आगे आने वाली चुनौतियों का रास्ता आसान नहीं था। नये सर्वर की शुरआत के साथ लोगों की एक बड़ी भीड़ ऑनलाइन इकट्ठा हो गयी थी। ग्लोरी के इतिहास में, जब दूसरा सर्वर खुला था, तब आने वाले खिलाड़ियों की संख्या शुरुआती गाँवों की क्षमता से ज्यादा हो गयी थी जिसके कारण सभी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। जो लोग लॉगिन नहीं कर पाए थे वो ऑनलाइन भी नहीं पहुंच पा रहे थे। तब से लेकर आज तक, उद्घाटन के समय ग्लोरी कुछ समय के लिए गाँवों में सर्वर की सीमा के थोड़ा बढ़ा देता है। जो हादसा दूसरे सर्वर के उद्घाटन में हुआ वह दुबारा कभी नहीं हुआ।
इस बार की तैयारी 10 वे सर्वर के उद्घाटन के लिए पर्याप्त थी। सभी आने वाले खिलाड़ियों को गाँवों में बराबर रूप से बाँट दिया गया था। हालांकि जहाँ तक नजर जा रही थी वहाँ तक खिलाडियों की भीड़ दिख रही थी, फिर भी वह अभी इतना भीड़ नहीं थी कि दिक्कत हो। पर एनपीसी से चुनौती की मांग एक अलग समस्या का विषय था। हर किसी को एक अकेले एनपीसी की तलाश थी जो चुनौती के स्वीकार करे और थोड़े ही देर में वहाँ एक गुच्छा सा बन गया। ग्लोरी, एक शरीर को दूसरे शरीर से गुजरने या एक दूसरे पर लदने की आज्ञा नहीं देता। इसलिए लोगों से ही एक घेरे की रचना कर दी जाती है। घेरे के अंदर घेरा, जैसे चक्रव्यूह। बाहर वाला अंदर नहीं जा सकता था और अंदर वाला बाहर नहीं जा सकता था। काफी खिलाड़ी ऊर्जा से ऊपर नीचे कूद रहे थे मानो एक दूसरे के ऊपर से कूद के निकल जाना चाहते हो। पर इस समय सभी 0 दर्जे पर थे। उनके कूदने की क्षमता बहुत ही खराब थी और कोई रास्ता नहीं था कि वह एक दूसरे के ऊपर से कूद के निकल जाए। सभी का इस तरह ऊपर नीचे कूदना, काफी मोहक और खूबसूरत दृश्य था।
इस हालात में, विशेषज्ञ भी लाचार थे। बगल में चेन गुओ हद से ज्यादा खुश थी मानो उसके चेहरे पर लिखा हो "मुझे पता था, ये ऐसा ही होगा"। उसने ये क्सिऊ को देखा और उसको "विकट देव" के नाम से पंजीकृत करा दिया।
अनगिनत खिलाड़ियों के निरंतर शोर के बीच स्थिति थोड़ी बेहतर हुई थी। यह कैसे हल हुआ? उन्होंने निकास के लिए एक छोटा सा रास्ता खोल दिया था, जिससे जिन खिलाड़ियों की एक चुनौती की मांग पूरी हो गयी हो, वो जा सके।
ये क्सिऊ ने विकट देव को आदेश दिया कि कुछ चुनौती चुने और उन्हें एक के बाद एक पूरा करे। उनमें से अधिकतर तो खिलाड़ियों को नियंत्रण और वातावरण के बारे में जानकारी देने के लिए थे। सारी चुनौतीयाँ ज्ञान से भरपूर थी। ये क्सिऊ इतना भी खराब नहीं था कि उसे इस तरह के सत्संग की जरूरत पड़े। मारना, चोरी करना, भीड़ लगाना, झपटना इत्यादि समस्याएं सभी लोगों द्वारा खड़ी की गई थी और सभी ने इनका अनुभव किया। जो चुनौतीयाँ पहली बार में खत्म की जा सकती थी, वह खत्म की जा चुकी थी। चेन गुओ ने भी इस प्रक्रिया को समय दर समय देखा। अंततः, अत्यंत ही सरल खोजों ने आशा के विपरीत दो घण्टे का समय ले लिया। ये क्सिऊ भी असहाय सा होकर बोल पड़ा, विशेषज्ञ का क्या मतलब? लोगों के समुद्र में, विशेषज्ञ कोई महत्व नहीं रखते थे।
"आखिर हो गया, अब मैं 7 वे दर्जे पर हूँ" पिछली चुनौती में पिछड़ने के बाद वह फिर बराबरी पर आ गया था। वह ऐसा कहकर चेन गुओ की ओर मुड़ा पर उसने देखा कि चेन गुओ अब तक सो चुकी थी। पर उसका सर अभी स्क्रीन की ओर ही था।
क्या उसे अभी भी मेरी काबलियत की परीक्षा लेने के लिए रात भर जगना पड़ेगा? ये क्सिऊ नीचे देखने लगा और अपना जैकेट चेन गुओ को ओढ़ा दिया। वह वापस मुड़ा और फिर से खेलने लगा।
