कार रात के अंधेरे में तेजी से चलती हुई, कुछ ही समय बाद, स्कूल के गेट पर पहुंच गई।
कार रुकने के बाद, सी येहान ने अचानक उससे कहा, "सी ज़िया जो भी कहता है, उस पर विश्वास मत करो।
ये वानवान यह सुनकर थोड़ी दंग रह गई। उसने लापरवाही से, आगे पूछ-ताछ करने की कोशिश की, "हुंह, सी ज़िया? क्या ऐसा इसलिए था ... क्योंकि तुम लोगों का अतीत में कुछ विवाद था और तुम्हें डर है कि वह मुझे कुछ कर देगा?"
सी येहान का लहज़ा असाधारण रूप से ठंडा था, "तुमको जैसा कहा गया है, बस वैसा ही करो"।
"ओह! समझ गई।" ये वानवान ने सिर हिलाया।
एक ही पल में, माहौल मानो थम सा गया।
कुछ समय तक मौन बैठने के बाद, वह सामने वाले व्यक्ति को गंभीरता से घूरते हुए, ध्यान से हर एक शब्द पर ज़ोर डालते हुए बोली, "सी येहान, क्योंकि मैंने आपके साथ फिर से सब कुछ ठीक से शुरू करने का वादा किया है, मैं अपना वादा कभी नहीं तोड़ूँगी और आपकी सारी बात सुनूँगी। लेकिन उससे पहले, आपको मुझपर पहले जैसा ही भरोसा करने की ज़रूरत है ..."
ये वानवान आगे बोलने से पहले एक पल के लिए रुकी, नहीं तो ... मैं आधे रास्ते से पीछे हट जाने की बात को नकार नहीं रही...."
"क्या तुम मुझे धमकी दे रही हो?" आदमी ने हल्की आवाज़ में कहा, जैसे कि उसके गले में एक विषैला सांप लिपटा हुआ हो। साथ ही कार में बहुत ज्यादा उदासीनता फैल गई थी।
अपनी कमर के चारों ओर लिपटी उसकी बांह पर, उसने खिंचाव महसूस किया। ये वानवान ने खुद को शांत करने के लिए एक गहरी सांस ली, "मैं मानती हूं, मैं आपसे बहुत डरती हूं और मेरे पास आपसे लड़ने की शक्ति नहीं है। मेरी स्वतंत्रता, मेरी गरिमा, मेरा शरीर, जो भी है, आप सब ले सकते हैं। लेकिन कुछ चीजें हैं, जो मैं अपने नियंत्रण में रखना चाहती हूँ ...मेरा प्यार ... मेरा दिल ... और मेरा जीवन..."
ये वानवान ने अचानक जाकर उस आदमी के होंठों को चूम लिया, जो एक साथ कस कर दबाए गए थे, "बेशक, इस समय, मुझे लगता है ... मुझे आपसे और प्यार हो गया है..."
जिस क्षण ये वानवान के मुँह से, ये शब्द निकले, आश्चर्य की एक रेखा उस आदमी की आंखों में दिखाई दी, ऐसा लगा जैसे कार में से उदासीनता समाप्त हो गई और हवा में घुल गई, "तुमने क्या कहा ... अभी अभी?"
ये वानवान ने अपना सिर झुका लिया "मैं आधे रास्ते में पीछे हट जाने की संभावना को नकारूंगी नहीं?"
सी येहान ने उसे अपनी गहरी निगाहों से घूरते हुए ठंडेपन से जवाब दिया, "यह वाक्य नहीं"।
ये वानवान ने इसके बारे में सोचा, "मैं आपसे बहुत डरती हूं?"
सी येहान ने अपनी आँखें सिकोड़ ली, "ये वानवान!"
आदमी की झुँझलाहट को देखकर, ये वानवान कुछ नहीं कर सकी, लेकिन हँसी और धीरे-धीरे दोहराया, "मैंने कहा, मुझे लगता है ... मैं आपको अधिक और अधिक पसंद करती हूँ ..."
सी येहान ने उसे घूर कर देखा,वह अभी भी असंतुष्ट था, "अतिरिक्त शब्द हटाओ"।
"ठीक है, मैं आपको और अधिक पसंद करने लगी हूँ!" ये वानवान ने चतुराई से "प्रतीत" शब्द को हटा दिया।
"पसंद ..." आदमी ने उसकी आँखों में गहराई से देखा, "किस तरह का ... किस तरह का पसंद?"
ये वानवान ने पलक झपकते हुए कहा, "ओह, यह ... उस तरह की पसंद है, जैसे मैं ... आपके साथ सोना चाहती हूं ..."
अगले ही पल, उस आदमी की पुतलियाँ अचानक सिकुड़ गईं जैसे वह किसी तरह की दर्दनाक याद में डूब गया हो।
इससे पहले कि ये वानवान उसकी निगाह के पीछे छुपे अर्थ को समझ सकती, अगले सेकंड में उसने अपने शरीर को झुकाकर, ये वानवान के होंठों को जोर से चूमा, किसी भी अन्य समय की तुलना में यह चुंबन अधिक तीव्र था ...
ये वानवान ने उसे आज्ञाकारी बन कर चूमने दिया और अपने भीतर राहत की गहरी सांस ली।
ऊपर से वह मुस्कुराती हुई और शांत लग रही थी, लेकिन वास्तव में, वह इतनी घबराई हुई थी कि उसे लगा कि उसका दिल, उसके सीने से बाहर निकलने वाला था।
उसने वास्तव में सी.ये.हान को धमकी देने की हिम्मत की थी।
हालाँकि वह जानती थी कि यह बहुत खतरनाक है फिर भी वह मौत से खेलने जैसा था, लेकिन कुछ बातें थीं, सिद्धांत से जुड़े कुछ मसले भी थे, जिन्हें वह स्पष्ट रूप से उसे बताना चाहती थी अन्यथा, उसके पास अपनी स्थिति को बदलने की शक्ति नहीं रहेगी और वह पीछे हटती रहेगी।
सौभाग्य से चीजें सुधर गईं और वह महान शैतान को शांत करने में सफल रही।
लेकिन उसे छड़ से मारने और फिर उसे मिठाई खिलाने जैसी एक निम्न-स्तरीय चाल की उम्मीद नहीं थी, जो इस महान शैतान पर असर करेगी ...
कैसा एक रहस्यमय महान शैतान!
एक लंबे समय बाद, आदमी ने आखिरकार अपना चुंबन समाप्त किया और उसके कान में फुसफुसाया,"वानवान, मुझे छोड़ने के बारे में कभी मत सोचना। नहीं तो, मैं गारंटी नहीं दे सकता कि मैं क्या करूँगा ..."