webnovel

द टाइम मशीन - अतीत और भविष्य की दुनिया

एक ऐसी मशीन है, जो हमें अपने अतीत में ले जाती है, जहां हम अपने अतीत को बदल सकते हैं। वैज्ञानिक मुकुल लगभग 30 सालों से ऐसी टाइम मशीन बनाने की कोशिश कर रहे थे, ताकि वे अपने मरे हुए माता-पिता को फिर से जीवित करने के लिए अतीत में जाकर उस समय पहुंच सकें, जब उनके माता-पिता की जान जाने वाली थी। वैज्ञानिक मुकुल ने ऐसी मशीन बनाई, लेकिन पहली बार प्रयोग करते समय मशीन का विस्फोट हो गया। इस हादसे में उनका दोस्त भास्कर, जो उस समय छोटा था, मुश्किल से बच पाया। इस घटना के बाद उनकी दोस्ती टूट गई। लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें कोई भी नहीं बदल सकता। इंसान चाहे कितनी भी कोशिश करे, वह कुदरत के खिलाफ नहीं जा सकता। अगर वह ऐसा करने की कोशिश करता है, तो कुदरत खुद उसे रोक देती है। वैज्ञानिक मुकुल भी कुदरत के खिलाफ जाकर कुछ ऐसा ही बना रहे थे। उन्होंने दूसरी बार एक नई टाइम मशीन बनाई, तब वे सफल हो गए। अब इंसान अतीत में जा सकता था। इस बार, कुदरत ने फिर से अपना करिश्मा दिखाया और भास्कर की पत्नी सैली की मौत हो गई। भास्कर अपनी पत्नी को बचाने के लिए कई बार टाइम ट्रेवल करता है, लेकिन हर बार असफल रहता है। आखिरकार, वे समझ जाते हैं कि हम टाइम ट्रेवल करके अतीत को बदल नहीं सकते। जब वे दोनों हार मान लेते हैं, तब कुदरत उन्हें फिर से अपनी गलती सुधारने का एक मौका देती है। इस कहानी में वैज्ञानिक मुकुल, भास्कर और उसकी पत्नी सैली की जिंदगी का विस्तार से वर्णन किया गया है। साथ ही, टाइम ट्रेवल के हर रोमांचक किस्से को भी बताया गया है।

AKASH_CHOUGULE · Sci-fi
Not enough ratings
21 Chs

चैप्टर -१४ तिसरी बार टाइम ट्रेवल

उसने सैली का माथा चूम लिया और उसकी डेड बॉडी फुटपाथ पर रख दी। उसके बाद वह मुकुल के घर की ओर भागने लगा। उसके मन में कई सवाल थे जिनके जवाब सिर्फ मुकुल के पास थे। वह दौड़कर हांफता हुआ मुकुल के घर पहुंचा और धड़ाम से दरवाज़ा खोलकर कमरे में प्रवेश किया। उसकी हालत देखकर मुकुल ने चिंता से पूछा, "क्या हुआ? तुम इतने थके हुए क्यों हो?"

भास्कर ने अपनी सांसों को समेटते हुए कहा, "मुकुल.. मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई।"

मुकुल ने हैरानी से पूछा, "कौन सी?"

"मैं अपनी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बना रहा था। लेकिन मुझे लगा कि कोई अजनबी उसके साथ शारीरिक संबंध बना रहा है," भास्कर ने कहा।

मुकुल ने स्थिति को समझने की कोशिश करते हुए कहा, "तुम क्या कहना चाहते हो? मुझे शुरुआत से बताओ।"

"मुकुल, यहाँ पर मेरे जैसे दिखने वाला और एक इंसान है," भास्कर ने संजीदगी से कहा।

मुकुल ने आश्चर्य से जोर से कहा, "क्या?"

"हाँ मुकुल, यहाँ दो भास्कर हैं। लेकिन यह कैसे मुमकिन है?" भास्कर के चेहरे पर उलझन साफ दिख रही थी।

मुकुल ने सोचते हुए कहा, "तूने दूसरे भास्कर को कहाँ देखा?"

