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फू जीऊ, उन्हें आकर भीख मांगने दो !!

編輯: Providentia Translations

गाइडेंस डायरेक्टर ने उसकी बातें सुनीं और तुरंत गुस्सा हो गए। "ठीक है, ठीक है, ठीक है! फू जीऊ, तुम जीत गए! हमारा स्कूल तुम्हारे जैसे छात्रों को शिक्षित नहीं कर सकता! तुम ठीक से सुन लो, अब भले ही तुम्हारी माँ मुझसे भीख मांगे , लेकिन मैं कुछ नहीं करूँगा! तुम जैसा कचरा जहां जाना चाहे जा सकता है!"

पा!

उसने फोन काट दिया।

ही हांगहुआ ने अपने हाथ से प्रतिक्रिया व्यक्त की, उन्होंने अभी भी फू जीऊ की बांह को पकड़ रखा था।

भले ही फू जीऊ एक लड़की थी, लेकिन वह 5'8 'लंबी थी। वह छोटी सी, गोल-मटोल ही हांगहुआ से लम्बी पूरा हाथ भर लंबी थी।

"बेटा! तुम इतनी नासमझी से कम क्यूँ कर रहे हो!" ही हांगहुआ इतना चिंतित थी कि वह नाराज़ होना भूल गयी । वह चाहती थी कि वह अपना सिर नीचे झुकाए और उस फोन कॉल को दोबारा करे!

फू जीऊ ने उसकी कमर को पकड़ा और धीरे से बोला, "माँ, मुझे उस स्कूल की कोई परवाह नहीं है। आपको ऐसा होने की जरूरत नहीं है।"

फ़ोन मिलाने के बीच में ही हांगहुआ का हाथ रुक गया । उसकी बेटी ने बहुत समय पहले से ही उसे 'मॉम' नहीं कहा था।

उसे याद तो नहीं कब से लेकिन जब भी वे एक-दूसरे को देखते थे, तो तुरंत लड़ने लगते थे।

वह जानती थी कि उसकी बेटी उसे नहीं देखना चाहती थी , और न वो किसी से उसको अपने स्कूल में मिलवाना चाहती थी ।

उसका अपनी 'माँ' को उस तरह से पुकारना और उसे पकड़ना - वे अतीत की बातें थीं, कई साल पहले ...

ही हांगहुआ लगभग अपने ही कानों पर विश्वास नहीं कर पाई।

फू जीऊ उसे देखकर मुस्कुरायी , फिर अपना सिर घुमाया और बाकी लोगों से कहा, "मेरी माँ ने अभी तक कुछ नहीं खाया है। नौकरानी को कुछ अच्छे व्यंजन बनाने और कुछ शकरकंद की कोंगी बनाने के लिए कहो ।"

"जी, यंग मास्टर!" चेन क्सिओदोंग ने आदेश लिया और रसोई की तरफ चल दिया ।

वास्तव में, वह भी चौंक गया था!

यंग मास्टर ने कभी भी मैडम की इतनी परवाह नहीं की।

पहले ऐसी ही परिस्तिथियों में, यंग मास्टर केवल मैडम पर चिल्लाते थे।

उसके बाद, दोनों परेशान हो जाते।

यहाँ वहाँ सेल फोन फेंकना सामान्य था।

लेकिन जब यंग मास्टर अस्पताल से लौटा, तो उसे लगा जैसे वह….वह एक अच्छा इंसान बन गया हो !

ही हांगहुआ बैठने तक वो उलझन में रही। फिर जब फू जीऊ ने थोड़ा खाना उठा कर उसको खाने के लिए दिया तो उसे सब कुछ सपने जैसा ही लगा।

ही हांगहुआ ने अपना सिर घुमाया और फू जीऊ के उलझे सफ़ेद बालों को देखा। जिस हाथ से उसने चॉपस्टिक्स को पकड़ रखा था वो हाथ काँप रहा था ।

वह जानबूझकर अपने खाने की गति को नियंत्रित करती है क्योंकि ही हांगहुआ जानती था कि उसकी बेटी को उसके खाने का तरीका पसंद नहीं था।

