" बेशक नहीं। हम बहुत ही आभारी है कि इतनी खूबसूरत सौंदर्य ने यहाँ आकर हमारे समारोह की शान बढ़ा दी है ," इससे पहले की कोई और कुछ कहता तांग जुई ने तुरंत कहा।
सु कियानक्सुन बहुत घबरा रही थी। उसे डर था कि लैन किंगचेंग को उसके और लॉन्ग सिजु के रिश्ते के बारे में पता चल जायेगा। वो अचानक से उठी और कहा , सर जुए , आपकी वाइन। "
लॉन्ग सिजु ने गिलास लेने के लिए मना कर दिया। वो सु कियानक्सुन को घूरता रहा और उसकी नज़रो से यह स्पष्ट था कि वो नाराज़ होने लगा था। लैन किंगचेंग ने ऐसा दिखाया कि जैसे कि उसे महसूस हुआ कि सु कियानक्सुन वहां मौजूद है और उसने कहा, "अरे, कियानक्सुन। तुम भी यहां हो। तुम मुझे ग्लास पास क्यों नहीं देती ? मैं उसे दे दूंगी ।"
लैन किंगचेंग के शब्दों ने सु कियानक्सुन को उसकी भविष्यवाणी से बाहर निकलने में मदद की।वो मुड़ी और वाइन के गिलास को लैन किंगचेंग को दिया। " माफ़ करना, मिस लैन। "
जैसे ही सु कियानक्सुन ने बोलना ख़तम किया ,वो कुछ कदम दूर चली और उसके बगल के सोफे पर बैठ गयी। इस दौरान ,लैन किंगचेंग लॉन्ग सिजु के पास बैठ गयी , जैसे कि यह दुनिया में सबसे स्वाभाविक बात थी।
"कियानक्सुन, उसकी बात का बुरा मत मानो। जूए ऐसा ही है। उसे अनजान लोगो के साथ मिलना जुलना पसंद नहीं है। " लैन किंगचेंग ने ऐसा दिखाया जैसे वो घर की मालकिन हो , हालांकि वह पहले से ही लांग सिजु की पत्नी थी।
" बेशक नहीं। " सु कियानक्सुन अजीब से मुस्कान देने के लिए विवश हो गयी।
एक पल के लिए ,उनके बीच का वातावरण थोड़ा अटपटा हो गया।
"मिस लैन , आप भी यहाँ समारोह के लिए आए हो ? " तांग जुई ने मुस्कराते हुए पूछा।
"जी हाँ , कितनी उबाऊ हाई स्कूल की रीयूनियन है। अगर मुझे पता होता कि तुम सब यहाँ हो , मैं यहाँ पर ज़्यादा देर तक नहीं रूकती। " लैन किंगचेंग की मुस्कराहट बहुत ही प्यारी थी।
तांग जुई ने अजीब से मुस्कराया और जूस का गिलास सु कियानक्सुन को दे दिया।
सु कियानक्सुन जूस का गिलास लेने ही वाली थी ,लेकिन एक बड़े से हाथ ने उसे पहले पकड़ा। लॉन्ग सिजु ने जूस का गिलास लिया और लैन किंगचेंग के सामने रख दिया। उसने तांग जुई को उत्तेजित हो कर घुरा।
तांग जुई को याद आया कि सु कियानक्सुन को मासिक धर्म आ रहे था और उसे कोल्ड ड्रिंक्स नहीं पीनी चाहिए। उसने जो जूस का गिलास उसे पकड़ाया था उसमे बर्फ के टुकड़े थे।
हलाकि लैन किंगचेंग और सु कियानक्सुन नहीं जानते थे की क्या हो रहा था। लैन किंगचेंग को आनंद की उमंग महसूस हुई और एक सुरीले स्वर में लांग सिजु को धन्यवाद दिया।
इस बीच, सु कियानक्सुन को पूरी घटना अजीब लगी। वह उठी और बोली, "क्षमा करें, मुझे बाथरूम का उपयोग करने की आवश्यकता है।"
तांग जुई सु कियानक्सुन को वहाँ से जाते हुए देख मायूस हो गया। यह तो स्पष्ट था कि लैन किंगचेंग जानबूझ कर यह सब कर रही थी। यह महिला को शायद लॉन्ग सिजु और सु कियानक्सुन के रिश्ते के बारे में पता था।
बैंक्वेट के कमरों में बाथरूम थे , लेकिन सु कियानक्सुन को वहाँ जाने का मन नहीं हुआ। वो साँस लेने के लिए बैंक्वेट हॉल से बाहर जाना चाहती थी। अगर वो हॉल के अंदर और थोड़ी रहती है तो उसका दम घुटने लगेगा। बैंक्वेट हॉल के बाहर के बाथ रूम में कुछ काम हो रहा था। सु कियानक्सुन वास्तव में बाथरूम का इस्तेमाल करना चाहती थी, तो वो सीढ़ियों के तरफ गई और ऊपर वाले बाथरूम की और बढ़ने लगी।
एक युवा महिल बाथरूम से चली आ रही थी जब सु कियानक्सुन ने अंदर प्रवेश किया। जब सु कियानक्सुन ने देखा तो वो बिना किसी चिंता के अंदर घुस गई।
सु कियानक्सुन ने बाथरूम कक्ष चुना और अंदर घुस गयी। जैसे ही वो पेशाब करने वाली थी , उसे महसूस हुआ कि कुछ ऊपर से नीचे गिरा। उसने ऊपर देखने के लिए अपना सर को ऊपर किया। जब उसने आदमी को देखा , तो वो इतनी भयभीत हो गई कि उसकी आत्मा उसके शरीर से बाहर आ गयी थी। से पहले वो चिल्लाती , वो आदमी नीचे कूदा और उसे बंदूक का निशाना बनाया।
"कोई आवाज़ मत निकलना ,नहीं तो मैं तुम्हे मार दूँगा। उस आदमी ने उसे घूरा । कियानक्सुन ने अपनी आँखे चौड़ी कर ली और जबरदस्ती अपने सर को हिलाया। उस आदमी ने उसे अपने भोहो को ऊपर करके देखा। वो आदमी अचनाक से लड़खड़ाया और लगभग अपना संतुलन खो दिया। तब सु कियानक्सुन ने नीचे देखा और उसे अहसास हुआ कि उसके शर्ट पर खून का धब्बा था ,पेट के नीचे वाली जगह पर.
" क्या तुम्हे चोट लगी है ? मैं कुछ दवा ले कर आती हूँ। मैं कसम से कहती हूँ कि मैं नहीं चिल्लाऊंगी। मुझे जाने दो। " सु क़ियानक्सुन को नहीं पता था कि कैसे उसने एक डाकू के साथ बातचीत करने की हिम्मत जुटाई।
" चुप रहो और उठो !" चाहे वो आदमी घायल था , उसमे फिर भी शक्तिशाली आभा थी।
" क्या तुम पहले थोड़ा घूम जाओ , फिर ? मैं कैसे उठ सकती हूँ ?
उस आदमी ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया। उसने उसे उसकी कलाई से पकड़ा और खींचा , उसे शौचालय से उठने के लिए मजबूर किया। सु कियानक्सुन को बहुत गुस्सा आ रहा था। उसने एकाएक अपनी पैंटी को ऊपर खींचा। सौभाग्य से, उसने उस दिन एक पोशाक पहन रखी थी। अगर उसने उस दिन पतलून पहनी होती, तो आदमी उसके प्राइवेट पार्ट को देखसकता था !