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लहू से सनी सड़कें ।

जीने वालों की एक कहानी होती है और मरने वाले अपने पीछे छोड़ जाते हैं अतीत की भूली बिसरी यादें | वो जिन्हें हमें भूल जाना चाहिए, जिनके बारे में हमें कुछ सुनना नहीं चाहिए, जिनके बारे में हमें न तो कुछ पढ़ना चाहिए और न ही किसी से कुछ कहना चाहिए | हमारी आँखें उनके ही ख्वाब क्यों सजाती हैं? 

कहते हैं सभी अपने दिल में दर्द छुपाये रखते हैं मगर उसके दिल में दर्द के लिए कोई जगह नहीं थी अगर किसी के लिए जगह थी, तो वो थी, केवल नफरत | नफरत उनके प्रति जो मासूमों, गरीबों, लाचारों और शोषितों का लहू चूसते थे | लोग उसके बारे में बातें करते थे, उसे सुनते थे और जानते भी थे मगर उसे किसी ने देखा नहीं था | उसका न तो कोई घर, साथी, प्रेम और परिवार था, न ही कोई नाम और न ही कोई अतीत,वर्तमान और भविष्य | उसे अपने आने वाले कल का भी कोई इंतज़ार नहीं था उसे इंतज़ार था तो बस, अपनी मौत का | वो जो पलक झकपते ही अपने दुश्मनों के सिर उनके धड़ से अलग कर देता और बहाता था सिर्फ खून की नदियाँ, लोग उसे 'मुखौटा' कहकर पुकारते थे | 

यह बात है सन 1952 की, जब एंजिरिया में चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ था | लोग चिल्लाते थे तो केवल इसलिए, क्योंकि वह जुल्मो-सितम और मौत से घबराते थे | लहू से सनी हुई सड़कें, रोते बिलबिलाते बच्चे और तड़पती रूहें कैद थी, एक ऐसी सत्ता की, जिसे हम नेशनल लीग ऑफ एंजिरिया के नाम से जानते हैं | एक ऐसी सत्ता जो केवल जनता का खून चूसना जानती थी | जो न तो रहम करना जानती थी और न ही अच्छे कर्म | कारण था एक तानाशाही सत्ताधारी अल्फ्रेड मास्को | एक क्रूर शासक, जिसे जनता अपना हितकर मानती थी मगर वह इंसान के रूप में एक भेड़िया था |

उस रात तो हद ही हो गयी, जब एक साथ एंजिरिया की सरकार ने अपनी सेना से कहकर एक लाख से भी अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया | जिसे नाम दिया गया "रेड ब्लड नाइट" |

'हैलो, हैलो | माइकल, क्या तुम मुझे सुन सकते हो? क्या मेरी आवाज़ तुम तक पहुँच रही है?'

'हाँ, मैं तुम्हें सुन सकता हूँ, बोंडर |'

'माइकल, मैंने सभी को उनकी मंज़िल तक पहुंचा दिया है |' बोंडर ने कहा इर्द गिर्द नज़र फेरते हुए कहा |

'तुम्हें तुम्हारी कीमत मिल जाएगी |' माइकल ने फोन काटने से पहले कहा |

'चलो दोस्तों |' बोंडर ने अपने कातिल सैनिकों से कहा |

चारों तरफ लाशें ही लाशें बिखरी हुई थी | घर चिताओं में परिवर्तित हो रहे थे | न तो किसी के रोने की आवाज़ सुनाई देती थी और न ही कराहने की, सब के सब मुर्दा ज़मीन पर लेटे हुए थे | आसमान धुएँ से भरा हुआ था और आग की लपटें उस भयावह अंधेरे में प्रकाश का काम रही थी | 'बताओ मुझे वो जो दिखाई देता है मगर पहचान में नहीं आता | वह कौन है ?' एक अनजानी आवाज़ ने उस वक़्त कहा, जब जोसेफ और उसके साथी दुर्घटना स्थल से वापिस रवाना हो रहे थे |

'मुखौटा|' बोंडर का एक साथी अनसुनी आवाज़ की पहचान करते हुए बोला|

'करता हूँ इंतज़ार मैं अपनी मौत का, ज़ालिमों के लहू का, और ज़रूरत है तुम्हारी रूहों की, बेगुनाहों को न्याय दिलवाता है जो शैतान इकलौता, लोग मुझे कहते हैं मुखौटा |' अनसुनी आवाज़ गरजते हुए बोली और तलवार की धार से जोसेफ के पाँच बेहतरीन कातिलों के सर कलम कर दिये |

अपने साथियों के सर धड़ से अलग देख सभी चौकन्ना होते हुए अपने अपने निकाल बैठे और चारों ओर उस तलाशने लगे जिसे लोग कहते हैं "मुखौटा"|

'मुझे तो कोई भी नज़र नहीं आ रहा है |' बोंडर का एक अन्य सैनिक बोला जिसके हाथ और पाँव अपने साथियों के सर धड़ से अलग देख काँपने लगे थे |