"ग्रांड हयात होटल में," भास्कर ने जवाब दिया।

मुकुल ने तुरंत पूछा, "क्या तुम टाइम मशीन में बैठने से पहले उस होटल में गए थे?"

"हाँ। मैं यह देखने गया था कि मेरी शादी की सालगिरह की तैयारी कैसी चल रही है। तभी मैंने अपनी पत्नी को एक पराये व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाते हुए देखा। अब मुझे पता चला कि, वह अजनबी मैं ही था। सैली ने कुछ भी गलत नहीं किया था। लेकिन यहाँ पर मेरे जैसे दिखने वाला एक और व्यक्ति कैसे है?" भास्कर ने अपनी उलझन बयान की।

मुकुल ने गंभीरता से कहा, "शायद ग्रांड हयात होटल में भास्कर एक अलग समय का है। और तुम अलग समय से आये हो।"

भास्कर ने समझते हुए कहा, "तुम्हारा मतलब यह है कि यहाँ पर दो भास्कर हैं, एक वर्तमान का भास्कर और दूसरा टाइम ट्रेवल के माध्यम से भविष्य से आया हुआ भास्कर। तुम यही कहना चाहते हो ना?"

मुकुल ने सिर हिलाते हुए कहा, "शायद हाँ। मुझे लगता है कि टाइम ट्रेवल हमें अतीत और भविष्य में जाने की अनुमति देती है। लेकिन उस समय का व्यक्ति और जिस व्यक्ति ने टाइम ट्रेवल किया है, ये दोनों व्यक्ति समय लाइन के अनुसार अलग-अलग होंगे।"

भास्कर ने निराशा से कहा, "अगर यह सच है, तो मैंने बहुत बड़ी गलती की है।" यह कहकर वह नीचे बैठ गया।

मुकुल ने चिंतित होकर पूछा, "कौन सी गलती?"

भास्कर ने आँखों में पछतावा लिए कहा, "मुझे सैली पर शक था। फिर सब कुछ ठीक करने की कोशिश करता रहा। लेकिन ये सब मैंने करवाया। मैंने सैली की जान ली है।"

मुकुल ने गंभीरता से कहा, "एक मिनट, भास्कर, मुझे वह सब बताओ जो आज तुम्हारे साथ हुआ था। आज तुमने क्या-क्या किया था? तुम कहाँ चले गए थे? तुम्हारी यादाश्त वापस कैसे आई? ये सभी बातें मैं जानना चाहता हूँ।"

भास्कर ने गहरी सांस लेते हुए कहा, "मुकुल, जब मैंने टाइम ट्रेवल किया, तब मुझे कुछ भी याद नहीं था। मेरी पत्नी कौन है? वह किस होटल में है? किस कमरे में है? यह सब बातें याद नहीं थीं। लेकिन जब मैंने आज वर्तमान के भास्कर को देखा तो मुझे सब कुछ याद आ गया।"

मुकुल ने निष्कर्ष निकाला, "इसका मतलब है कि टाइम ट्रेवल के बाद तुम्हारी यादाश्त कुछ समय के लिए चली गई थी।"

भास्कर ने सिर हिलाते हुए कहा, "हाँ।"

भास्कर ने गहरी सांस लेते हुए मुकुल की ओर देखा। "टाइम ट्रेवल सिर्फ एक थेअरी है। उसका वास्तव में कोई प्रमाण नहीं है," मुकुल ने कहना शुरू किया। "लेकिन सच बात यह भी है कि, टाइम ट्रेवल के बाद यादाश कमजोर नहीं होती। सिर्फ टाइम ट्रेवल करने वाला इंसान ही जानता है कि उसने टाइम ट्रेवल क्यों की है। उसके अलावा और किसी को यह बात पता नहीं होती। यहां तक कि मुझे भी नहीं पता कि तूने कब टाइम ट्रेवल किया और तुम किस टाइम से आये हो।"

भास्कर की आंखों में उलझन और गहरी हो गई। "तो मेरी मेमोरी लॉस कैसे हो गई? क्या आपकी मशीन में कुछ गड़बड़ तो नहीं ना?"

