"ची तुम क्या समझते हो अपने आपको"
"उसका सन्यास लेना उसके लिए ही फायदेमंद है और फिर वो कर भी क्या सकता है?"
"सही है! सही है! वह बहुत ही शरीफ है, उसे कभी भरोसा नहीं होगा कि उसके सन्यास लेने में क्लब का कोई हाथ है"
ये किउ और सु मुचेंग जा चुके थे। सभागार में मौजूद हर व्यक्ति अचानक से इस सदमें से उबरा और वापस उसका मजाक बनाने लगे। किंतु सुन क्सिंग के भाव मिले जुले से थे। वह उसका माखौल बनाने में शामिल नहीं हुआ बल्कि मैनेजर के पास जाकर बोला "मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा। वह इतनी आसानी से शर्तों को कैसे मान गया?"
"उसके पास शर्तों को मानने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था" मैनेजर ने कहा
"लेकिन क्यों?"
"क्योंकि उसके पास हर्जाने के पैसे देने की क्षमता नहीं थी" मैनेजर ने कहा
"लेकिन... लेकिन, यह कैसे संभव हो सकता है" सुन क्सिंग अचंभित था "ये किउ ने पेशेवर खिलाड़ी के तौर पर 7 साल कड़ी मेहनत की थी और खेल के शिखर पर पहुंचा था। यद्यपि उसने सभी व्यवसायिक करार ठुकरा दिए थे फिर भी उसकी तनख्वाह इतनी कम नहीं होनी चाहिए थी कि वह हर्जाने के पैसे ना दे सके"
"तुम उसकी पीढ़ी के नहीं हो इसलिए तुम नहीं समझोगे। अलायन्स के शुरुआती दौर में अलायन्स के सभी पेशेवर खिलाड़ी आज की तुलना में इतने प्रभावशाली नहीं थे। उस समय यदि कोई पेशेवर खिलाड़ी निकाल दिया जाता था तो बड़ी बुरी स्थिति का शिकार हो जाता था। उनकी जवानी के ज्यादातर साल खेल खेलने में ही बीत गए होते थे। किंतु उनमें से किसी में भी ऐसी कोई कुशलता नहीं थी जो उन्हें पैसे कमाने में मदद कर सके। ये किउ उसी दौर का महारथी है और उसी की उपलब्धियों बदौलत हम लोग भी आज यहाँ पहुंचे हैं किंतु उसके कई दोस्त ऐसे ही थे"
"तुम कहना चाह रहे हो कि उसकी कमाई का बड़ा हिस्सा उसके दोस्तों में बांट दिया गया" सुन क्सिंग की आंखें विस्मय से फैल उठी।
"तुमने सही समझा"
"तो अगर उसे पैसे की जरूरत थी तो उसने व्यवसायिक गतिविधियों को ठुकरा क्यों दिया" सुन क्सिंग ने पूछा
"इसका कारण कोई नहीं जानता" मैनेजर ने जवाब दिया
"कोई अंदाजा तो होगा" सुन क्सिंग ने पूछा
"शायद उसके परिवार से कुछ लेना देना था" मैनेजर ने कहा
"हम्म?"
"कोई उसके परिवार के बारे में कुछ नहीं जानता। वो कभी उनके बारे में बात नहीं करता था। बड़े ही अचरज की बात थी इसलिए मुझे हमेशा उस पर शक होता था" मैनेजर ने कहा
"यह आदमी, यह आदमी तो कहानियों का पिटारा है" सुन क्सिंग ने ऑटम लीफ कार्ड उठाते हुए कहा, जो ये किउ ने दिया था। वह जानता था कि ये किउ ने ये खाता प्रोफेशनल अलायन्स से बहुत पहले बनाया था। अब तक इस्तेमाल होता आया, यह ग्लोरी का सबसे पुराना खाता है।
"ठीक है, अब कोई उसके बारे में बात नहीं करेगा। मालिक आज व्यस्त हैं और आ नहीं पाएंगे। पर उन्होंने मुझे यह पुरानी लाल वाइन की बोतल दी है और आपका स्वागत करने को कहा है" मैनेजर ने कहा
"हा! हा! बहुत-बहुत शुक्रिया! मेरे साथ सुनहरा दौर वापस अपने सुनहरे दौर पर लौट आएगा"
ये किउ जा चुका था। सु मुचेंग क्लब के दरवाजे पर खड़ी हुई थी। वह तब तक खड़ी रही जब तक ये किउ नजरों से ओझल नहीं हो गया। वह लगातार मुड़ते हुए हाथ हिलाते जा रहा था। सु मुचेंग के गालों पर से आंसू लगातार बहते हुए निकल जा रहे थे।
बिना ज्यादा कुछ कहे ये किउ ने बस इतना कहा "1 साल आराम करूंगा और फिर मैं वापस आऊंगा"
सु मुचेंग एक शब्द और नहीं कहा, सिर्फ वह अपनी गर्दन हाँ में हिलाती रही। वह अब वो मासूम लड़की नहीं थी और उसके कंधों पर पहले ही बहुत सी जिम्मेदारियां आ पड़ी थी।
बर्फ की फुहारे पड़ रही थी। ठंड अपने चरम पर थी।
बर्फ गिर रही है?
