"हे, हे तुम ज्यादा आगे बढ़ रहे हो!" चेन गुओ थोड़ा गुस्सा थी। वैसे तो वो तलाश में थी किसी ऐसे इंसान की जो टांग रोऊ को परेशान कर सके, पर उसने ये नहीं सोचा था की ये क्सिऊ उसके बारे में कुछ भी अच्छा नहीं बोलेगा। क्या उसे ये सब करने की जरूरत थी?
"ओह! मैं माफ़ी चाहूँगा" ये क्सिऊ ने कहा "मैं कुछ ज्यादा ही कह गया। वो 100 साल वाली बात, बढ़ा चढ़ा के कह गया। तुम्हे उतने समय की जरूरत नहीं है"
आधी बात सुनकर चेन गुओ चौंक गयी कि ये आदमी सही में अपनी गलती मान रहा था। पर उसके आखिरी शब्द सुनकर वह इतना गुस्सा हो गयी की उसकी नाक लाल हो गयी।
"तुम अच्छी बात कर ही नहीं सकते" जब चेन गुओ ने ऐसा कहा तो उसने टांग रोऊ को देखा। वो बहुत आगे निकल आई थी। वो हमेशा अपनी इस छोटी बहन को परेशान करना चाहती थी पर अब जब उसने कर लिया था तो वो डर रही थी कि कहीं वो बहुत आगे न निकल गयी हो।
"हम्म... उसकी तकनीक काफी तेज थी। मैंने कहा तो" ये क्सिऊ ने कहा।
"और कुछ?" चेन गुओ ने कहा।
"और क्या...." ये क्सिऊ ने सोचने की बहुत कोशिश की। उसकी नजर दूसरी जगह चली गयी, "वो बहुत प्यारी है"
चेन गुओ को लगा वो खून फेंक देगी। वो तारीफ कर रहा है, है न? वो तारीफ कर रहा है, है न? पर दिक्कत ये थी की वो खेल के बारे में बात कर रहे थे। उसने कहा, "वो बहुत प्यारी है" पर इसका मतलब ये नहीं कि उसमे, खेल को लेकर, एक भी अच्छी बात नहीं?
टांग रोऊ गुस्सा होने वाली थी, वो गुस्सा होने वाली थी... चेन गुओ ने सर झुकाया और देखा। टांग रोऊ अपने होंठ काट रही थी। उसका दाहिना हाथ अभी भी कस कर माउस को पकडे हुए था। अगर उसकी जगह चेन गुओ रही होती तो अब तक उसने कीबोर्ड उठाकर उसे पीटने चालू कर दिया होता। पर फिर उसमे और टांग रोऊ में अंतर था। वो बस इतना ही कह सकी, "जब लड़ाई खत्म हो जाये तब कहना"
"कोई जरूरत नहीं है। मैं इससे पहले आराम से खेल रहा था। अगर ऐसा न होता तो बाज के पंजे के बाद, मैंने इस्तेमाल की होती गिरती हुई बिजली, आकाशीय आक्रमण, तुम्हे गिराते हुए नागदंत, गिरते हुए फूलों का पंजा और तुम मर चुकी होती" ये क्सिऊ ने कहा।
"तो तुमने ये सब किया क्यों नहीं?" टांग रोऊ ने पूछा।
"अगर मैंने किया होता तो मैं जीत गया होता और मैंने तुम्हारे 100 युआन ले लिए होते। पर तुम सही में नहीं जानती कि कैसे खेलना है, इसलिए ये गलत होता। मैं तुम्हारे 100 युआन लेकर शर्मिंदा भी होता। भूल जाओ इसे" ये क्सिऊ ने कहा और चेहरा चेन गुओ की और करते हुए, "मैडम जो मेरे 100 युआन है, उन्हें आप मेरी तनख्वाह में से काट सकती है। आपने पहले ही मान लिया था"
"तुम, तुम, तुम...." चेन गुओ इतना गुस्सा थी की उसकी नसे फट सकती थी और वो मर सकती थी। उसने 100 युआन लिए, उसे मसल के उसकी छोटी सी एक गेंद बनाते हुए उसकी ओर फेंकी: "रखो इसे"
"धन्यवाद" ये क्सिऊ ने तुरंत पकड़ लिया। वो एक दम से गरीब नहीं हो गया था। पर सिगरेट उसके लिए खाने की तरह थी, जिसे लेना जरूरत थी। दूर की देखते हुए, उसे अभी से ही तैयारी करनी थी।
"अगर मैं हार गयी, तो हार गयी। तुम्हे नजरअंदाज करने की जरूरत नहीं है। तुम ये 100 युआन रखो" टांग रोऊ खड़ी हो गयी। उसने वो 100 युआन शर्त वाले लिए और उसे उसके हाथ में थमा दिया।
"भूल जाओ इसे। मैं इसे लेने में सही में बहुत शर्मिंदा महसूस करूँगा" ये क्सिऊ ने कहा।
"रखो इसे" चेन गुओ ने ये क्सिऊ को घूरा। उसे टांग रोऊ के गुस्से का पता था। ये लड़की जानने की इच्छुक और गम्भीर थी। अगर ये क्सिऊ पैसा न लेने पर अड़ा, तो बात ढंग से खत्म नहीं होगी। उसे अब डर था कि ये क्सिऊ भी एक आदमी था जो उसका सर दीवार से भिड़ा सकता था। अगर उसने पैसे नहीं लिए तो जो भी हो, उसे क्या करना चाहिए?
