जेसाकी अपने पिछली चैप्टर में पडहा कृष्टिना ने यश की खून से सनी कलाई को जब उस काले पत्थर पर रखा था और उसका दर्द भी उसी वक्त बंद हो गया था उसके अंगे
यश बहुत ही ज्यादा घबरा रहा था पूरा कमरा लाल रोशनी से भर गया था .... कृष्टिना कहती है बहुत खूब तुम आग दल में चुने गए हो तुम्हारा हतियार है एक भाला तुम इसे upgrade भी कर सकते हो .
कृष्टिना यश को एक letter देती है जिस पर स्कूल में ले जाने वाले समान की सूची थी और उसका आमंत्रण पत्र था कृष्टिना यश से कहती है तुम्हे 7 जुलाई को अपने समान के साथ अपने घर की छत पर मौजूद रहना है
और बस इतना कहकर जैसे वो धुंध में मिल गई उसके जाने के बाद यश को एसा महसूस हुआ जैसे उसके शरीर से बहुत ज्यादा भार कम हो गया हो
यश कहता है उसके मामा से की यह एक सपना है ना....? पार्थ कहता है यश बेटा मेरी बात सुनो मुझे तुम्हे कुछ बताना है और यश को अपने सामने बैठा लेता है पार्थ कहता है बेटा जब तुम 1 साल के हुए उसी दिन तुम्हारे परिवार के साब लोग .... यश उसे बीचमे ही रोक देता है और कहता है मुझे सब पता है पार्थ कहता है लेकिन तुम्हे मतलब कैसे ...... यश कहता है अब कुछ और नहीं सुन्ना चाहता हु
और वो उसके कमरे में चला जाता है उसके कमरे की हर दीवार का एक एक कोना उसके बनाए skecthes से ढका हुआ था पूरा कमरा बिलकुल इस तरह साफ था जैसे किसी ने आज ही सफाई करी हो
कमरे में पहुंच कर वो उसके पलंग पर लेट जाता है और आज के हुई सारी चीजों का याद करने लगता है वो सारी यादें उसे ऐसी लग रही थी जैसे उसे पता हो की वो एक जादूगर है
वो अब बहुत से ख्यालों में डूब जाता है वो सोचने लगता है की क्या होगा अगर वो अभी भी सपने में ही हो क्या होगा अगर उस औरत को गलतफेमी हो गई हो की यश जादूगर है इन्ही ख्यालों के बारे में सोचते सोचते वो सो जाता है
सपने में वो एक खाली पहाड़ी पर पहुंच जाता है इस पहाड़ी पर दूसरी पहाड़ियों जैसे ठंड नही थी बल्कि ये पहाड़ी तो आग की तरह जल रही थी आस पास के पेडू में पत्ते नही थे उस जगह आकर यश को एसा लग रहा था जैसे खुशी नाम की तो कोई चीज ही नहीं होती उससे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे उसे अब जीना नही चाइए वो मरना चाहता था जैसे ही उसके मान में विचार बढ़ते तभी उसके सामने एक बड़ी सी गुफा आ गई जिसका दरवाजा सोने का था लेकिन दरवाजे के आस पास हर जगह कंकाल ही कंकाल पड़े थे वो जैसे ही उस दरवाजे के और पास गया उससे एक आवाज उसके मन में ही सुनाई देने लगी यह एक बहुत ही बूढ़े व्यक्ति की आवाज थी कोई ऐसा जो शायद उससे बहुत प्यार करता था उस आवाज में एक तरह का दर भी था वो आवाज उसे कहती है बेटा अभी तुम्हे यहां नही होना चाइए वापस लोट जाओ यश मान में ही कहता है आप कोन हो क्या आप मुझे जानते हो
वो व्यक्ति कहता है तुम मुझे परदादा कह सकते हो
यश कहता है क्या आप जिन्दा है
वो कहते हैं लगता तो है यश कहता है क्या...क्या मेरे मम्मी पापा भी है मुझे उनसे मिलना है वो व्यक्ति कहता अभी तुम यहां से लोट जाओ वरना हमारी 14 सालो की मेहनत मिट्टी में मिल जायेगी
यश कहता है लेकिन कैसे कैसे जाऊ में यहां से इस जगह का नाम क्या है वो बूढ़ा व्यक्ति कहता है तुम इस जगह को घर के सकते हो ... तभी वो बूढ़ा थोड़ा दर सा जाता है और कहता है जल्दी जाओ जल्दी
यश कहता है लेकिन कैसे कैसे कैसे लेकिन कुछ जवाब नही आता है तभी यश भागने लगता है और गिर जाता है और फिसलता हुआ पहाड़ी नीचे गिर जाता है और नीचे पत्थर पर टकराने पर उसकी नीद खुल जाति है कमरे के भार से मामा के न्यूज देखने की आवाज आ रही थी मामी पुराने गाने चलाते हुए नाश्ता बना रही थी
यश सोचता है की इससे ज्यादा बुरा सपना तो कोई हो ही नही सकता अजीब औरत अजीब स्कूल अजीब पहाड़ी अजीब आवाज सब कुछ कितना अजीब है
वो मुंह धोहके बहार जाता है तभी उसके मामा tv बंद करदी और यश को अपने पास बैठा लेते है और कहने लगे की बेटे मुझे नही पता की तुम्हे वो बात कैसे पता लगी लेकिन में कल का ही इंतजार कर रहा था यश कहता है आप क्या बात कर रहे है वैसे भी मेरे सर में दर्द हो रहा है तभी उसकी मामी कहती है वो कल रात की बात को सपना मान रहा है
यश कहता है क्या...... कल वो औरत सचमें आई थी उसके मामा हस्ते हुए बोलते है हैं बेटा तुम क्या सचमे उससे सपना मान रहे थे कल की तुम्हारी भादुरी देख के तो मुझे लगा था की तुम बड़े हो गए हो लेकिन तुम तो वैसे ही हो उसके मामा कहते है बेटा वो सब सच था और आज हमे तुम्हे तुम्हार समान दिलाने लेके जाना है यश कहता है में जाके क्या करूंगा आप ही लोग चले जाओ
उसके मामा उसे जाने के लिए मनाते उससे पहले ही उसकी मामी बोलती है ठीक है अगर तुम्हे समान लेने नही जाना तो हम इससे ऑनलाइन मांगा लेते है उसके मामा बोलते है क्या वहा भी ऑनलाइन ऑर्डर जैसी चीज आ गई उसकी मामी बोलती हैं हा हा पिछले साल ही ये सब चालू हुआ
चलो तो आज हम सब कहीं घूमने चलते है उसकी मामी बोली यश मना करने के लिए मुंह खोलने ही वाला था लेकिन तभी उसकी मामी ने कहा की माना हम तुम्हारे असली मम्मी डैडी नही लेकिन हमारे लिए तो तुम हमारे बच्चे से भी ज्यादा प्यारे हो अब ऐसी गहरी बात के बाद कोई कैसे ही माना कर सकता था तो यश ने भी घूमने जाने की हां बोल्दी
और फिर वो लोग घूमने के लिए बच्चो के एम्यूजमेंट पार्क गए यश सालो से बोलना चाहता था की अब उससे ये एम्यूजमेंट पार्क मूर्खता पूर्ण लगता हैं लेकिन वो कह नहीं सका क्योंकि उसके मामा मामी को लगता था की ये यश की favorite जगह है