जब ये किउ ने क्लब छोड़ा उसे नहीं पता था कि उसका अगला कदम क्या होगा। एक ही तरह की जिंदगी जीते इतने साल बीत गए थे कि अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह अचानक आए इस बदलाव से समझौता कर भी पाएगा या नहीं। वह अकेले चलना चाहता था, तब तक जब तक, उसके विचार साफ समझ आने लायक ना हो जाए।
किसे पता था की मौसम जीवन में एक और मौका नहीं दे सकता? इस क्षण जैसे-जैसे समय बीत रहा था वैसे वैसे बर्फ का गिरना और तेज हो रहा था। उड़ती हुई बर्फ ने तुरंत ही उसके कंधे को झकझोरा। उसके सर पर बर्फ की एक परत सी जम गई थी। अगर वह कहीं शरण ना लेता तो जरूर ही मर जाता।
ये किउ ने दाएं बाएं देखा और उसे सड़क किनारे एक इंटरनेट कैफे दिखा। रात के इस क्षण में भी रोशनी तेज जगमगा रही थी और वह तेजी से उस ओर मुड़ गया।
इंटरनेट कैफे काफी बढ़िया और गर्म था। ये किउ अंदर घुसा और सबसे पहले अपने ऊपर से बर्फ की परत को झाड़ा और फिर रिसेप्शन पर पहुंचा।
"तीसरे क्षेत्र में 47 वा नंबर" रिसेप्शन पर बैठी युवती ने एक खाली कंप्यूटर के बारे में बताते हुए कहा। उसने तुरंत ही एक आईडी कार्ड उसे सौंप दिया जिससे कंप्यूटर चालू होता है पर वो वहाँ से ओझल हो चुका था। उस युवती ने इसके बारे में ज्यादा कुछ सोच विचार भी नहीं किया क्योंकि यहाँ अक्सर ऐसा होता रहता था। उसे लगा कि वह इस आईडी कार्ड को लेने वापस तो आएगा ही और ऐसा सोचकर उसने आईडी कार्ड वापस रख लिया।
तीसरे क्षेत्र में 47वे नंबर का कंप्यूटर, ये किउ संकेतों के माध्यम से खोज रहा था। इंटरनेट कैफे छोटा नहीं था। वहाँ बहुत सारे कंप्यूटर थे और यहाँ तक कि ऊपर दूसरा माला भी था। तीसरा क्षेत्र... ये किउ ने उपर दीवार पर लिखा देखा। इसका मतलब उसे अब दूसरे माले पर जाने की जरूरत नही थी।
एक बार उसने 47 तक गिना और यह देख कर चौंका की उस कंप्यूटर पर पहले से ही एक लड़की बैठी थी। सबसे बड़ी बात वह ग्लोरी खेल रही थी। वर्तमान समय में वह रंगभूमि में लड़ रही थी। उसके तीखे वारों से चूनी रखा पात्र ऊपर नीचे कूद रहा था। उसकी तरफ देखते हुए उसने पाया की वह एक लांचर संभाले हुए हैं। एक पल के लिए उसे लगा की सु मुचेंग वहाँ बैठी है।
पर उसने तुरंत ही जान लिया कि वह सु मुचेंग नहीं है। सु मुचेंग शांत और सौम्य स्वभाव की थी। गंभीर विषय पर बहस करते हुए भी उसके चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान खिली रहती थी। उसके बारे में बोलते हुए ये किउ ने उसे कई बार देखा था की वह मुस्कुराते हुए अपने विपक्षियों को धज्जियां में उड़ा देती थी। उसके बाद जब वह क्षमा मांगती थी तो ये किउ अंदर एक सिरहन सी दौड़ उठती थी।
जहाँ तक इस लड़की की बात थी यह भी खूबसूरत थी और सौम्य स्वभाव की दिख रही थी। पर फिर भी उसके अंदर का आक्रोश और उसका अपने कीबोर्ड पर पूरा प्रयास झोंक देने का दृश्य उसके बाहरी रूप को एक छलावा बता रहे थे।
"इस पर तो माता आई है पर फिर भी दुखद है कि…" ये किउ ने स्क्रीन को साफ देख लिया था। उसने देखा था कि यह लड़की बहुत ही बुरी स्थिति में फंसने वाली थी। जैसी उम्मीद थी जल्दी ही उसके विपक्षी ने उसकी गलतियों का फायदा उठाते हुए उसकी बची हुई जीवन रेखाओं को दो ही वार में नष्ट कर दिया।
"धत तेरी की" ये किउ ने उस लड़की को गुस्से में चीखते हुए सुना। उसने कीबोर्ड को पटकते हुए गेम को हटा दिया।
ये किउ ने हिचकते हुए सोचा की क्या उसे अभी भी कंप्यूटर चाहिए।
वह लड़की उठी और ये किउ को देखते हुए पूछा "कंप्यूटर चाहिए?"