'जिसे तुम ज़मीन पर तलाशते हो, वह अक्सर हवा में लहराता हुआ अपने दुश्मनों के जिस्मों की बोटी-बोटी काट अपनी तलवार की प्यास बुझाता है | हाहाहा....|' यह कहते हुए मुखौटा पहने वह व्यक्ति हवा में लहराता हुआ सभी को अपनी नुकीली तलवार की धार से गाजर,मुली की तरह छीलने लगता है |

बंदूकों से गोलियां निकल रही थी और सभी गोलियां उसकी फुर्ती, चालाकी और अभ्यास के सामने पस्त होती नज़र आ रही थी किन्तु उसकी अचूक तलवार बाज़ी सभी को नर्क के {द्वार} तक पहुंचाने में सफल रही थी |

'सभी तलाश करते हैं इंसाफ की, मगर कोई प्रयास नहीं करता इंसाफ पाने के लिए |' मुखौटा पहने वह व्यक्ति बोला और तलवार म्यान में रखते हुए अपने आशियाने को लौट चला |

'माँ, यह कहानी तो आप मुझे पहले भी कितनी ही दफा सुना चुकी हैं | कोई और कहानी सुनाओ न |' मक्र्स ने अपनी माँ अल्डमीरा से कहा | जो अपनी माँ की गोद में सर रख लेटा हुआ था | मक्र्स बारह वर्षीय एक छोटा बच्चा है जिसके बाल हल्के से भूरे हैं और कद काठी में अन्य बच्चों की तरह ही है | मक्र्स को कहानियाँ सुनना बहुत पसंद है और जब कहानियाँ गुनहगारों और मसीहाओं से संबन्धित हो तो उसकी कहानी सुनने की ख्वाइश और भी तीव्र हो जाती है |

'आज मैं तुम्हें कहानी नहीं, उसकी पूरी दास्ताँ सुनाऊँगी बेटा |' अल्डमीरा ने अपने पुत्र मक्र्स के बाल सहलाते हुए कहा | अल्डमीरा अपने पुत्र मक्र्स के साथ एंजिरिया के बिलोबा नामक शहर में एक किराये के मकान में रहती है | अल्डमीरा एक जबान, खूबसूरत और आकर्षक महिला है जिसका एक साल पहले ही अपने शौहर ऐल्वर से तलाक हो चुका है | अल्डमीरा को पुस्तकें पढ़ना बेहद पसंद है और वह अपनी चुनिन्दा और प्रिय पुस्तकों से मक्र्स के लिए कहानियाँ चुनकर लाती है और रात में उसे कहानियाँ सुनाकर सुलाती है | व्यथा यह है कि उसकी आर्थिक स्थिति इतनी भी सकुशल नहीं कि वह अपने बेटे मक्र्स के लिए मनोरंजन का इससे बेहतर कोई उपाय खोज सके या फिर कोई व्यवस्था कर सके | उसे पुस्तकालय से मुफ्त में ही पुस्तकें उपलब्ध हो जाती हैं जो दिन में उसका सहारा बनकर उनकी तन्हाई को मनोरंजक बनाती हैं |

'पूरी कहानी ! फिर तो बहुत मज़ा आयेगा | मुखौटा हाहाहा... |' नन्हे बच्चे मक्र्स ने अपनी खिलखिलाती हुई हंसी हस्ते हुए कहा |

'तुम कौन हो ? तुमने इन सब को क्यों मारा है ?' एक लड़की ने पीछे से मुखौटे को पुकारते हुए कहा |

'मैं कौन हूँ? मैं कौन हूँ ? हाहाहा.... लोग मुझे मुखौटा कहते हैं, मैं मुखौटा हूँ|'

'तुम नकाब पहन पर कत्ल करते हो, अपना चेहरा दिखाने से अगर इतना ही डरते हो, तो फिर गुनाह करते ही क्यों हो ?' वह लड़की बोली |

'मेरा कोई चेहरा नहीं है | मैं तो बस एक मुखौटा हूँ |' मुखौटे ने अपना सिर दाएँ और बाएँ हिलाते हुए उस लड़की से कहा और बापिस जाने को पलटा |

'रुको | जाते कहाँ हो ?' लड़की ने कहा |

'यहाँ अब कुछ नहीं रहा | यहाँ सब समाप्त हो चुका है |' मुखौटा बोला |

'तो अब तुम ओर बेगुनाहों का लहू बहाओगे !'

मुखौटे ने कोई भी जबाब नहीं दिया |

'कहो न, कहते क्यों नहीं ? अब तुम और बेगुनाहों को मौत के घाट उतारोगे|'

'ये बेगुनाह नहीं थे | ये सभी कातिल थे |'

'तुम भी तो कातिल हो | तुममें और इनमें फर्क ही क्या है ?' लड़की ने स्नेहशील निगाहों से लाशों की तरफ देखते हुए कहा |

'जो दूसरों की जान लेते हैं उनकी जान लेना कत्ल नहीं होता, इसे मेरी नज़र में इंसाफ कहते हैं | मैं बस इतना ही जनता हूँ |' इतना कहते हुए मुखौटा अपनी अगली मंज़िल की तरफ चल दिया |

लड़की ने उसके पीछे भागकर उसका पता जानने का प्रयास किया मगर वह हवा की तरह कहीं ओझल हो गया ।