ज़िन्दगी तुझमें कशिश तो है
जो मुझे तेरी तरफ़ खींचती है
तुममें कशिश ना होता तो क्या होता
हर तरफ़ मातम ही मातम होता
कोई ख़ुशी से ना जी पाता
और कहीं जिंदगी नज़र नहीं आता
----Raj