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Shairy No 16

अर्ज़ कुछ यूँ किया है ज़रा गौर फरमाइयेगा

तेरी इन रसभरी होटों को मैं चूमना चाहता हूँ

तेरी इन रसभरी होटों को मैं चूमना चाहता हूँ

तेरी दिल के एक कोने में मैं रहना चाहता हूँ

यूँ तो हज़ारों होंगे तेरी निगाहों में हमसे प्यारे

हम को भी ज़रा आज़मा लो जिंदगी कर दूंगा सारे तुम्हारे हवाले

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