निंग क्षी छटपटाई, उसने लू टिंग की गिरफत से निकालने की कोशिश की पर लू टिंग ने उसे दबोच लिया|
यह क्या हो रहा था आखिर?
क्या वह अभी तक सपना ही देख रही थी या यह वाकई हकीक़त थी|
निंग सी का अब दम घुटने लग गया था, वह सांस ही नहीं ले पा रही थी| लू टिंग ने अपने होठ उसके होठों से हटाये और फिर उसकी गर्दन को चूमना शुरू किया| लू टिंग ने अपनी गरम ज़ुबान से निंग क्षी के गले पर बने घाव को चाटना शुरू किया...वह सिहर उठी|
"लू टिंग... लू टिंग निंग क्षी ने उसे उसके नाम से कई बार पुकारा पर वह तो निंग क्षी के शरीर से खेलने में व्यस्त था|
लू टिंग वैसे तो बहुत ही सभ्य आदमी था पर इस वक़्त वह जरा भी सभ्य नहीं लग रहा था, इस वक़्त वह एक अलग ही रूप में था| वह बस पागलों की तरह निंग क्षी को चूमे जा रहा था, उसके तीखे दांत निंग क्षी की गर्दन पर चुभ रहे थे...वह और नीचे आता जा रहा था|
नहीं…!
उसके अतीत की यादें ताज़ा होने लगी थी| वह अंदर तक डर गयी और कांपने लगी|
निंग क्षी को लगाने लगा इससे बेहतर तो वह मर ही जाए...पर यह क्या लू टिंग अब गतिहीन हो गया| एक भरी भरकम पत्थर की तरह उसके ऊपर शांत पड़ा था|
निंग क्षी की घुटन भी अब कम हो गयी|
"लू टिंग..." निंग क्षी ने उसके कंधे को थपथपाया पर कोई प्रतिक्रिया नहीं|
चाँद की रोशनी खिड़की से होती कमरे में पसर रही थी, उसी रोशनी में उसने देखा कि लू टिंग बहुत ही शांति से गहरी नींद में सो रहा था|
"यह क्या है?" निंग क्षी ने सोचा|
इसे क्या नींद में चलने की आदत है क्या?
पर लू टिंग की यह रात में चलने की आदत कुछ अलग नहीं थी क्या? आधी रात को उसके कमरे में आना, वैम्पायर की तरह गले पर काटना, यहाँ तक की बात भी करना|
लू टिंग की साँसे गहरी थी, वह गहरी नींद में था|
निंग क्षी ने लू टिंग को जगाने की हिम्मत नहीं की| कही जागने के बाद कही फिर से वह ही हरकत फिर न शुरू कर दे...पर इतनी रात गए किस से मदद मांगे?
उसने अपना फोन उठाया और लू जींगली को कॉल किया|
"हैलो निंग क्षी, क्या हुआ इतनी रात को मुझे याद किया कुछ खास है क्या?" जींगली बहुत उत्साह से चिल्ला कर बात कर रहा था|
पहले तो निंग क्षी को लगा था कि इतनी रात को कैसे कॉल करे लू जींगली को, पर फोन पर पीछे से आती आवाज़ों से लग रहा था कि लू टिंग अभी पार्टी में था|
"लू जींगली मैने कुछ पूछने को फोन किया था|"
"क्या पूछना था पूछो|"
"तुम्हारा भाई..."
"हाँ आगे क्या? मेरा भाई..."
"तुम्हारे भाई लू टिंग को क्या नींद में चलने की बीमारी है?"
चूंकि निंग क्षी फोन पर बात कर रही थी, उसने यह ध्यान नहीं दिया कि यह सवाल पूछते ही लू टिंग का शरीर और भी ज्यादा कड़क हो गया था|
लू टिंग को यह तरकीब आखिरी समय पर सूझी| उसे बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी कि निंग क्षी इतनी रात को लू जींगली को कॉल कर देगी|
"अब क्या करूँ? इस लू जींगली ने गलती से भी सच बोल दिया तो मैं कल इसकी टाँगे तोड़ दूंगा|" आँखें बंद करके पड़े हुए लू टिंग ने सोचा|