उसने तालिका में देखा, विकट देव ने पहली खोजी लहर पार करने के बाद 340 कौशल अंक बटोर लिए थे।
ग्लोरी, में सीखने के लिए और अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिये कौशल अंक की जरूरत पड़ती थी। अलग अलग कुशलता के 10 से 50 अंक तक थे। वर्तमान में, यदि अधिकतम दर्जा जो कि 70 वे दर्जे पर था, उसका पात्र सभी जरूरी चुनौतीयाँ पूरी कर ले तो उसे 4000 अंक मिलेंगे। पर यह कोई तय सीमा नहीं थी। कौशल अंक की तय सीमा 5000 अंक की थी, पर शेष 1000 अंक के लिए कुछ हद तक किस्मत और ताकत, दोनों की ही जरूरत थी।
ग्लोरी के दस साल के इतिहास में, एक भी खाते में 5000 कौशल अंक नहीं हुए है। यहां तक सबसे प्रसिद्ध युद्ध के देवता एक ऑटम लीफ भी 4840 अंक तक ही पहुँच पाए थे, अभी भी 160 अंक दूर। 160 अंक बहुत नहीं होता है, पर बहुत कम भी नहीं था। यदि एक खिलाड़ी वह सारे अंक इस्तेमाल करे तो वह 3 नई कुशलता प्राप्त कर सकता था या अपनी किन्ही तीन कुशलता की क्षमता में इजाफा कर सकता था। एक शीर्ष पर बैठे दिग्गज के लिए यह बहुत बड़ा फायदा था।
इसलिये जब भी शुरुआती चुनौती की जाती है, अनुभव और इक्विपमेंट से जुड़ी चुनौती को नकारा जा सकता है, परन्तु कौशल अंक नहीं नकारे जा सकते। इसके अलावा मिलने वाले गुणांक भी बहुत जरूरी थे। ग्लोरी के पात्रों में चार विशेष गुण थे: ताकत, बुद्धिमत्ता, जीवन शक्ति और प्राण शक्ति।
ताकत द्वारा, शारिरिक बल, सुरक्षा और भार उठाने की अधिकतम क्षमता, प्रभावित होती है।
बुद्धिमत्ता द्वारा, मायावी शक्तियां, सुरक्षा और जादुई अंक प्रभावित होती है।
जीवन शक्ति आंतरिक बल और स्वास्थ्य अंक को प्राकृतिक रूप से प्रभावित करती है।
प्राण शक्ति विरोध करने की क्षमता और किसी भी अवस्था का समय निर्धारित करने में भूमिका निभाती है।
चारों ही मुख्य गुण, हर दर्जे के साथ ही प्राकृतिक रूप से बढ़ते है। 20 वे दर्जे के बाद, जब खिलाड़ी वर्ग बदलने लगता है, तब विकास की दर बदलती है। जहाँ तक चुनौती का प्रश्न है, मिले हुए गुणांक के साथ, यह सामान्य खेल है। ताकत, ताकत होती है। बुद्धिमत्ता, बुद्धिमत्ता होती है। यदि आप ताकत वाले वर्ग का प्रतिनिधित्व करते है तो आप केवल ताकत से जुड़े चुनौती में भाग ले, किंतु बुद्धिमत्ता देने वाली चुनौती भी आपके पूर्ण करने तक खुली चुनौती की तरह होगी।
ऐसा भी कहा जाता था कि, किसी एक खास वर्ग में बढ़ने के बाद, एक अधिकतम दर्जे का खाता सभी चुनौती पूरी कर ले तो चारों मुख्य गुण आपस में एक ही दर्जे पर होंगे। इसीलिए हर चुनौती पूरी करनी जरूरी थी। बाद में इक्विपमेंट का प्रयोग करके भी गुण बढ़ाये जा सकते थे।
नतीज़तन, गुणांक नकारे नहीं जा सकते थे। तालिका में देखने के बाद उसने तुरंत विकट देव को कौशल सीखने के लिए छोड़ दिया।
ग्लोरी में, 20 वे दर्जे के बाद वर्ग बदल सकते थे। उससे पहले कोई वर्ग नहीं था और किसी भी क्षेत्र की कोई भी कुशलता सीखी जा सकती थी, जब तक आपके पास कौशल अंक हो। यह खिलाड़ियों की सुविधा के लिए भी था। 20 वे दर्जे तक पहुंचने पर और एक रोचक वर्ग चुनौतीने के बाद, सीखने के लिए खर्च सभी अंक वापस दे दिए जाते थे। पर वर्ग बदलने के बाद, एक खिलाड़ी केवल अपने अपने वर्ग की कुशलता ही सीख सकता था। वह हर कला का जानकार नहीं हो सकता, उसे एक कला का महारथी बनना पड़ता था।
