सान ग्रह जिसका निर्माण देवताओ ने किया जिस ग्रह का पता न दानवो को न किसी गंनधरव और न ही किसी और को यह ग्रह सव से छिपा हुआ था । 🌚
कहा जाता है जव देवताओ और दानवो मे युद्ध हुआ था तो देवता के रिजा इन्द्र ने इस ग्रह का निर्माण देवताओ के परीवारो को छीपाने के लीये किया था ।
युद्ध काफी दिनो तक चला जिसमे देवता की जीत हुई
युद्ध समाप्त होने के वाद सभी देवता आपने परीवारो को उस ग्रह से लेकर जाने तभी देवताओ को खयाल आया की हम सव तो यहा से जा रहे है ऐसे तो यह ग्रह खाली हो जायेगा हमे इस ग्रह को वसाना होगा जहा राजा और प्रजा दोनो होने चाहीये तभी वह उस ग्रह को वसाते है।
वह देवता अपनी अपनी शक्तियों से नऐ नऐ जानवरो पेड़ों और नदियों का निर्माण करते है।
जो उस ग्रह की सुन्दरता मे चार चांद लगा देते ।
फिर वह कि प्रजा का निर्माण करते है ओर फिर वह उस ग्रह के राजा का निर्माण करते है जिनका नाम भुवनेश्वर होता है। और धिरे धिरे वहा अनेको नगर कवीलो का निर्माण होता है।
लेकीन एक चीज की कमी अभी भी थी उस ग्रह पर सूर्य नही था ।महाराज भुवनेश्वर नारायण को याद करते है ।
उन्हे उस ग्रह पर आने के लीये विनती करते है नारायण उस ग्रह पर जाते है और महाराज भुवनेश्वर के सामने आते है ।
और उनसे कुछ मागने को कहते महाराज भुवनेश्वर नारायण से कहते हैं इस ग्रह से सूर्य वहुत दुर है आप हमारे ग्रह पर कृपा करें और हमारे ग्रह को प्रकास प्रदान करे नारायण अपने सुदर्शन चक्र के अंशु में एक अंश को आवाहन देते हैं और उसे आदेस देते है की तुम इस ग्रह पर सुर्य के जेसा प्रकास दोगे और नारायण का आदेश मानकर वह उस ग्रह पर सूर्य बनकर रहता है जो कि सूर्य की तरहा चमकता है और वहा पर रोशनी देता है और नारायण खुश होकर महाराज को वरदान देते हैं कि तुम्हारे वंश में जन्म लेने वाला हर व्यक्ति एक खास शक्ति से सुसज्जित होगा। और इसी के साथ पीढ़ियां वीत जाती हैं और निरंतर पीढ़ियों के बाद पीढ़ियां आती रहती है और वहां के राजा बूढ़े होने के बाद अपनी इच्छा से अपने प्राणों को त्याग देंते थे क्योकी राज परिवार में लोग अपनी इच्छा से प्राण त्याग सकते थे अपनी उम्र के साथ वे लोग बूढ़े पढ़ते थे लेकीन मरते नही थे जिसे लगता था की अव मेरा यहा कोई काम नही तभी वे लोग अपना शरीर त्यागते थे और इसी वंश में एक राजा जन्म लेते हैं जिनका नाम उदय सिंह होता है उनके यहां एक पुत्र का जन्म होता है जिसका नाम अभिमन्यु होता है जिसमें तूफान को लाने की शक्ति होती है वहां के लोग उसे तूफान का देवता कहते हैं the god or storm उसकी चाल इतनी तेज थी की पलक झपकते ही वह इधर से उधर हो जाता था और बहुत सी ऐसे ही शक्ति जैसे चक्रवात लाना तूफान जागृत करना इन सब शक्तियों के साथ पैदा हुआ था अभिमन्यु।