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फुल मार्क्स हिडन मैरिज : पिक उप अ सन, गेट अ फ्री हस्बैंड

“प्रिये, मुझे इस नाटक की स्क्रिप्ट (कहानी) काफी पसंद आई है, पर एक ही समस्या है कि इस नाटक में पहले नाटकों की अपेक्षा सेक्स के दृश्य अधिक है| दुविधा में हूँ कि करूँ या नही? आपको क्या लगता है, क्या मैं यह नाटक कर लूँ?” “हाँ, क्यों नहीं?” लू टिंग ने बेहद शांत तरीके से जवाब दिया| उस रात निंग क्षी बमुश्किल ही खड़ी हो पा रही थी, लड़खड़ाते कदमों से बिस्तर के सिरहाने को पकड़ कर बड़ी मुश्किल से बिस्तर से नीचे उतर पायी | उसकी ऐसी हालत को देख कर लू टिंग ने उससे पूछा, “ऐसी हालत में भी तुम वो नाटक में काम करना चाहती हो? एक बार फिर सोच लो|”

Jiong Jiong You Yao · Urban
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आँख का काँटा

Editor: Providentia Translations

निंग क्षी ने स्क्रिप्ट को नीचे रखा, और सु यान की तरफ बड़ी शांति से देखा| "ठीक है, मैं चाहती हूँ आज रात पार्टी में तुम निंग क्षुएलुओ से अपना रिश्ता खत्म कर लो| मैंने आज तक जो भी प्रताडनाएँ सही हैं उसकी तुलना में तो मेरी यह मांग काफी छोटी सी हैं, देखो मैं कितनी दयालु हूँ|"

सु यान का चेहरा एक दम पीला पड़ गया|

"निंग क्षी तुम ऐसा कैसे चाह सकती हों?" निंग क्षुएलुओ की रूआँसी आवाज पीछे से सुनाई पड़ी|

निंग क्ष ने अपने दोनों हाथ बांधे और पूछा, "मैं क्या?"

निंग क्षुएलुओ ने उसकी तरफ तरस और गुस्से से मिश्रित भाव से देखा, "तुम मुझसे नफरत करती हों क्योंकि मैने सु यान को तुमसे चुरा लिया| तुम्हारा गुस्सा समझ सकती हूँ पर अब तुम हमें दूर करने के लिए ऐसी नीच हरकतें करना चाह रही हों? सु यान पर अब तुम्हें नहीं चाहता तो यह सब करके तुम्हें क्या मिलेगा?"

यह देखकर कि निंग क्षुएलुओ काफी गुस्से में आ गयी थी, यहाँ तक कि उसकी साँसे तक रुकने लगी थी, सु यान उसकी तरफ दौड़ा और उसकी पीठ थपथपाने लगा| 

"क्षुएलुओ शांत हों जाओ, निंग क्षी का कहने का यह मतलब नहीं होगा, यह बहुत ही गैर ज़िम्मेदाराना मांग थी निंग क्षी की|"

निंग क्षी को यह सब देख कर हँसी आ गयी,कैसे दो इंसान उसकी नजरों के सामने जिंदगी और मौत का नाटक खेल रहे थे| " मैंने जो कहा वह गैर जिम्मेदाराना मांग नहीं है, तुमने अभी-अभी जो कहा कि तुम जो बोलोगी वही करूँगा, यह वादा गैर ज़िम्मेदाराना था|"

"देखा सु यान हम कैसे इससे माफी की भीख माँग रहे है और यह क्या कर रही हैं? यह हर बार हमारी मुश्किलें ही बढ़ा देती है ,क्या तुम इसकी यह माँग पूरी करोंगे? निंग क्षुएलुओ सु यान से किसी याचक की तरह पूछा|

