए किसी ना किसी कारण से या मैं मना करता था कॉल करके उनको मेरी उसकी बात होती रही धीरे-धीरे लड़ाई झगड़े बढ़ते रहें धीरे-धीरे ऐसे ही 7 साल निकल गए और हमारी लड़ाई झगड़े बढ़ते गए 5 दिसंबर को उसकी शादी है 2019 और मुझसे बात नहीं करना चाहती अब क्या चल रहा है उसके दिमाग में मुझे नहीं पता झूठ तो पहले भी बहुत बोला करती थी और कुछ भी बोलो तो लड़ने लगती है लड़ना भी ठीक है बात नहीं करती और मैं उसके बिना नहीं रह पा रहा हूं पहले रोता था तो मुझे बोलती थी कि मैं कभी नहीं जाऊंगी तुम्हें छोड़कर अब तो कुछ बोलती भी नहीं है मैं रोता रहता हूं सिर्फ सुनती रहती है अपने हस्बैंड से बात करने लगी फिलहाल वह मुझसे बाद में बात करेगी या नहीं करेगी नहीं पता मुझे कहीं ऐसा लगा करता है कि वह भी मुझसे प्यार करती है उसकी मजबूरी है क्योंकि हस्बैंड से नहीं बात करेगी तो कैसे चलेगा मैं इस बात को समझ रहा हूं लेकिन मुझे बहुत तकलीफ हो रही है मेरा जीना मुश्किल हो रहा है मैं अपनी जॉब भी नहीं कर पा रहा हूं और वह इस बात को समझने को तैयार नहीं है मैं चाहता हूं वह मुझसे प्यार से बात करें अपनी समस्या बताएं कभी उसने सीधे-सीधे कोई प्रॉब्लम नहीं बताई मुझसे बस पहेली बजाती रहती थी और कहती है तुम मुझे नहीं समझ पाए काश वह मुझे अपनी हर समस्या को बता पाती साफ-साफ मैं यही चाहता था उससे कि वह मुझसे कभी दूर ना जाए हमेशा मुझसे बात करती रहे मैं उसके साथ रहना चाहता हूं वह कहीं भी रहे बस मुझसे बात करें जब भी उसी टाइम मिले मैं उसके बिना अपनी जिंदगी बेकार समझता हूं मैं नहीं रह सकता उसके बिना जिंदगी क्या किया जाए प्लीज आप लोग बताएं मैं क्या करूं मुझे क्या करना चाहिए इस वक्त प्लीज कमेंट धन्यवाद