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द किंग'स अवतार

ऑनलाइन गेम ग्लोरी में, ये शिऊ को एक ज़बरदस्त और शीर्ष-स्तरीय खिलाड़ी माना जाता था। लेकिन असंख्य कारणों की वजह से उसे टीम से बाहर कर दिया गया। प्रोफेशनल खेलना छोड़ने के बाद, वह एक प्रबंधक के रूप में इंटरनेट कैफे में काम करता है। जब ग्लोरी ने अपना दसवां सर्वर लॉन्च किया, तो उसके पास दस साल के गेमिंग अनुभव के साथ एक बार फिर खुद को खेल में झोंकने का मौका आया। अपने साथ अपने अतीत की यादें और एक अधूरा, स्व-निर्मित हथियार लेकर, शिखर पर जाने के रास्ते पर उसकी वापसी शुरू होती है! "लड़ने और योजना बनाने के बाद, किसने मेरी महिमा छीन ली? हवा और तूफ़ान के उछाल के बाद भी, मेरे सपने अब भी दिखाई देंगे जैसे कि वे कभी बिखरे ही नहीं थे। अपने सारे वैभव के साथ, मेरा रास्ता कभी नहीं गुमेगा। सबकी नज़रों के सामने, मैं दुबारा लौटूँगा!"

Butterfly Blue · Games
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90 Chs

बादशाह (तीन)

Editor: Providentia Translations

"यह योजना गुफा पार करने में मदद करने वाली किताब से है?" भूमि सप्तम और बाकी, कोई नए खिलाड़ी नहीं थे। जो गुफा पार करने में मदद करने वाली किताब उन्होंने देखी थी उसमें इस तरह की कोई योजना नहीं थी। अगर इस तरह की कोई किताब होती तो जरूर उसकी आलोचना हो गई होती है बिना उनके चोट लगने और मार खाने से पहले। क्यों? क्योंकि ऐसा सिर्फ किताबों में होना संभव था। चार लोग अब तक मकड़ी के बादशाह को चैन से बांधे है, यह तब भी सोचे जाने लायक था। पर सिर्फ एक आदमी पर भरोसा करना कि वह इतनी सारी छोटी मकड़ियों को मार देगा, कौन सोच सकता था कि वह एक गलती भी नहीं करेगा?

अगर कोई एक छोटी भी मकड़ी भाग गयी होती और उन चारों में से किसी एक को काट ली होती तो, यह घेरा टूट चुका होता। बादशाह मकड़ी हवा में भाग गई होती, जमीन में धंस गई होती, मकड़ी के जाले फेंक दी होती या जहर ही फेंक दिया होता। सभी छिपे सरगनाओं में से यह सबसे ताकतवर थी। अगर चारों इसे घेरे रखते और अचानक कोई एक मौका आ जाता भागने का, तो बाकी सब एक बार में उसी जगह पर मारे जा सकते थे। 

"तुम क्या सोच रहे हो? क्या तुम लोग यह कर सकते हो?" ये क्सिउ ने अभी भी पूछा। 

"सुनो, सुनो, इसमें कोई दिक्कत नहीं है, ये तो हमें तुमसे पूछना चाहिए? क्या तुम जिम्मेदारी लेते हो कि एक भी मकड़ी भागने नहीं पाएगी?" भूमि सप्तम ने कहा।

"जरूर, इसीलिए यह तुम लोगों के लिए एक अहम जगह है। चार लोग इसे घेरे हुए रखना। ये सबसे ऊंचा दर्जा है मकड़ी का बादशाह, तो हमें आपस में तालमेल बहुत तेजी से बैठाना होगा। मैं तुम लोगों की मदद नहीं कर सकता हूँ। अगर तुम मेरी आवाज सुनो और उसके हिसाब से प्रतिक्रिया दो, तो वैसे ही काफी धीरे हो जायेगा, इसलिए मुझे तुम लोगों के तालमेल पर भरोसा करना पड़ेगा। तुम क्या सोच रहे हो? क्या कोई समस्या है?" ये क्सिउ ने कहा।

"क्या कोई और तरीका है?" भूमि सप्तम ने पूछा। सही में उन चारों के अपने ऊपर बिल्कुल भी भरोसा नहीं था।

"तुम लोगों के सहयोग से और इस तरह की कुशलता से मुझे नहीं लगता किसी और तरीके की जरूरत होगी" ये क्सिउ ने कहा।

"यह एक तरीका हो सकता है, यह तुमने तय किया, हम लोगों के कुशलता का वर्ग देखने के बाद?" 

