क्या रुक नहीं सकते
दो पल हमारे लिए
इंतज़ार कर रहा था
बेसबर सा हो गया था
अब तुम आयी हो
और अब चल दिये
हो जाती बातें
आँखें चार होते
मुलाकातें होते
जब हो साथ तेरे
क्या रुख नहीं सकते
----Raj