मुकुल ने गंभीरता से उत्तर दिया, "नहीं। वह मशीन पूरी तरह ठीक है और सही से काम कर रही है।"

भास्कर ने एक ठानते हुए कहा, "अगर ऐसा है, तो मुझे फिर से टाइम ट्रेवल करना है।" वह अचानक खड़ा हो गया।

"भास्कर, इससे तुम्हारी यादाश्त फिर से चली जायेगी," मुकुल ने चेतावनी दी।

"लेकिन आपने अभी कहा कि टाइम ट्रेवल से मेमोरी लॉस नहीं होती है।"

"हाँ। लेकिन तुम्हारे साथ ऐसा नहीं हुआ। इसलिए यदि तुम दोबारा टाइम ट्रेवल करते हो, तो तुम्हारी मेमोरी फिर से चली जाएगी।"

भास्कर ने ठानते हुए कहा, "अगर ऐसा है, तो मैं एक कागज के टुकड़े पर लिखता हूं। या फिर मोबाइल में वीडियो बनाता हूं ताकि मैं याद रख सकूं कि टाइम ट्रेवल के बाद मुझे क्या करना है। जब मैं टाइम ट्रेवल करूंगा तो मैं वह वीडियो देखूंगा, तो मुझे क्या करना है, यह समझ में आ जायेगा।"

मुकुल ने धीरे-धीरे सिर हिलाते हुए कहा, "यह नहीं हो सकता।"

"क्यों?" भास्कर ने अविश्वास में पूछा।

"जिस तरह टाइम ट्रेवल करने के बाद सैली फिर से जिन्दा हो जाएगी, वैसे ही तुम अतीत में जाने के बाद वह वीडियो तुम्हारे मोबाइल से गायब हो जाएगा और कागज पर लिखे अक्षर भी गायब हो जाएंगे। इतना ही नहीं, तुम्हारे सिर का घाव भी ठीक हो जाएगा।"

भास्कर ने निराशा से पूछा, "तो मैं क्या करूं?"

मुकुल ने गहरी सांस लेते हुए कहा, "जैसा है वैसा ही रहने दो।"

भास्कर ने दृढ़ता से कहा, "नहीं मुकुल, मैं टाइम ट्रेवल करूंगा।"

मुकुल ने एक गहरी नजर से पूछा, "तुम टाइम ट्रेवल क्यों करना चाहते हो?"

"मैंने जो गलत किया है उसे सुधारने के लिए और अपनी पत्नी को वापस लाने के लिए," भास्कर ने उत्तर दिया।

"वापस लाने के लिए?" मुकुल ने अपने चेहरे पर सवालिया निशान लाते हुए कहा। "तुम्हारी पत्नी कहाँ गयी?"

"वह मर गई।" भास्कर की आवाज़ में दुख साफ झलक रहा था।

"भास्कर तुम कह रहे हो की, तुम्हारी गलती की वजह से सैली मर गयी लेकिन वह क्यों मर गयी यह बात तूने नहीं बताई?"

"मुकुल, मैंने तुम्हें पहले ही बताया था कि वह एक दुर्घटना में मर गई।"

"कब?"

"टाइम ट्रेवल से पहले," भास्कर ने उत्तर दिया।

"ठीक है भास्कर। तुम अतीत में अकेले टाइम ट्रेवल करते हो। तो भविष्य केवल तुम ही जानते हो कि, भविष्य में तुम्हारी पत्नी का एक्सीडेंट हो गया है। और अगर तुम टाइम ट्रेवल करते हो, तो तुम्हारी यादाश फिर से चली जाएगी और सैली कैसे मर गयी, यह तुम्हे पता नहीं चलेगा। वही चीज तुम्हारे साथ बार बार वही होगी, चाहे तुम एक बार टाइम ट्रेवल कर लो, या फिर दस बार. इसलिए मैं यही कहुँगा की, तुम अभी टाइम ट्रेवल मत करो, मुझे और थोड़ा वक्त चाहिए, मुझे बहोत सारी चीजे समझना है."