"सही है"

वह चारों सकते में थे। वह अभी भी सोच रहे थे कि ये क्सिउ ने कौन सी गुफा पार करने में मदद करने वाली किताब देखी है क्योंकि उन लोगों ने कई बार देखा था पर ऐसी कोई किताब नहीं थी। वे जानते थे ये क्सिउ किसी किताब को नहीं देख रहा था योजना बनाने के लिए। वह खुद सरगनाओं के चरित्र को देख रहा था। उसे देखने के बाद वह योजना बना रहा था जो उनकी कुशलता के अनुरूप हो। बिना परीक्षण किए, बिना कहीं तोड़कर घुसे, सीधे आदेश देना और अंत में सभी सरगनाओं को साफ कर देना।

इस बार उन चारों को जो बात अचंभित की वह उसका चरित्र को संभालना नहीं, उसकी अद्भुत जानकारी नहीं या उसका बेहतरीन नेतृत्व नहीं था। उसे इस खेल की बेहतरीन समझ थी। भूमि सप्तम और अन्य ने तुरंत ही कहा की जानकारी शब्द उसको बयान करने के लिए काफी नहीं है। इससे बड़ा कोई शब्द ही....

पर वह चारों अभी भी हिचक रहे थे क्योंकि इस बार, वह उस पर अभी भी पूरी तरह से निर्भर नहीं हो पा रहे थे। उन चारों को अपना किरदार, खुद निभाना था। असलियत में वह कोई जानकार नहीं थे बस अनुभवी खिलाड़ी थे जो नए खिलाड़ियों से बेहतर थे। जब ये क्सिउ ने उनसे पूछा कि वह इसे कर सकते हैं या नहीं कर सकते हैं। सही बात ये थी कि उन्हें अपने ऊपर बिल्कुल भरोसा नहीं था।

वह चारों हिचके पर ये क्सिऊ ने उनसे फिर से नहीं पूछा। पांचों सिर्फ शांत होकर मकड़ी के बादशाह की गुफा के बाहर खड़े रहे। पर इस लम्हे पर एक खास तरह की घोषणा हुई उन सभी की स्क्रीन पर। पहला मकड़ी गुफा में छिपा हुआ सरगना पहले ही मारा जा चुका था।

भूमि सप्तम ने अपने दांत भींचे और सोचा अब इस समय पर पहली हत्या के बारे में नहीं सोचना चाहिए। अगर हम कोठरी से किसी आम दिन भी गुजरे होते तो भी हम छिपे हुए सरगना से मिल लिए होते तो ऐसा ना होता कि हमने कोशिश न की होती या हमने छोड़ दिया होता। अगर हम सही में ऐसा नहीं कर सकते थे तो हमें तुरंत यहाँ से चले जाना चाहिए। आरंभिक गांव में रहने का एक फायदा यह भी था की कोठरियों को जबरदस्ती छोड़ना सरल होता है। वैसे तो पात्रों को फिर से बनाना पड़ता है पर अनुभव का कोई नुकसान नहीं होता। आरंभिक गांव नए खिलाड़ियों का अच्छा ख्याल रखता था।

"क्या हमें प्रयास करना चाहिए?" भूमि सप्तम ने तीनों साथियों की ओर देखा। तीनों खिलाड़ियों ने घोषणा के बाद लड़ने की भावना दिखाई। उन्होंने एकमत होकर फैसला लिया।

"ले आओ उसे" भूमि सप्तम ने अपने सारे साथियों का प्रतिनिधित्व किया और उनका फैसला विकट देव को बताया।

"चार लोग काफी नहीं है इस योजना को निभाने के लिए। याद करो कि तुम्हारी लय क्या थी आख़िरी कुछ समय में। अब तुम्हें इसे, उससे तेज करना है। उसके बारे में सोचो मत बस महसूस करो" ये क्सिउ ने कहा।

"समझ गया"

"मैं लड़ाई शुरु करता हूँ" ये क्सिउ ने कहा और विकट देव को आदेश दिया कि वह गुफा में घुस जाए। पर वह नहीं घुसा। उसने बस अपना हथियार निकाला और उसे एक बार उठाया। वह अचानक मुड़ा और हल्के से फिसला।

"हो गया?" बाकी चारों अचंभित थे। 

"हो गया" ये क्सिउ ने कहा।

बाकी चारों अपने सर परेशानी से खुजला रहे थे। उसने इसे शुरू कैसे किया? उन लोगों ने कुछ नहीं देखा। उन सब ने सोचा कि विकट देव घुसेगा। किसे पता था कि वह बस द्वार पर खड़ा रहेगा कुछ देर? इस तरह की शुरुआत एक बहुत लंबे वर्ग के खिलाड़ी द्वारा ही किया जा सकता था।

"क्या वो बंदूकें भी लेकर आया है?" 

