अर्ज़ कुछ यूँ किया हैं जरा गौर फरमाइयेगा
दुनिया के चमक धमक में तुम यूँ ही खो गई
यह भी ना देखा मेरा दिल हैं खिलौना नहीं
तुम तो खुश होगी अपनी उस दुनिया में
टूटे हुए दिल लेकर रोता हुआ रह गया मैं