पर अंत में उसने ये क्सिऊ को कहते सुना "तो फिर इसे मैडम को दे दो। उनका उधार है मुझ पर"
धूर्त, गेंद मेरे पाले में फेंक दी। चेन गुओ गुस्सा थी पर टांग रोऊ की अलग मंशा थी। टांग रोऊ, चेन गुओ को गुस्सा नहीं दिलाना चाहती थी, तो उसने पैसे लेकर उसे देते हुए कहा, "तो उसका कर्जा माफ़ हुआ"
"आओ एक बार और लड़ते है" टांग रोऊ ने गेंद वापस उसके पाले में फेंकते हुए, बैठ गयी। चेन गुओ बस इतना महसूस कर पाई की उसके गाल आंसुओं से भीगने को थे। ये टांग रोऊ थी। वो चेन गुओ की तरह नहीं थी, जो चिल्लाना और नोचना चालू कर दे। उसे पूरा विश्वास था की काम शब्दों से ज्यादा तेज बोलते थे और वो अपनी ताकत का इस्तेमाल सिर्फ सामने वाले को निशब्द करने में ही करेगी।
क्योंकि जमा हुआ मैदान सिर्फ अभ्यास करने में काम आता था, वहाँ कोई जीत या हार नहीं होती थी। खिलाड़ी भी आजाद थे कि वो कभी भी खेल में घुस सकते थे और कभी भी निकल सकते थे। जब टांग रोऊ बैठ गयी, उसने फिर से खेलने का विकल्प चुना। बिना ये क्सिऊ के बोलने का इंतजार किये उसने फिर से 100 युआन निकाले और मेज पर रखते हुए कहा, " एक दौर, एक और 100। हालांकि मैं सही में नहीं जानती कि कैसे खेलना है, मैं उम्मीद करती हूँ की तुम मुझे गंभीरता से लोगे"
ये क्सिऊ चेन गुओ की ओर मुड़ा। चेन गुओ ने अपने हाथ फैलाये हुए थी, मतलब की उसे फर्क नहीं पड़ता था, तुम अपनी दिक्कत खुद सुलझाओ।
"ठीक है..." ये क्सिऊ ने ज्यादा कुछ नहीं कहा और शांति से बैठ गया।
नया दौर शुरू हो गया था। चेन गुओ अभी भी टांग रोऊ के पीछे खड़ी थी, पर इस बार वह सिर्फ चुपचाप देख रही थी, बिना कुछ कहे हुए। वो अब बिना किसी बात के मुद्दा भी नहीं बना रही थी।
हालात पिछले दौर जैसे ही थे। चेसिंग हेज़ अभी भी हार गयी, और वो विकट देव के कपडे तक को भी नुकसान नहीं पहुँचा पाई। इस बार बस इतना अंतर था कि विकट देव ने कोई रहम नहीं दिखाया। उसने सीधे-सीधे चेसिंग हेज़ की जीवन रेखा मिटा दी।
"फिर से" टांग रोऊ ने बिना कुछ कहे, फिर खेलने का विकल्प चुन लिया। उसने फिर से 100 युआन निकाले और मेज पर पटक दिए।
फिर हार गयी।
"फिर से"
एक और हार।
"फिर से"
एक और हार।
ये क्सिऊ ने एक शब्द नहीं कहा। चेन गुओ ने एक बार फिर ये क्सिऊ के भावों को देखा। उसने बस इतना ही देखा की विकट देव ने हल्की सी भी रहम नहीं दिखाई।
ध्यान से और सम्भल के खेलते हुए, उसने एक भी मौका नहीं छोड़ा। पागल और बेरहम।
इंटरनेट कैफ़े के बहुत से मेहमानों ने इस प्रतियोगिता की ओर ध्यान देना शुरू कर दिया था। कुछ अक्सर आने वाले ग्राहक अपने कंप्यूटर छोड़कर इस दृश्य को देख रहे थे।
