बात एक रात की...
रात के अंधेरे में चार्ल्स उस अनजान साये का पीछा करते हुए काफ़ी दूर निकल आया था। कुत्तों के रोने की आवाज साफ़ सुनी जा सकती थी, जो रात के उस माहौल को और अधिक डरावना बना रही थी। कोहरे ने काफ़ी हद तक दिवार की भूमिका निभाई लेकिन चार्ल्स को इस बात की ज़्यादा चिंता थी कि कहीं उसके आगे चलने वाला शख्स उसकी आँखों से ओझल न हो जाए। चार्ल्स इस बात की सावधानी भी रख रहा था कि कहीं उसे भनक न लगे कि कोई उसके पीछे है। सड़के बिलकुल सुनसान थीं जैसे शहर में कोई भी न हो सिवाय वह अनजान साये के जो ख़ुद को महफूज़ समझ कर अपनी मंज़िल की ओर बढ़ रहा था और चार्ल्स के जो उस अनजान साये का बड़ी सतर्कता के साथ पीछा कर रहा था।
चलते चलते अचानक वह अनजान साया रुक जाता है, चार्ल्स ये देखते ही एक दरख्त के पीछे छुप जाता है उसकी दिल की धड़कन काफ़ी तेज़ हो गई थी, उसे ऐसा लग रहा है कि जैसे सीने पर किसी ने काफ़ी वज़न दार चीज़ रख दिया हो, ऐसा डर के कारण हो गया था। चार्ल्स को इस बात की चिंता थी कि कहीं उस अनजान शख्स को इस बात का पता तो नहीं चल गया कि कोई उसका पीछा कर रहा है। चार्ल्स कुछ देर के लिए दरख्त के पीछे छुपा रहा फिर हिम्मत के साथ उस साये को देखा, वह उसी अवस्था में चार्ल्स की ओर पीठ करके खड़ा था, अब चार्ल्स की जान में जान आई कि वह पकड़ा नहीं गया। पर उसके मन में यह दुविधा थी कि वह शख्स आगे अपनी मंज़िल की ओर क्यूँ नहीं बढ़ रहा है।
Ivan_Edwin · Kinh dị ma quái
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