"पागल लड़की क्या मैं ऐसा कर सकता हूँ?" ऐसा बोल सु यान ने क्षुएलुओ का सिर थपथपाया और निंग क्षी की तरफ दृढ़ता से देखा, "माफ करना क्षियाओ क्षी, मैं तुम्हारी यह माँग पूरी नहीं कर सकता|"

निंग क्षी जो यहाँ वहाँ चहलकदमी कर रही थी, एक जगह रुक गई| उसकी आँखें किसी तीखी तलवार की तरह हो गईं| उसने गुस्से से कहा, तो इसी वक़्त मेरी नजरों से दूर हों जाओ|"

"निंग क्षी तुम्हें किस बात का इतना घमंड है? अगर किसी की गलती है तो वह मेरी हैं, सु यान का इससे कोई लेना देना नहीं| फिर तुम उससे इस तरह से कैसे बात कर सकती हो? निंग क्षुएलुओ सु यान के बचाव में खड़ी हो गयी जैसे कि वह उसके खिलाफ कुछ नहीं सुन सकती|"

निंग क्षी यह देख कर दोनों हाथों से तालियाँ बजाने लगी, "तुम्हारी भावनाओं से तो कोई भी रो पड़ेगा| तो निंग क्षुएलेलुओ तुम सु यान के लिए कुछ भी कर सकती हों ना?"

यह सुन कर निंग क्षुएलुओ चिंतित हो उठी कि ना जाने यह लड़की अब क्या जाल बिछाने वाली थी| पर वह इस प्रश्न का उत्तर तो सिर्फ हाँ में ही दे सकती थी| "हाँ पर अब तुमको क्या चाहिए?"

निंग क्षी ने जानबूझ कर इधर उधर देखा, फिर निंग क्षुएलुओ की तरफ देख कर कहा, "अगर ऐसा है तो सु यान को तुमसे अपना रिश्ता खत्म करने की ज़रूरत नहीं होगी, तुम्हें बस निंग खानदान की बड़ी बेटी का पद त्यागना होगा और यह शहर छोड़ कर वापिस चुंफेंग शहर के टंग गाँव में जाना होगा| फिर हम तीनों के बीच का विवाद यहीं थम जाएगा| बोलो कर सकती हों?"

यह सुन कर निंग क्षुएलुओ की आंखे फटी की फटी रह गई, जैसे उसने कुछ बहुत ही बुरा सुन लिया था| वह पागलों की तरह सिर हिलाने लगी, "नहीं ...तुम ऐसा नहीं कर सकती हो| तुम मुझे मेरा माता पिता और उस जगह जहाँ में 20 साल से रह रही हूँ, को छोड़ कर जाने के लिए कैसे मजबूर कर सकती हो? तुम इतनी दुष्ट कैसे हों सकती हो|'

निंग क्षी ने बेसबरी से अपना हाथ हिलाया, "बस करो| तुम बहुत बुरी नाटकबाज़ हो| यह सच्ची में आँख का काँटा है, बंद करो| मैंने तुम दोनों को पहले भी कहा था की मुझसे दूर रहो पर तुम दोनों मानते ही नहीं हों हर बार आ जाते हों माफ़ी माँगने| यहाँ तक कि कसमें तक खाने लगते हों कि मैं जो भी बोलूँगी तुम लोग वहीं करोंगे| फिर मैं तुम लोगों को जो कुछ भी करने को बोलती हूँ तो तुम लोग मुझे इस तरह से देखते हों जैसे मैं बेशर्म और दुष्ट हूँ|"

"किस पछतावे की तुम लोग बात करते हो? यह सब सुनने में काफी अच्छा लगता है पर तुम लोग ऐसा दिखाते हो जैसे कोई दान करने यहाँ आए हो, ऐसा दान जिससे तुम्हारा कोई नुकसान नहीं हो| सच्चाई यह है कि तुम लोग को बिलकुल भी नहीं लगता कि तुम दोनों का व्यवहार दोगला है तो मेरे पास तुम्हारे लिए यही दो शब्द है, "भाड़ में जाओ|"