"मुकुल प्लीज, मेरी मदद करो। मुझे अतीत में वापस भेज दो।" भास्कर ने विनती की।

मुकुल ने ठंडे स्वर में कहा, "मैं ऐसा नहीं करूंगा।"

"क्यों?" भास्कर ने हताशा से पूछा।

"देखो, अब इस दुनिया में दो भास्कर हैं। वर्तमान में से एक और भविष्य में से तुम दूसरे हो। यदि तुम दोबारा टाइम ट्रेवल करते हो, तो यहां तीन भास्कर होंगे।"

"मुकुल, मैं कुछ नहीं सुनना चाहता। मैं टाइम ट्रेवल करना चाहता हूं।"

मुकुल ने कड़े शब्दों में कहा, "सॉरी, मैं तुम्हारी मदद नहीं कर सकता।"

"मुकुल प्लीज़?" भास्कर ने आखिरी कोशिश की।

"सॉरी, भास्कर।" मुकुल की आवाज में कठोरता थी। उनके इनकार में एक अडिगता थी, जो भास्कर के दिल को चीर गई। भास्कर निराशा में खड़ा रहा, उसके मन में अनेकों सवाल और भावनाओं का तूफान चल रहा था। क्या वह अपने अतीत को सुधार पाएगा या यह संघर्ष उसे और भी गहरे अंधकार में धकेल देगा? यह सवाल अभी भी अनुत्तरित था।

भास्कर ने गुस्से से मुकुल की ओर देखते हुए कहा, "तुम मेरी मदद क्यों नहीं करते?"

मुकुल ने उसकी आँखों में देखते हुए उत्तर दिया, "ताकि तुम इसमें न फस जाओ।"

"बहुत खूब! यदि आपने टाइम मशीन नहीं बनाई होती तो इनमें से कुछ भी नहीं हुआ होता। मैं अपनी पत्नी के साथ होता, वह ठीक होती, उसके साथ कोई दुर्घटना नहीं होती। यह सब अब तुम्हारी वजह से हुआ है। इसके लिए सिर्फ तुम जिम्मेदार हो।" भास्कर की आँखें गुस्से से लाल हो गई थीं। मुकुल ने भास्कर को इतने गुस्से में कभी नहीं देखा था।

मुकुल ने धीमी आवाज में सफाई दी, "मैंने जानबूझकर नहीं किया।"

"मुकुल, मुझे तुम्हारी मदद चाहिए। तूने जो गलती की है, मैं उसे सुधार सकता हूं।"

"सॉरी, मैं तुम्हारी मदद नहीं करूंगा," मुकुल ने ठानते हुए कहा।

भास्कर ने अपनी बात फिर दोहराई, "तुम मेरी मदद क्यों नहीं करते?"

मुकुल ने गहरी सांस लेते हुए कहा, "सैली मेरी गलती के कारण मर गई। और अब यदि मैं तुम्हारी मदद करूँ तो यहाँ तीन भास्कर बन जाएंगे। तुम मुसीबत में पड़ जाओगे। मैं दूसरी गलती नहीं करना चाहता।"

भास्कर ने ठानते हुए कहा, "उसके बिना मेरे जीवन का कोई मूल्य नहीं है। इसलिए मैं कोई भी जोखिम लेने के लिए तैयार हूं।"

मुकुल ने सोचा और फिर कहा, "मैं ये सब तुम्हारे लिए कर रहा हूँ। मुझे कुछ और समय दो। मैं दोबारा रिसर्च करना चाहता हूं, फिर तुम टाइम ट्रेवल करो।"

भास्कर के चेहरे पर थोड़ी सी मुस्कान आ गई। "ठीक है। तो इसमें कितना समय लगेगा?"