ये किउ ने सर हाँ मैं हिलाया
"तो बैठो" ऐसा कहते हुए लड़की निकल गई।
ये किउ, नौसिखिया खिलाड़ियों की बेसब्री पर सर हिलाते हुए, बैठ गया।
चेन गुओ बहुत ही निराश और दुखी थी। वह रंगभूमि में 52 बार लड़ चुकी थी और एक भी जीत हासिल नहीं कर पाई थी। उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था की यही असलियत है।
चेन गुओ ने चेंजिंग हेज कार्ड को पॉकेट में रगड़ा। उसका खाता इतना भी बुरा नहीं था। साधारण खिलाड़ियों के बीच वो काफी मजबूत थी और उसमें कौशल की भी कमी नहीं थी। उसने ग्लोरी, पूरे 5 साल खेला था। उसके विपक्षी का खाता उसके जितना बेहतर भी नहीं था बावजूद इसके वह आज भी पहली जीत को तरस रही थी।
"बहुत ही ताकतवर और माहिर था" चेन गुओ ने अपनी बात एक वाक्य में कह दी।
"मैडम अभी आप लॉगआउट नहीं हुई हैं। वह आदमी क्यों खेल रहा है?" चेन गुओ सोचते हुए चली ही जा रही थी कि अचानक पीछे से एक आवाज ने उसे टोंका। चेन गुओ ने अपना सर पीछे मोड़ा और देखा। पास ही की कंप्यूटर पर अक्सर आने वाला एक ग्राहक, उस कंप्यूटर को देख रहा था जहाँ पर पहले चेन गुओ बैठी थी।
यह बिल्कुल ठीक नहीं है, चेन गुओ का दिल बैठ गया और वह एकदम से भागी। ग्लोरी की अत्याधिक प्रसिद्धि के कारण ग्लोरी के इक्विपमेंट बढ़िया कंप्यूटर सामान के तौर पर इंटरनेट कैफे पर उपलब्ध थे। खाते से मौजूद कार्ड को इन इक्विपमेंट में लगाना होता था। अतः सार्वजनिक स्थानों पर लोग खेलने के तुरंत बाद कार्ड को निकाल लिया करते थे।
हर कार्ड के साथ केवल एक खाता जुड़ा होता था। खोए हुए कार्डों की सूचना दर्ज कराई जा सकती थी इसलिए चोरी जैसा कोई काम संभव नहीं था। किंतु सार्वजनिक स्थानों पर अक्सर ही लोग लॉगआउट के बाद अपना कार्ड निकालना भूल जाते थे। नतीजतन उनके पैसे और उपकरण लूट लिए जाते थे। चेन गुओ लगातार 52 हारों के बाद एकदम झल्ला उठी थी। उसने लॉगआउट नहीं किया था बस कंप्यूटर पर से गेम हटा दिया था।
चेन गुओ भागती हुई वहाँ पहुंची और देखा कि वह आदमी सही में उसके खाते से खेल रहा था। पर ऐसा कतई नहीं लगा कि वह उसका इक्विपमेंट चुरा रहा हो बल्कि यूँ लगा कि वह रंगभूमि में लड़ रहा था। चेन गुओ के पास गुस्सा करने का समय भी नहीं मिला कि एक बड़ा सा शब्द उभरकर स्क्रीन पर आ गया।