webnovel

first day in college

अब तक...

अदावन राजपूत का नाम सुन....सभी स्टूडेंट एकदम से शांत हो गए। और समाने की तरफ देखने लगे... जहा सच में अविहान मलिक खड़ा था। जैसे ही यूनिवर्सिटी में ये बात फैली की अदावन राजपूत आया हुआ है! सब अपना अपना काम छोड़ उसे देखने के लिए ऑडिटोरियम में चले गए। जहा थोड़ी देर पहले इतना शोर हो रहा था ... अब वहा एकदम से शांति छा गई थीं। 

अब आगे....

शांति देख अदावन जैसे ही बोलने को हुआ की,,, वहा टीचर का काफिला आना शुरू हो गया, जिसे देख अदावन की आखें छोटी हो गई, क्योंकि ये लोग उसका टाइम वेस्ट कर रहे थे... और अदावन को टाइम वेस्ट करने वाले लोग बिल्कुल पसंद नही थे! चाहे वो उसके फैमिली मेंबर ही क्यूं ना हो। सभी टीचर्स ने जल्दी जल्दी अपनी जगह ली, और सीट पर बैठ गए। अब सब शांत हो चुका था! सामने स्टेज पर प्रिंसिपल और कुछ स्टॉफ मेंबर बैठे थे...। सबके बैठते ही अदावन ने बोलना शुरू किया। 

अदावन–"गुड मॉर्निंग स्टूडेंट्स,,,,,। मुझे उम्मीद है की आप सब जिस तरह मेहनत कर यहां आए है.. वैसे ही आगे भी मेहनत कर यूनिवर्सिटी को आगे लेकर जाएंगे"। अपनी छोटी सी स्पीच देने के बाद अदावन सेंटर ऑफ चेयर पर जाकर बैठ गया! जो स्पेशल उसी के लिए बनवाई गई थी...! आफ्टर ऑल वो... एक सक्सेस बिजनेस मैन के साथ ड्रीम्स ऑफ एम्स यूनिवर्सिटी का टॉप इन्वेस्टर था! 

 अदावन के स्पीच देने के बाद, प्रिंसिपल स्पीच देने चले गए और स्पीच देना शुरू किया, "गुड मॉर्निंग स्टूडेंट! मुझे आप सबको बताते हुए खुशी हो रही है की... इस बार हमारे बीच अदावन  राजपूत उपस्थित है"। प्रिंसिपल के बोलते ही ऑडिटोरियम में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी! जिसे देख प्रिंसिपल ने सबको शांत होने को कहा.. लेकिन स्टूडेंट कहा शांत होने वाले थे! बस उन्हे यही एक मौका चाहिए था,,, जो प्रिंसिपल सर ने दे दिया था। वही इतने ज्यादा शोर से अदावन का दिमाग खराब हो गया... जिसे देख श्याम(अदावन का असिस्टेंट) एकदम से चिल्ला दिया! जिसके अगले ही पल सभी स्टूडेंट शांत हो बिल्कुल आराम से बैठ गए।।

श्याम की इस हरकत से सभी टीचर्स और प्रिंसिपल शॉक्ड रह गए! कहा प्रिंसिपल सर इतने देर से सबको चुप करवाने की कोशिश कर रहे थे... लेकिन बच्चे चुप होने का नाम ही नही ले रहे थे, और श्याम ने वही काम एक सेकंड में कर दिया और ऐसा प्रिटेंड किया... जैसे कुछ हुआ ही ना हो। श्याम को देख अब सभी टीचर को अपने टीचर होने पर शक होने लगा था। खेर....अभी स्पीच पर ध्यान देते है! ये सोच प्रिंसिपल फिर से बोल पड़े, "तो आप सब अच्छे से जानते ही की नीट का रिजल्ट आ चुका है..! और बहुत से बच्चो ने टॉप भी किया है! हर बार हम सिर्फ टॉपर को कुछ गिफ्ट दे सम्मानित करते थे... लेकिन इस बार यूनिवर्सिटी ने  डिसाइड किया है की टॉपर को सम्मानित के साथ..,,, पूरे एक साल तक यूनिवर्सिटी में सारी सुविधा फ्री मिलेगी! ताकी हर बच्चा महंत कर टॉपर बने और इस स्पेशल ट्रीटमेंट का हकदार हो..! तो चलिए अपने टॉपर्स का नाम अनाउंस कर उन्हे स्पेशल फील करवाते है। सो मैं स्टेज पर मिस अराना शर्मा को बुलाना चाहता हु... जिन्होंने ऑल इंडिया रैंक में नंबर वन पोजीशन पर अपना नाम बनाया है..! तो उनका तालियो से स्वागत करे..."। एक बार फिर ऑडिटोरियम में तालियों की आवाज गूज उठी... जिसे देख सभी टीचर श्याम को देखने लगे! वही सभी को अपनी तरफ देखता पा... श्याम एक पल को झेप गया। लेकिन कहा कुछ नहीं। 