फू जीऊ ने अपना सिर घुमाया। वह चेहरा बेहद हसीन था, और उसकी निगाहें उन चावल के दानों पर थी जिनको ही हांगहुआ एक एक करके खा रही थी । उसको पता था।

एक शब्द भी कहे बिना, उसने वो कटोरा सीधे उठा लिया, उसमें एक डिश को चॉपस्टिक के साथ मिलाया, और एक ही बार में दो कौर चावल के उसके मुंह में डाल दिए, जिससे उसके गाल फूल गए। और ये सब आश्चर्यजनक रूप से बहुत प्यारा लग रहा था । वह ही होंग्हुआ पर मुस्कुरायी और बोली - "माँ के साथ खाना खाने पर खाना और भी अच्छा लगता है ।"

जब ही हांगहुआ ने फू जीऊ को देखा, तो खुद को रोक नहीं पायी और अपने चेहरे को अपनी हथेलियों से ढक लिया। उसकी आँखें बिलकुल लाल हो गयी थीं।

फू जीऊ ने अपनी चॉपस्टिक नीचे रखी और अपनी मां के पास बैठ गई। उसने उसे अपने कंधे से खींच लिया और ही हाँगुआ के आँसू पोंछे। "माँ, मैंने अतीत में जो कुछ भी किया उसके लिए मुझे खेद है। मैं अब ऐसा काम नहीं करूंगा।"

बस उन कुछ शब्दों ने ही होंगुआ को लंबे समय तक खुद को शांत करने में असमर्थ बना दिया।

फू जीऊ ने इस अधेड़ उम्र की महिला को देखा, जिसे उसने हमेशा नीचे दिखाया। लेकिन उसकी माँ ने कभी भी हार नहीं मानी। उसने खुद को मन ही मन गाली दी ....

माँ-और बेटी की जोड़ी ने उनकी कहानी के एक नए पेज पर काम किया। ही होंगुआ बहुत ज़्यादा खुश थी । उसने पूछा कि फू जीयू एक लाल चेहरे वाले से क्या चाहती है, यह सोचकर कि वह उसके लिए कुछ भी खरीद लेगी।

फू जीऊ जानती थी कि बेशक था कि भले ही ही होंगुआ का खुद का व्यवसाय था , पर वह फू झोंग्यी जितनी अमीर नहीं थी ।

फू झोंग्यी ने परिवार के बाहर प्रेम संबंध बनाने में मज़ा लिया, जिससे ही होंगुआ के लिए व्यापार की दुनिया में काम करना मुश्किल हो गया। लोगों को हंसी आती है कि वह कितनी बेवक़ूफ़ थी और कैसे वह अपने ही आदमी को काबू में नहीं कर सकती थी। इसके अतिरिक्त, उसकी पृष्ठभूमि के साथ, चीजें उसके लिए दूसरों की तुलना में कठिन थीं।

"माँ, मुझे किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं है बल्कि आपको आराम करना चाहिए क्योंकि व्यापार वार्ता इतनी अच्छी नहीं चल रही है।" फू जिउ ने ही होंगुआ की बाहों को सहलाया ।

अपनी बेटी की बातें सुनकर ही होंगुआ को अपने दिल में गर्माहट महसूस हुई। वह ऐसी बातें नहीं कहना चाहती थीं जो सामंजस्यपूर्ण वातावरण को खतरे में डाल दें, लेकिन अगर वह यह नहीं कहती तो वह बहुत चिंतित होंगी।

"जीऊ, मुझे पता है कि तुम्हे पढ़ाई करना पसंद नहीं है, लेकिन एक आदमी को पढ़ाई की ज़रूरत होती है। माँ स्कूल लौटने का कोई तरीका सोचने की कोशिश करेगी। तुम ..."

फू जीऊ ने ही होंगुआ को बीच में ही चुप किया और स्पष्ट रूप से कहा- "इस मुद्दे के बारे में, माँ, आपको किसी की मदद लेने की ज़रूरत नहीं है। मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि वो मुझे वापस बुलाने के लिए भीख मांगें!"

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