यद्यपि, ये क्सिऊ भूल चुका था कि चुनौती में क्या, कैसे किया जाता है और कैसे शुरुआती काल कोठरियों से बचकर आगे बढ़ते है, पर उसका कौशल अभी भी खोया नहीं था। ग्लोरी बहुत ही संतुलित था। निम्म दर्जे की कौशल का भी अपना ही अलग कार्य क्षेत्र था। हर व्यक्ति, अपनी इच्छानुसार अपना कौशल विकास कर सकता था। फिर भी कौशल अंक की अपनी एक सीमा थी। सामान्य परिस्थितियों में 4000 कौशल अंक किसी भी तरह से सभी कुशलताओं के लिए पर्याप्त नहीं था, न ही 5000 कौशल अंक। इसलिए खिलाड़ियों को कौशल चयन सूझ बूझ के साथ करना होता था।
कौशल चयन के साथ ये क्सिऊ का अपना कौशल समूह था। हालांकि उसके एक ऑटम लीफ का वर्ग मायावी यौद्धा का था, वह स्वयं में भी इस खेल के संविधान पुस्तिका की तरह। वह कैसे सिर्फ एक वर्ग में खेलने के ही योग्य था? यह अटल था कि जो हर वर्ग के माहिर थे, उन्ही के पास योग्यता थी।
ये क्सिऊ ने बिना सोचे, सबसे पहले आरंभिक कौशल शाखा पर पहुंचा और 5 वे दर्जे की 2 कुशलता को सीखा: तीव्र गति से भागना और लुढ़क जाना।
आरंभिक कौशल शाखा से सभी वर्ग के लोग कुछ न कुछ सीख सकते थे। जो दो कौशल ये क्सिऊ ने सीखे वह बहुत ही सरल थे। यह 10 कौशल अंक की कुशलता दो अलग तरीके से आगे बढ़ने की क्षमता प्रदान करता है।
तीव्र गति से भागने पर आंतरिक क्षमता घटती जाती है। आंतरिक क्षमता के क्षय होने पर खिलाड़ी वापस आम गति से चलने लगता है। आंतरिक क्षमता वापस पाने के लिए, या तो खिलाड़ी चलता रहे या तो सीधे खड़ा रहे। चलने से क्षमता धीरे धीरे वापस आती है, जबकि खड़े रहने से क्षमता की वापसी दर बढ़ जाती है।
लुढ़कने से इंसान लेटे हुए, घूमते घूमते आगे बढ़ता है। वह घूम कर आगे, पीछे, दाएं, बाएं, आड़े, तिरछे, किसी भी तरफ जा सकता है। तीव्र गति से भागने की तुलना में इसमें थोड़ा ज्यादा समय लगता है, आगे बढ़ने में।
ये क्सिऊ ने इन दो कुशलताओं को बहुत पहले ही सीख रखा था। उसे यह भी पता था कि इनमें से कौन सी कुशलता, उसे किस समय क्या व्यवहारिक फायदा दिला सकती है।
पहला था आकाशीय आक्रमण, एक मायावी युद्ध कौशल। हर वर्ग में इस तरह की एक कुशलता होती है, जिसमें सामने वाला धराशायी हो जाये। उन सबके चारित्रिक विशेषतायें एक सी होती है। हमला करते ही, विपक्षी चित्त। कुशलता का दर्जा जितना बड़ा होगा, उतने ही बड़े विपक्षी को आप चित्त कर पाएंगे और उतना ही बड़ा नुकसान सामने वाले को पहुंचा पाएंगे। यह आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली कुशलता थी। ये क्सिऊ असलियत में एक मायावी यौद्धा ही था, इसलिए उसने मायावी युद्ध कौशल आकाशीय आक्रमण का ही चयन किया।
उसके बाद नागदंत, एक और मायावी युद्ध कौशल। यह एक सीधा आक्रमण होता है, जो विपक्षी को सम्भलने का मौका नहीं देता। अपने वास्तविक वर्ग के कारण ये क्सिऊ ने इसे आसानी से सीख लिया।
उसके बाद उसने निशाना लगाने का कौशल तरण तीर, यांत्रिकी का कौशल यंत्र पदचाप, तलवार बाजी का कौशल शमशीर, कुश्ती का कौशल धोबी पछाड़, निंजा कौशल शुरीकें, खड्ग कौशल रक्षा, जादूगरी का कौशल विधुत आवृत और पांडित्य का कौशल आरोग्यम सीखा।
इन कौशल विकास में अत्यधिक अंक की आवश्यकता नहीं थी। यह सभी 20 अंक के अंदर थे। विकट देव भी अभी 7 वे दर्जे पर ही थे, तो इन क्षमताओं में बढ़ोत्तरी के अवसर भी सीमित थे। इसीलिए अंत में भी कुछ अंक बचे रह गए थे। ये क्सिऊ ने और कोई कौशल विकसित करने का प्रयत्न नहीं किया। उसके पास, उसके दर्जे पर सामना करने के लिए पर्याप्त कुशलता थी।
किंतु जो कौशल समूह उसके जैसे शीर्ष दर्जे के माहिर द्वारा चुना गया है, उसे यदि कोई आम खिलाड़ी देखेगा तो अवश्य ही हँसेगा।
एनपीसी- न खेलने वाला पात्र