मुकुल ने उत्तर दिया, "कुछ भी कहा नहीं जा सकता। दो साल, या फिर तीन साल, नहीं तो दस साल।"

भास्कर की मुस्कान गायब हो गई। "क्या? दस साल? ओह, अब से दस साल बाद मुझे नहीं पता कि मेरा कौन सा हिस्सा ठीक से काम करेगा।"

मुकुल ने ठंडे स्वर में कहा, "सॉरी, तुम्हें इंतजार करना होगा।"

मुकुल उसकी बात सुन नहीं रहा था। भास्कर को नहीं पता था कि उसे कैसे समझाए। तभी उसकी नज़र मुकुल के पास वाली टेबल पर पड़ी। उस टेबल पर उन तीनों की तस्वीर थी। उसने तस्वीर को हाथ में पकड़ते हुए कहा, "क्या आपको यह तस्वीर याद है? यदि आप इस घर में अपने माता-पिता की तस्वीर छोड़ देते हैं, तो यह एकमात्र तस्वीर है जो आपके पास है। जिसे सैली और मैंने आपके साथ मिलकर खींची थी। क्योंकि आपके तो दो ही दोस्त थे, मैं और सैली। मुकुल, जब मैं पहली बार टाइम मशीन में बैठा तो मैंने सोचा भी नहीं था कि, उस मशीन में बैठने के बाद मुझे करंट लग जाएगा। क्योंकि मैं तुम्हें फेमस होते हुए देखना चाहता था। मुकुल, जब तुम्हें भूख लगी थी, उस समय मैं तुम्हें दो वड़ा पाव देता था। क्या तुम भूल गए मुकुल? उस समय तुम चाहते थे कि मैं टाइम ट्रेवल करूं, सिर्फ तुम्हारी मशीन ठीक से काम कर रही है, या फिर नहीं यह देखने के लिए। लेकिन अब मैं टाइम ट्रेवल करना चाहता हूं, सिर्फ सैली को बचाने के लिए। तो अब तुम मेरी बात क्यों नहीं मान रहे हो?"

मुकुल की आँखों में पानी आ गया। वह बोला, "नहीं भास्कर। मैं कुछ भी नहीं भूला हूं।"

"अगर ऐसा है, तो मुझे टाइम ट्रेवल से अतीत में वापस भेज दो। मेरे लिए, सैली के लिए।"

मुकुल ने हिचकते हुए कहा, "लेकिन तुम्हारे जीवन में कठिनाइयाँ बढ़ जाएंगी।"

"सैली के बिना मेरे जीवन का कोई अर्थ नहीं है। अगर आप मेरी मदद नहीं करेंगे तो मेरे पास आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।" भास्कर की आवाज में दर्द और निराशा की गहराई थी, जिसने मुकुल को झकझोर कर रख दिया।

"ठीक है दोस्त। तुम जैसा कहोगे मैं वैसा ही करूँगा।" मुकुल ने गहरी सांस लेते हुए भास्कर की ओर देखा, उसकी आंखों में सच्ची दोस्ती और मजबूरी का संगम था।

भास्कर ने एक निश्चिंतता की सांस ली और टाइम मशीन में बैठ गया। मुकुल ने टाइम मशीन चालू कर दी। कुर्सी के किनारे तीन रिंग तेजी से घूमने लगे। भास्कर ने अपनी आँखें बंद कर लीं। मुकुल ने ज़ोर से कहा, "मैं तुम्हें अतीत में भेज रहा हूँ। सब कुछ ठीक हो जाएगा। डरो मत और उठने की कोशिश मत करो, चाहे कुछ भी हो जाए।"

तभी कुर्सी के किनारे लगी लोहे की सलाखें उसके चारों ओर लिपट गईं और मशीन से निकली नीली रोशनी उसके शरीर पर पड़ी। मशीन के किनारे की रिंग धीरे-धीरे घूमने लगीं। फिर तीनों रिंग की स्पीड इतनी बढ़ गई कि उसके कपड़े, बाल और गाल हवा में उड़ने लगे। रिंग की हरकत से उसकी बंद आँखें खुल गईं। वह बहुत डर गया था, लेकिन उसने कुर्सी से उठने की कोशिश नहीं की।

