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खोफ की एक झलक

यह कहानी बिल्कुल काल्पनिक है किसी भी घटना एवं चरित्र या व्यक्ति से इसका कोई लेना देना नहीं है |अगर कोई भी चीज या व्यक्ति से इसका कोई अंश मिलता है |तो वह महज एक संयोग होगा|

"अंगद कल के लिए तैयार हो जाना तुम्हारे लिए एक प्रोजेक्ट है| " अंगद के बॉस मनीष ने अंगद से कहा|

"सर कौन सा प्रोजेक्ट और मुझे कहां जाना है उसके लिए |"  अंगद ने भी उतावलेपन से पूछा|

तुम्हें अग्रसेन की बावली जाना होगा वहां की फोटोज खींचकर लानी है|"

" लेकिन सर...|" अंगद अभी पूरी बात भी नहीं कर पाया था| तब उसके बोस मनीष ने कहा...

"लेकिन वेकिन कुछ नहीं| तुम्हें यह काम करना ही होगा |"

"लेकिन सर ऐसा सुना जाता है| कि वह जगह हांटेड है |" 

अंगद ने कुछ खोफ से कहा|

ओह शट अप! यह कैसी बातें कर रहे हो तुम? आज के जमाने में तुम ऐसी चीजों को मानते हो| वहां तुम्हें इसलिए भेजा जा रहा है| कि वह काफी प्राचीन जगह है| और हम जिस मूवी पर काम कर रहे हैं| वहां के लिए उसी के जैसी जगह हमें चाहिए|अगर तुम अच्छी तस्वीरें लाते हो और वह सेलेक्ट हो जाती हैं तो वह तुम्हारे करियर के लिए भी होगा |"  मनीष ने उसे काफी समझते हुए कहा |

अंगद फिल्मों मे फोटोग्राफी का काम करता था। उसे दिल्ली मे बने एक किले अग्रसेन बावली की जानकारी के लिए जाना था।

उसमे एक फिल्म की शूटिंग होनी थी। वह किला आम नागरिकों के लिए शाम 6 बजे बंद हो जाता था। उसके बाद ही उसने उसमें जाने के लिए परमिसन ली।अंगद और उसका असिस्टेंट शाम 7 बजे के बाद वहाँ पहुँचे।

पूरा किला खाली और सुनसान पड़ा था। वहां चमगादड़ो की आवाज ही बस गूंज रही थी।

वो दोनों अंदर घुसकर नीचे उतरने लगे। सीढ़िया उतरते -उतरते उन दोनों को बाहर की आवाज आनी बंद हो गयी थी और अपने पैरों की ही पदचाप सुनाई दे रहे थे।

तभी अंगद को लगा की कोई उसके सामने से गुजर गया। उसे लगा शायद उसका वहम होगा। इसीलिए उसने अपने असिस्टेंट को कुछ नहीं बताया। वो दोनों नीचे पहुंचे और अंगद के असिस्टेंट ने वहाँ के फोटो खींचने शुरू किये।

तभी उसको लगा सामने कोई परछाई है। वो दूसरी जगह का फोटो लेने लगा तभी उसको एक भूतनी जैसी दिखाई दी।

डर की वजह से उसके हाथ से कैमरा छूटकर नीचे गिर गया और खराब हो गया। उसने यह बात अंगद को बताई। तब उन्होंने जल्दी से फ़ोन मे 2 -4 फोटो लेकर वहाँ से निकलना ही बेहतर समझा।

क्योंकि अंगद तो यहां आने से पहले ही घबरा रहा था और यहां पर आते ही अजीबोगरीब बातें शुरू हो गई थी उन्हें कभी कोई परछाई दिखाई दे रही थी तो कभी ऐसा लगता कि जैसे उनके पीछे से कोई तेज से भाग कर गया है|

लेकिन अंगद ने सोचा यह शायद उसके अंदर जो डर है उसकी वजह से उसे दिख रहा है| लेकिन जब असिस्टेंट ने भी यही बात बताई तो कुछ पल के लिए वह भी हो की वजह से जम सा गया|  लेकिन अंगद अपना दिल मजबूत करके फोटो अपने फ़ोन मे लेने लगा| तभी उसने देखा कि एक चुड़ैल सीढ़ियों से अपने हाथों के सहारे नीचे उतरकर आ रही है। खौफ की इस एक झलक से वो वहीँ जम गया।

वह वहां से भागना जा रहा था चिल्लाना जा रहा था लेकिन जैसे उसका गला किसी ने पकड़ लिया और हाथ पैर भी जैसे जाम हो गए थे वह अपनी जगह से हिल भी नही पा रहा था|

तब उसके असिस्टेंट ने जल्दी से उसको पकड़कर बाहर की तरफ दौड़ लगाई।

वो दोनों पूरी रात इस घटना की वजह से सो नहीं पाए।

दूसरे दिन अंगद ने यह बात अपने फिल्म की टीम और क्रू को सुनाई। किसी ने इस बात पर भरोसा नहीं किया। जब किसी और फोटोग्राफर को वहाँ भेजा गया तब उसके साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ।

मिलते हैं अगली कहानी में खोफ की एक झलक के साथ

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