सभी अराना के स्टेज पर आने का वेट करने लगे.. लेकिन अराना आई ही नहीं, जिसे देख प्रिंसिपल ने एक बार और उसे बुलाया लेकिन इस बार भी वही रिस्पॉन्स था.! जिसे देख प्रिंसिपल ने हताश हो टॉप सेकंड बच्चे को स्टेज पर बुलाया...! वही अराना को यहां ना मौजूद देख, अविहान के मन में उसकी गलत इमेज बन गई, की वो पढ़ाई को लेकर बिल्कुल भी सीरियस नही है। 

प्रिंसिपल ने अदावन को बुला कर....उसके साथ से टॉपर को ट्रॉफी दिलवाई और कुछ...कैश दिए! जिससे वो सुविधा ले सके।। ऐसे ही कर उन्होंने टॉप नाइन स्टूडेंट को ट्रॉफी और कुछ कैश दिए और उनके साथ कुछ फोटो क्लिक करवा.. सीट पर भेज दिया। अब बारी थी टॉप 10 स्टूडेंट की.. जो वहा मौजूद नही थी! इस बार भी प्रिंसिपल ने शिवानी मल्होत्रा को दो तीन बार आवाज लगाई..! लेकिन वो भी नही आई...! इसके बाद फंक्शन खत्म हो गया और अदावन प्रिंसिपल से अलविदा ले ऑफिस के लिए निकल गया। 

गोलगप्पे के ठेले पर.. दोनो दोस्त मस्त गोलगप्पे का कंपीटीशन कर रही थी की कोन सबसे ज्यादा गोलगप्पे खाता है! उन्हे अपने आस पास से कोई मतलब नही था की कोन उन्हे देख रहा है, और कोन नही। इतने में वहा तीन लड़के आ खड़े हुए और अराना, शिवानी को देख कमेंट पास करने लगे। जिसे पहले तो शिवानी ने इग्नोर किया और गोलगप्पे पर ध्यान देने लगी...! लेकिन शायद आज उन लड़कों को पीटने का मन था..! जिसे देख शिवानी ने अपनी कटोरी डस्टबिन में फेकी... और उन लड़कों की तरफ बढ़ गई।।

अराना को ये सब चीज़े पसंद नही थी.. इसलिए वो इन सबसे दूर ही रहती थी! लेकिन शिवानी को ये सब करने में बहुत मजा आता था! दोनों एक दूसरे से बिल्कुल उल्ट थी... फिर भी एक दूसरे की बेस्टफ्रेंड थी। 

"ओह...!  तो तुम लोगो को मेरे हाथ से गोलगप्पे खाने है.,, कैसा रहेगा अगर मैं गोलगप्पे के साथ कुछ और खिला दू तो....,,, बोलो"। 

शिवानी की बात पर तीनो लड़के बेशर्मी से मुस्कुरा दिए और बोले, "मैडम जी...! जो भी खिलाओ बस अपने हाथ से खिलना..,,, वो भी बड़े प्यार से,, फिर हम कुछ भी खा लेंगे! बस खिलाने वाली आप होनी चाहिए"। ये बोल तीनो ने एक दूसरे को हाई फाई दे दिया। उनकी बेशर्मी से भरी बाते सुन शिवानी ने एक नजर अराना को देखा... जो ना में गर्दन हिला रही थी..... और अपनी सेंडल निकाल उनके पास जाकर खड़ी हो गई। 

"चलो अब बताओ की इसे पहले कोन खाना चाहेगा! वो भी मेरे हाथो से."। शिवानी के हाथ में सेंडल देख तीनो के चेहरे पीले पड़ गए और तीनो थूक से अपना गला गिला करने लगे! अब तो उनके मुंह से एक शब्द भी नही निकल रहा था। 

अदावन अपनी कार में बैठा लैपटॉप पर एक मीटिंग अटेंड कर रहा था! क्योंकि वो यूनिवर्सिटी जाने की वजह से लेट हो चुका था..! जिसकी वजह से उसे लैपटॉप पर मीटिंग अटेंड करना पड़ा! वही ड्राइवर बड़े ध्यान से कार को ड्राइव कर रहा था..! ताकि अदावन को मीटिंग में कोई डिस्ट्रूबेंस ना हो! वरना उसकी जॉब जानी पक्की। 

क्या अदावन के दिल में अराना की इमेज बदल जायेगी, या अदावन अराना को ऐसे ही गलत समझता रहेगा। 

Chương tiếp theo