अचानक उसके सिर पर एक काला छेद बन गया। वहां सिर्फ अंधेरा था। वह छेद उसे खींच रहा था। वह हवा में उड़ने लगा और तेजी से उस छेद के अंदर चला गया। अब भी उसके मन में वही सवाल था कि क्या वो छेद सिर्फ उसने ही देखा था या फिर मुकुल ने भी देखा था? जब वह उस छेद में घुसा तो उसे केवल अंधकार ही दिखाई दिया। वह तेजी से अंदर जा रहा था। वह डर के मारे जोर से चिल्लाया। उसकी आवाज हर तरफ से उसकी ओर आ रही थी। वह अपनी चीखें जोर से सुन सकता था। काला छेद उसे ऊपर की ओर खींचा जा रहा था। उसने फिर से अपने सिर के ऊपर एक छोटी सी बिंदी के आकार की रोशनी देखी। वह बहुत तेजी से उस रोशनी की ओर खिंचा जा रहा था। जैसे-जैसे वह रोशनी की ओर बढ़ा, बिंदु का आकार बढ़ता गया। वह आकृति अब एक बड़े होल में बदल गई थी। वह उस होल के अंदर चला गया।

फिर उसने एक नई दुनिया में प्रवेश किया। जहाँ एक कमरा था। कमरा पूरा सफ़ेद रंग का था। वह उस कमरे में अकेला था। उसका डर कम हो गया था। अचानक उसके सिर पर फिर से एक काला छेद बन गया। वह छेद फिर से उसे ऊपर की ओर खींचा जा रहा था। अब वह बहुत डर गया था। उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।

उस वक्त मुकुल के घर पर रात के 9:20 बजे थे। उस कमरे में दीवार पर एक घड़ी टंगी हुई थी। अब उस घड़ी की सुइयां पीछे की ओर घूमने लगी थीं और वह समय कुछ घंटे पीछे चला गया। उस वक्त शाम के 7:40 बजे थे। यह अतीत में एक नया सफर था, एक नई उम्मीद के साथ, जहां भास्कर को अपनी गलतियों को सुधारने का एक और मौका मिल रहा था। लेकिन क्या वह इस बार सफल होगा? यह सवाल अब भी अनुत्तरित था, और उसका उत्तर भास्कर के साहस और प्रेम पर निर्भर था।

उसके चारों ओर नीला धुआं बन गया था। उसके हाथों की लोहे की सलाखें अपने आप एक तरफ गिर गईं। वह टाइम मशीन से बाहर आ गया। उसके सिर पर बंधी पट्टी खुल गई थी। उसका घाव पूरी तरह ठीक हो गया था। टाइम मशीन से बाहर आकर उसने देखा कि उसके सामने मुकुल खड़ा था। मुकुल को यह नहीं पता था कि इन दो घंटों में क्या हुआ है, लेकिन इस बार भास्कर को सब कुछ याद आ गया। वह कौन है, उसने टाइम ट्रेवल क्यों किया था, यह सब स्पष्ट था। उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

"मुकुल, मैं टाइम ट्रेवल करके भविष्य से आया हूं। आपकी मशीन ठीक से काम कर रही है।" भास्कर ने उत्साह से कहा।

यह सुनकर मुकुल का मुँह खुला का खुला रह गया। उसे अपने कानों पर भरोसा नहीं हुआ। "तुम सच बोल रहे हो?"

