book for motivation with nature
जो हमें जोड़ता है ,बनाता है ,सिखाता है ,
कुछ करने का हौसला देता है ।
कड़ी सर्दी में ठिठुरते , सपनों को हौसला देता है ,
जैसे गर्मी के अहसास के साथ कोई ,
किसी नंगे शरीर को कपड़ा देता है।
खुद तप कर दुनिया को उजागर करता है ,
सब सह हर पल रोशनी करता है ।
कुछ ऐसा ही वो , ना दिखा आजतक , ना मिला अबतक , ना आंखों से आंखें मिली , ना लफ़्ज़ों से कोई बातें हुई , कभी ना यारों हमारी आंखें चार हुई आवाज सुनी बस और अजनबी सा एहसास हो गया ना जाने क्यूं ?
कुछ ना हो के भी वो मेरे इतने खास हो गया ,
कि वो मेरी पहचान बन शिवानी प्रकाश हो गया ।
लगा था सब खो ही गया हो जैसे मिल उससे फिर वो अपना हो गया ।