बहुत से अक्सर आने वाले ग्राहक टांग रोऊ को पहचान रही थी। बहुत से लोगों के लिए, ये खूबसूरत लड़की उनके सपनो की हसीना थी। नतीजतन, बहुत से लोगो को पता था की टांग रोऊ ग्लोरी नहीं खेलती थी, पर उसकी पीके करने की कुशलता कम नहीं थी। अब जब सब उसे लगातार हारते और पैसा भरते देख रहे थे, तो सब चौंके हुए थे।
और उसका प्रतिद्वंदी? वह अभी सिर्फ दो दिन पहले आया था और एक पाली रात में काम किया था, तो बहुत से लोग उसे नहीं पहचान रहे थे। लड़ाई देखने के बाद, टांग रोऊ के पीछे से लोगों ने आश्चर्य से चौंकते हुए कहा, "विकट देव, ये तो 10 वे सर्वर का विकट देव है"
"सही में? कहाँ, कहाँ?" इस छोटी सी टिप्पणी ने बहुत से लोगों को चौंकन्ना कर दिया। कुछ ग्राहक जिन्होंने इसे सुना, वो आगे आकर भीड़ का हिस्सा बन गया।
टांग रोऊ और ये क्सिऊ इससे विचलित नहीं हुए। उन्होंने लगातार लड़ना जारी रखा। जब चेन गुओ ने विकट देव के लिए लोगों की प्रतिक्रिया देखी, वो चौंधिया सी गयी। उसने एक आदमी को पकड़ते हुए कहा, "विकट देव कौन है?"
"10 वे सर्वर का सबसे चर्चित पात्र। शुरुआती गाँव में पहले तीन दौर सबसे पहले पार करने वाला। जमे हुए जंगल को पार करने का कीर्तिमान अभी इसी के नाम है और अब तो वो नील नदी संघ से भी जुड़ गया है"
"नहीं! मैं नील नदी संघ के लोगों को जानता हूँ। विकट देव ने नया कीर्तिमान बनाने में उनकी मदद की और फिर संघ छोड़ दिया"
"धत्त, वो नील नदी संघ की आँखों में आँखें डाल कर देख भी नहीं सकता है। वो करना क्या चाहता है?"
"हे, शांत रहो। वो यही है"
"क्या, कौन सा?"
ये भीड़ जो सभी तथ्य नहीं जानती थी, समझ नहीं पाई की टांग रोऊ के सामने जो आदमी बैठा था, जिससे वो लगातार पैसों की शर्त लगा रही थी, ये वही आदमी था।
"वाह! फिर हार गयी..."
"ये कौन सा दौर है?"
"मैं नहीं जानता। जब मैं आया तो ये पहले से ही शुरू था"
"मेज पर 500 रखे हुए है, है न?"
"हाँ, हाँ"
"वाह!, एक और शर्त..."
"बहन टांग, जाओ, जाओ"
इसी तरह टांग रोऊ 10 दौर लगातार हार गयी। उन दस दौरों में, ये नहीं कहा जा सकता था कि विकट देव के कपड़ो की सिलवट भी एक बार खराब हुई हो, पर दर्शकों की नजर में एक बार भी उसके जीतने की उम्मीद नहीं थी। पहले की उत्साहित करने की आवाजे अब दिलासा देने की आवाज में बदल गयी। कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने विकट देव के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया था कि उसने बिलकुल भी रहम नहीं दिखाई, वे सब लड़की के लिए रहम दिल हो रहे थे।
"फिर से" टांग रोऊ हिली तक नहीं। उसने फिर चिल्लाया। पर जब उसने अपना पर्स निकाला तो वो सिर्फ घूरती रह गयी।
वो एक दौर नहीं खेल सकती थी क्योंकि उसके पास पैसे ही नहीं बचे थे।