"उसके पास होगी ही" 

जब तक वह सोच रहे थे एक चीख गुफा से गूंजी। मकड़ी बादशाह जो अब तक एक अच्छी नींद में था वह जबरदस्ती उठा दिया गया था। सभी ने महसूस किया कि गुफा हिल गई थी और वह जानते थे कि बादशाह अब बाहर आने को था।

"इधर-उधर बिखर जाओ। अपना अपना ध्यान रखना" ये क्सिउ चिल्लाया। भूमि सप्तम और अन्य इधर-उधर बिखर गए। मकड़ी बादशाह ने जहर फेंका और सीधे विकट देव के ऊपर उछल पड़ा।

विकट देव पीछे नहीं हटा बल्कि आगे ही बढ़ा। वह तेजी से आगे की ओर दौड़ा। जैसे ही उसने देखा कि वह उसके ऊपर कूदने वाला था वह अचानक ही नीचे हो गया। एक तेज धमाके के साथ वह फिसलता हुआ मकड़ी बादशाह के पेट से टकराया। 

"मैंने कहा था ना कि वह बंदूक लेकर आया होगा" वरुण लहर ने चिल्लाया। वह धमाका इतना तेज था, ऐसे लगा जैसे बंदूक से गोली चली हो।

फिसलते हुए विकट देव ने हवा में छलांग लगाई। अपनी कलाई को मोड़ते हुए उसने भाले को बादशाह मकड़ी के तशरीफ़ में घुसा दिया। बादशाह मकड़ी के कूदने की ताकत से उसने बादशाह मकड़ी को हवा में चार आदमी की तरह उड़ा दिया।

"उपर" ये क्सिऊ चिल्लाया। वह चारों असमंजस में थे। इसके पहले उन्होंने सोचा था कि ये क्सिउ को कुछ समय लगेगा उस राक्षस को जाल में फंसाने के लिए। उन्होंने नहीं सोचा था कि बादशाह मकड़ी इतने जल्दी और इतने सीधे से उनके कब्जे में आ जाएगी। 

"मैं शुरू करता हूँ" भूमि सप्तम चिल्लाया और हमला करने के लिए आगे बढ़ा।

"उसके बाद में" सूर्यास्त मेघ आगे बढ़ा।

वरुण लहर उसके पीछे आया।

"...." सुषुप्त शेखर उसके बाद आया।

जब सुषुप्त शेखर ने खत्म किया तो भूमि सप्तम चिल्लाया "मेरी क्षमता अभी भी ठंडी पड़ रही है" 

"बहुत जल्दी" ये क्सिउ के विकट देव ने पहले ही नागदंत से मकड़ी बादशाह को अचंभित कर दिया था।

"जल्दी करो और अपनी लय पकड़ो" ये क्सिउ ने विकट देव को निर्देश दिए कि वह तुरंत ही छोटी मकड़ियों को खत्म कर दे।

"ठीक है" भूमि सप्तम ने देखा। उसने पाया कि मकड़ी के बादशाह ने तुरंत ही अपनी सारी कुशलताओं को एक साथ लड़ने में नहीं झोंक दिया। उसने बहुत धीमें शुरुआत की इससे बाकी सब आराम से अपनी लय पकड़ सके। इस समय महान जानकार भी छोटी मकड़ियों से लड़ रहा था और साथ ही साथ सबकी मदद भी कर रहा था।

"अभी भी बहुत तेज है" जब पहला दौर खत्म हुआ तो भूमि सप्तम की कुशलता अभी भी ठंडी पड़ रही थी।

"घबराओ मत, लय पकड़ो" ये क्सिउ ने याद दिलाया 

"वरुण लहर बहुत तेज चला गया" 

"अभी भी तेज, अभी भी वरुण लहर"

"अभी भी तेज, इस बार नन्हे मुन्ने चंदू की बारी है। वरुण लहर की लय अच्छी है। तुमने अच्छा तालमेल बैठाया" ये क्सिउ ने देखने में मदद की कौन अच्छा कर रहा था जब कि वह छोटी मकड़ियों को मारने में व्यस्त था।

मकड़ी बादशाह की जीवन रेखा लगातार गिर रही थी। उसके जाले फेंकने का दर भी एक, दो, तीन करके बढ़ रहा था।

"ठीक है इस दौर में लय अच्छी थी। ऐसे ही बनाए रखो" अंत में इस दौर में उनका तालमेल एकदम ठीक रहा।