webnovel

भारतवर्ष का एक नास्तिक

Realistic
Ongoing · 3.7K Views
  • 2 Chs
    Content
  • ratings
  • N/A
    SUPPORT
Synopsis

ये कहानी है राहुल शर्मा की जो एक धार्मिक परिवेश में रहनेके बवाजुत भी भगवान में वो भरोसा नहीं करता था उसको लगता था भगवान इंसानों के मन मे होता है मूर्तियों या मंदिरो में नहीं वो सिर्फ कर्म में भरोसा रखने वालो में से था इसीलिए उसके धर्म और समाज के लोगो से बोहोत कटु बाते और निंदा मिलती थी पर उसके बाबजुत उसने कैसे अपने जीवन को आगे बढ़ाई और अपने समाज को भी आधुनिकता के रंग से वाकिफ कराया वोही इस कहानी में प्रकाशित हुआ है।

Chapter 1Chapter 1- राहुल का जन्म

रमेश खेत से जल्दी जल्दी घर के लिए दौरा क्यूंकि उसकी बीवी की हालत गंभीर हों रही थी क्योंकी उसकी बीवी का आज बच्चा पैदा करने का दीन था रमेश जल्दी जल्दी आके अपनी बीवी को अपने एक दोस्त की गाड़ी में पास की हॉस्पिटल ले गया रमेश बोहोत चिंता में था की उसको लडकी होगा या लड़का वो चिंता के मारे पूरे हॉस्पिटल का चक्कर लगा रहा था थोड़े समय बाद डॉक्टर ने उसको खुश खबरी दिया उसको एक लड़का हुआ था लड़का बोहोत ही तंदुरस्त और खुबसूरत था उसे देख जैसे रमेश की आंखों से खुशी के आंसू टपकने लगे और रमेश को ऐसा लगा था जैसे की उसकी पूरी दुनिया वो ही है। असल में रमेश और उसकी बीवी रेशमा को बिबाह के बोहोत सालो बाद तक बच्चा नहीं हुआ था इसीलिए दोनो ने दुर्गा मां से बोहोत मन्नते मांगी तब जाके आज दो साल बाद उन्हें एक बेटा हुआ दोनो बोहोत ही ज्यादा खुश थे रमेश ने पूरे समाज को बुलाकर दुर्गा मां की पूजा करवाई और उसका नामकरण करवाया रमेश ने उसका नाम राहुल रखा ।

You May Also Like

जिंदगी 1

अब ये हम दोनो के बिच प्यार था या आकर्षण ये तो पता नही ,लेकिन जो भी था बहुत जबर्दस्त था । अब थोरे थोरे मेरे कदम भी लर्खराने लगे थे , मैने उसे बोला की अब चलते है ,मैने अभी पुरा बोला भी नही था की उसने अपनी उंगली मेरे लिप्स पे रख दी ,और बोली नही अभी नही अभी और , ये बोलते बोलते उसके कदम लर्खराने लगे थे,उसकी आँखे बन्द हो रही थी ,मेरे सिने पे उसने अपने सिर को रखा उसके हाथ मेरे गर्दन पर लिपटे थे,वो उपर आँखे कर के मुझे इक मदहोश नजरो से देख रही थी ।उसकी गरम सांसे मुझे बहुत ज्यादा रोमांचित कर रही थी , कुछ देर तक तो मै उसे ऐसे ही देखता रहा ।फिर मैने सोचा की अब हमे निकलना चाहिये ।मैने घरी देखी रात के 10बज चुके थे ,मैने सोचा हमे अब निकलना चाहिये ।

Anurag_Pandey_5625 · Realistic
Not enough ratings
7 Chs

ratings

  • Overall Rate
  • Writing Quality
  • Updating Stability
  • Story Development
  • Character Design
  • world background
Reviews
WoW! You would be the first reviewer if you leave your reviews right now!

SUPPORT