चाह कर भी हम तुम्हें चाह ना सके
ये चाहत केसी थी ...
तुम को ही अपनी मंजिल माना
तेरी ही तरह बढ़े मेरे हर कदम फिर भी तुझे पा ना सके हम
ये राह केसी थी....