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फुल मार्क्स हिडन मैरिज : पिक उप अ सन, गेट अ फ्री हस्बैंड

“प्रिये, मुझे इस नाटक की स्क्रिप्ट (कहानी) काफी पसंद आई है, पर एक ही समस्या है कि इस नाटक में पहले नाटकों की अपेक्षा सेक्स के दृश्य अधिक है| दुविधा में हूँ कि करूँ या नही? आपको क्या लगता है, क्या मैं यह नाटक कर लूँ?” “हाँ, क्यों नहीं?” लू टिंग ने बेहद शांत तरीके से जवाब दिया| उस रात निंग क्षी बमुश्किल ही खड़ी हो पा रही थी, लड़खड़ाते कदमों से बिस्तर के सिरहाने को पकड़ कर बड़ी मुश्किल से बिस्तर से नीचे उतर पायी | उसकी ऐसी हालत को देख कर लू टिंग ने उससे पूछा, “ऐसी हालत में भी तुम वो नाटक में काम करना चाहती हो? एक बार फिर सोच लो|”

Jiong Jiong You Yao · Urban
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आप की छेड़खानी सहने में अब असमर्थ

Editor: Providentia Translations

इतनी सब यहाँ-वहाँ की बातें करने के बाद भी वह फिर उसी जगह आ गई थी| सब कुछ बेकार गया|

यह आदमी ने उसे फिर से वैसे ही प्रभावित करना शुरू कर दिया|

सब से डरावनी बात यह थी कि वह क्या कर रहा था लू टिंग को खुद भी नहीं मालूम नहीं था|

ऐसा कहा जाता है कि किसी काम को करने का सबसे अच्छा तरीका होता कुछ नहीं करना, किसी को लुभाने का सबसे अच्छा तरीका होता है, उसे लुभाने की बिलकुल भी कोशिश नहीं करना| यह इश्कबाजी का सबसे सटीक पैतरा था|"

उसका दिमाग बिलकुल भी काम नहीं कर रहा था, उसे नहीं समझ आ रहा था कि उसका दिमाग इस वक़्त क्या अनाप शनाप सोच रहा था|

"फिर से तबीयत ठीक नहीं लग रही है क्या?" निंग क्षी की हालत देख कर लू टिंग को फिर से चिंता होने लगी|

निंग क्षी ने अपने फड़कते हुए कपालों पर हाथ फेरा| इस वक़्त उसके अंदर जो तूफान उठ रहा था वह पहले वाले से भी खतरनाक था| इस वक़्त उसे लू टिंग शौजों सिरीज़ का मुख्य हीरो की तरह दिख रहा था, जिसके पीछे अच्छा सा रोमांस से भरपूर संगीत बज रहा था और आसपास चेरी के फूल खिल गए थे|

निंग क्षी की अंतरात्मा, लू टिंग से निकलने वाली खूबसूरत गुलाबी रोशनी में रम गयी थी| निंग क्षी में आए इस बदलाव को लू टिंग ने भी महसूस किया और उसके चेहरे के भाव ही बदल गए, "कहाँ दर्द हो रहा है, पहले तो तुम्हें ठीक लगने लगा था| किस तरीके का दर्द हो रहा है? दर्द ही है या कुछ और...?"

लू टिंग को थोड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई थी जब निंग क्षी ने उसे वाजीकरक से भी खतरनाक कहा था|

यह शायद निंग क्षी के द्वारा उसकी तारीफ में कहा गया अब तक का सबसे अच्छा वाक्य था|

निंग क्षी की आँखों एक लाल रंग की रोशनी थी, वह बिना पलक झपकाए लू टिंग को देखे जा रही थी|

निंग क्षी जिस तरीके से लू टिंग को देखे जा रही थी उससे लू टिंग के बदन में भी आग सी लग गयी थी|

निंग क्षी एकदम से बिस्तर पर जा कर सो गयी| ठंडी आह भरते हुए ऊपर छत पर देखने लगी| 

"आह आज पूरी रात मुझे यह सहना पड़ेगा, लू टिंग अगर मेरा खुद पर बस नहीं रहा तो आपको ही मुझे काबू करना होगा|"

लू टिंग ने बुदबदाते हुए कहा, "यह तो मैं कर सकता हूँ|"

निंग क्षी ने उसे तुरंत रोकते हुए कहा, "कृपा करके यहीं रुक जाओ, कुछ मत बोलो, मेरे मालिक इस कनीज की आप से विनती है कि मुझे माफ करे, मैं और आपकी इश्कबाजी की आदाए नहीं झेल सकती|"

लू टिंग ने भौंहे उचकाकर पूछा, "तुम क्या सोचने लगी? मैं कहना चाह रहा थी कि तुम चाहो तो मैं कमरे से बाहर जा सकता हूँ|''