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शहीद स्मारक

Biên tập viên: Providentia Translations

"ज़िक्सिन!" हुओ मियां ने फोन उठाते ही अपने भाई का नाम कुछ इस तरह लिया जैसे वह कुछ टटोलने की कोशिश कर रही हो।

"दीदी, क्या आज तुम्हारे काम की छुट्टी है?"

"हाँ।"

"तो चलो दोपहर को दोनों साथ में पिताजी को श्रद्धांजलि देकर आते हैं।"

"ठीक है।" ज़िक्सिन के फ़ोन करने से पहले ही हुओ मियां वहाँ जाने का मन बना चुकी थी।

अंकल जिंग के निधन को पुरे सात साल हो चुके थे। इस दिन, सात साल पहले, अंकल जिंग की उस घातक कार दुर्घटना से मृत्यु हो गई थी।

"मैं आज सुबह मम्मी के साथ गया था औरउसका मूड बहुत अच्छा नहीं था। इसलिए मैंने सोचा मैं आपके साथ दोपहर में फिर से चला जाता हूँ।"

"क्या आज तुम्हारे स्कूल की छुट्टी है?"

"नहीं, मैं बस दोपहर में अध्ययन करने के लिए पुस्तकालय जा रहा हूँ।"

"ठीक है, मैं आती हूँ। तुम मेरा इंतज़ार सार्वजनिक कब्रिस्तान के द्वार पर ही करना।"

"ठीक है।"

फ़ोन रखते ही हुओ मियां का चेहरा अनेक भावनाओं से भर गया।

सात साल पहले की वह रात आज भी उसे याद है। वह अपनी शाम की कक्षाओं से घर जा रही थी, जब एक ब्लैक ब्यूक कमर्शियल वैन तेज़ी से उसकी ओर आई और उस के कुछ भी समझ पाने के लिए बहुत जल्दी।

यह तब था जब अंकल जिंग, जो कि उसे स्कूल से लेने के लिए वहाँ थे, अचानक उसे धक्का दे कर उस वैन के सामने आ गए।

अंत में, वह केवल यह देख सकती थी की उस कार के पहियों के नीचे अंकल जिंग की मृत्यु हो गई थी और उनके खून ने फुटपाथ पर एक धारा बना दी थी।

मियां को मामूली चोंट और खरोंच आई थी, लेकिन दुर्घटना में अंकल जिंग अपनी जान गवा चुके थे।

यदि यह उसके लिए नहीं होता, तो अंकल जिंग की मृत्यु नहीं होती।

मूल रूप से, उसे पहले यह लगा था कि यह सिर्फ एक दुर्घटना है। हालाँकि, वह हैरान थी जब उसे बाद में पता चला कि दुर्घटना के लिए ज़िम्मेदार ड्राइवर किन परिवार का था।

क्या किन परिवार इतना दुस्साहसी था कि उन्हें इस बात को ढंकने की ज़रूरत महसूस नहीं की कि उन्होंने किसी को मारने के लिए पैसे दिए है? क्या वास्तव में उन्हें अपने गंदे काम करने के लिए अपने ही घर के ड्राइवर को भेजने की आवश्यकता थी?

इन अमीर लोगों के दिल में वास्तव में आम नागरिकों के लिए कोई जगह नहीं होती। मियां की माँ और उसका छोटा भाई दोनों इस दुर्घटना से उदास थे।

मियां बार-बार अदालत के चकार काटती रही, ताकि उस ड्राइवर को सज़ा मिल सके। तब तक किन परिवार ने किन चू को देश से बाहर भेज दिया था।

दूसरी ओर, मियां अपने आप को इस दुर्घटना का ज़िम्मेदार समझ कर अकेली ही यह बोझ उठा रही थी। अंत में, हुओ मियां और उसके परिवार ने मुआवजे को भी अस्वीकार कर दिया था।

हमलावर ड्राइवर के पास आरोप को स्वीकार करने और जेल जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। हालाँकि, उस पर केवल नशे में गाड़ी चलाने का आरोप लगाया गया था और सिर्फ पांच साल की सजा सुनाई गई थी।

यह वह पल था जब उसे यह महसूस हो रहा था की उसके साथ कितनी नाइंसाफी हुई है और वजह शायद एक ही थी उनकी अमीरी और मियां की गरीबी।

इसके अलावा, वह यह भी समझ चुकी थी, वह जिस पृष्ठभूमि से सम्बंधित है, आगे चल कर वो कभी भी किन चू जैसे अमीर परिवार के साथ किसी भी प्रकार का कोई रिश्ता नहीं बना पाएगी।

किन चू के साथ रहने के सारे ख्याल वो पीछे छोड़ आई थी।

इन सभी भारी यादों को समेटते हुए, हुओ मियां ने अपने चेहरे पर पानी छिड़का। काली पैंट, काली टी-शर्ट और काले धूप के चश्मे की एक जोड़ी पहन कर वह दरवाजे से बाहर निकली। जब वह रास्ते में फूलों की दुकान से गुजरी, तो उसने सफेद गुलदाउदी का गुलदस्ता खरीदा।

सार्वजनिक कब्रिस्तान शहर के बाहरी इलाके में स्थित था, और वहाँ पहुंचने के लिए तीन बस से सफर करके जाना पढता था। मियां को वहाँ पहुँचते पहुँचते दोपहर हो गई थी।

"दीदी" जिंग ज़िक्सिन ने मियां को देखते हुए हाँथ हिलया।

"तुम बहुत देर से इंतज़ार कर रहे हो, है ना?" हुओ मियां ने उसके सिर पर प्यार से हाँथ फैरा।

"नहीं बहुत देर से तो नहीं, बस कुछ पंद्रह मिनट से। दीदी, आप काफी दुबली लग रही हो। क्या आपकी नाईट शिफ्ट अभी भी चल रही है?"

हुओ मियां अपने भाई की चिंता पर मुस्कुराई, "नहीं, मैं वजन कम कर रही हूँ।"

बातें करते करते, दोनों एक साथ सार्वजनिक कब्रिस्तान में चले गए। मियां ने ताजे फूल जो उसने रास्तें में ख़रीदे थे वहाँ रख दिए।

वहाँ फल और एक फूलों की टोकरी भी थी जो उसकी माँ सुबह ही रख कर गई थी।

"ज़िक्सिन, पिछले कुछ सालों में जो भी हुआ क्या तुम भी मुझे माँ की तरह उसके लिए दोषी मानते हो?" हुओ मियां ने अपना चश्मा उतारा, उसकी अभिव्यक्ति दुखद थी।

जिंग ज़िक्सिन ने अपनी बड़ी बहन को देखा और हैरान हो कर जवाब दिया, "दीदी, यह तुम क्या कह रही हो? मैं ