"लू टिंग, लू टिंग...|"
लू टिंग ने तुरंत अपने हाथ का सारा समान नीचे रखा और भागकर गुसलखाने में गया|
"निंग क्षी क्या हुआ?"
"लू टिंग|"
"मैं यही हूँ|"
"अंदर आ जाओ|"
लू टिंग सोच में पड़ गया। अंदर जाऊँ?"
"जल्दी करो, जल्दी करो|"
"क्या हुआ...?" लू टिंग अब बहुत ज्यादा चिंतित हो गया पर उसकी दरवाजा खोलने की हिम्मत नहीं हुई|
"मेरे पैर में ऐठन आ गयी है| कृपा करके जल्दी से आ आओ|"
लू टिंग बड़ी असमंजस में पड़ गया, फिर गहरी सांस लेते हुए जल्दी से गुसलखाने में घुस गया|
ठंडे पानी में भीग जाने की वजह से निंग क्षी के पारदर्शी कपड़े पूरी तरीके से उसके बदन से चिपक गए थे| उसके शरीर का हर भाग दिखाई पड़ रहा था| यह नज़ारा देखकर लू टिंग का गला सूख गया| अपने सूखे गले को गीला करने के लिए उसने अपना थूक निगल लिया| वह निंग क्षी की तरह नशे में नहीं था पर उसकी हालत इस वक़्त किसी नशेड़ी से कम नहीं थी|
"लू टिंग.... लू टिंग....|"
निंग क्षी की आवाज से उसने फिर से होश संभाला| उसने तुरंत पूछा किस पैर में?"
"दाहिने पैर में, निंग क्षी का चेहरा दर्द के कारण पीला पड़ता जा रहा था|
सब कुछ सोचना बंद करके लू टिंग ने निंग क्षी का पैर संभाला, उसे सीधा किया और अपने हाथो से सहलाने लगा|
"अब ठीक लगा|"
"नहीं अभी तो नहीं, अभी भी ऐंठन है|"
"अब?"
"अह लग रहा है, थोड़ा धीरे से करो|"
"अब ठीक है?"
"हाँ पहले से बेहतर है|
....
कुछ ही देर में निंग क्षी के पैर की मालिश कर-कर के लू टिंग थक गया उसके माथे से पसीना बहने लगा| उसने धीरे से निंग क्षी का पैर नीचे रखा|
लू टिंग ने अपनी तिरछी आंखो से निंग क्षी के शरीर को देखा| उसके शरीर पर कई सारे लाल रंग के चोट के निशान थे, जिसे देख कर लू टिंग का शरीर ठंडा पड़ गया, "तुम्हारे शरीर पर यह निशान कैसे है? क्या झौ क्षियांग चेंग ने तुम्हें मारा?"
"मेरे शरीर पर?" निंग क्षी ने अपनी जंघों पर उस जगह हाथ फेरा जहां दर्द हो रहा था| "कहाँ? यहाँ? यह सब शूटिंग के दौरान लटकाने वाले तारो की वजह से हुए है|"
यह सुन कर लू टिंग को थोड़ा सुकून मिला, "मैं तुम्हारे लिए कुछ दवा लाता हूँ|"
यह कर लू टिंग बाहर आने लगा तभी उसने कहा, "तुम भी बाहर आ जाओ वरना ठंड लग जाएगी|"
निंग क्षी ने खुद को पानी के अंदर फिर से डुबो लिया| अपनी उँगलियों को फैलाते हुए बोली, "दस मिनिट और |"
"ठीक है|" लू टिंग ने कहा|
गुसल खाने से निकालने के बाद लू टिंग ने कमरे का दरवाजा फिर से खोला और जैसे की उसे ऊमीद ही थी कमरे के बाहर लू जींगली उसे उसी हालत में दरवाजे पर कान लगाए मिला|
लू जींगली ने हड्बड़ा कर कहा, "माफ करना भाई मैंने बस निकल ही रहा था| मैं बस निकलने ही वाला था कि आप आ गए|
"नीचे जाओ और कुछ दवाइयाँ ले कर के आओ|" लू टिंग ने जींगली को रोकते हुए आदेश दिया|
"किस चीज़ की दवाइयाँ|" लू जींगली को अपने भाई की यह बाते थोड़ी अजीब लग रही थी|
"सूजन और चोट के लिए दवा|"
लू जींगली न चेहरा खिल उठा, "भाई लगता है अपने उसे अपनी शक्ति का अहसास करवा ही दिया|"
लू टिंग ने उसे गुस्से से घूरकर देखा|
लू जींगली, "माफ कर दो,मैंने गलत समझा| इतने कम समय में आप यह सब कैसे कर सकते हो? आपका यह मुलाज़िम अभी गया और अभी दवा ले कर आया|"
पाँच मिनट के अंदर लू जींगली दवाइयों के साथ वापस आ गया|
"भाई क्या मैं यहीं इस दरवाजे की चौकीदारी करूँ क्या? आपको फिर से किसी चीज़ की जरूरत पड़ेगी तो मैं तुरंत ला कर दे सकता हूँ|"
लू टिंग ने उसे एक तरफ करते हुए कहा, "तीसरी बार अगर मैंने तुम्हें यहाँ पर फिर देखा तो....
परिणाम अच्छा नहीं होगा|"
लू जींगली ने शरमाते हुए अपनी जेब से एक चौकोर पेकेट निकालकर भाई को दिया "मैं यह भी ले कर आया था,यह होटल से जो दिया जाता है उस से तो कई गुना बेहतर होगा|" पक्का आपको नहीं चाहिए?
लू टिंग की एक जोरदार लात से लू जींगली कमरे के बाहर गिरा|