"हाँ, मुकुल, तुम्हारी मशीन ठीक से काम कर रही है।" भास्कर ने जोर देकर कहा।

मुकुल की आँखों में खुशी के आँसू आ गए। उन्होंने यह मशीन अपने माता-पिता के लिए बनाई थी, जो इस दुनिया में नहीं थे। वह उस समय में जाना चाहता था, जब उनका एक्सीडेंट हुआ था। अब उसका सपना पूरा होने वाला था। अब वह अपने परिवार के साथ अपना जीवन दोबारा जी सकता था। वह खुशी से नाचने लगा। उसने एक बड़ा हैप्पी बर्थडे बैलून फोड़ दिया और जश्न मनाने लगा। उसने हवा में उछलते छोटे कागजों को फूँक मार दी और फिर से नाचने लगा।

भास्कर ने उसे रोकते हुए कहा, "रुको, मुकुल। मैंने दूसरी बार टाइम ट्रेवल किया है।"

यह सुनकर मुकुल ने नाचना बंद कर दिया और आश्चर्य से बोला, "क्या?"

"हाँ, जब मैंने पहली बार टाइम ट्रेवल किया, तो कुछ मिनटों के लिए मेरी यादाश चली गई थी। लेकिन अब मुझे सब कुछ याद है।"

"क्या सच में यह तुम्हारे साथ हो गया था?" मुकुल ने अविश्वास से पूछा।

"हाँ।"

मुकुल ने अपनी डायरी निकाली और उसमें सब कुछ लिखने लगा। वह अपने आप से कहने लगा, "पहली बार टाइम ट्रेवल करने के बाद उसकी मेमोरी लॉस हो गई थी, इसके पीछे क्या वजह होगी? मुझे इसका पता लगाना होगा।"

मुकुल अपने डायरी में लिख रहा था, तभी भास्कर ने कहा, "मुकुल, मुझे जाना होगा।"

"कहाँ?"

"सिग्नेचर होटल में। कुछ मिनट बाद शुभम की कार सैली को टक्कर मार देगी। उस दुर्घटना में उसकी मौत हो जाएगी। इसलिए मुझे उसे रोकना होगा। मैं सिग्नेचर होटल में जा रहा हूँ।"

"भास्कर, तूने अपनी पत्नी को बचाने के लिए टाइम ट्रेवल किया है क्या?" मुकुल ने चिंता भरी आवाज में पूछा।

"हाँ।"

"तो मेरी बात सुनो, इस टाइम मशीन के बारे में किसी को भी कुछ भी पता नहीं होना चाहिए।"

"लेकिन क्यों?" भास्कर ने हैरान होकर पूछा।

"क्योंकि इस टाइम मशीन से मैं अतीत में जाना चाहता हूँ। मुझे अपने माता-पिता को बचाना है। इसके लिए मुझे इस मशीन पर थोड़ा और ज्यादा समय काम करना होगा। लेकिन अगर किसी को पता चला कि मैंने टाइम मशीन बनाई है, तो सरकार मेरी मशीन जब्त कर लेगी। क्योंकि मैंने ऐसी चीज बनाई है, जो कुदरत के विरुद्ध है और मैंने यह चीज सरकार की अनुमति के बिना बनाई है। साथ ही सरकार को इसके बारे में कोई जानकारी भी नहीं दी है, तो मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज हो जाएगा। इसलिए मैं अपना अतीत कभी नहीं बदल पाऊंगा। तो तुम मुझसे वादा करो कि तुम यह किसी को नहीं बताओगे।"

भास्कर ने गहरी सांस ली और गंभीरता से कहा, "हाँ, मैं वादा करता हूं।"

मुकुल ने उसे स्कूटर की चाबी दी और कहा, "भास्कर, मेरा स्कूटर ले लो।"

"थैंक यू," भास्कर ने कृतज्ञता से कहा। वह स्कूटर लेकर सिग्नेचर होटल की ओर चल पड़ा। उसे पता था कि शुभम वहां होगा, क्योंकि आज उनकी बेटी का जन्मदिन था और उसने भास्कर को कुछ घंटे पहले सिग्नेचर होटल में आने का आमंत्रण दिया था।

भास्कर तेजी से स्कूटर चलाकर सिग्नेचर होटल पहुंच गया।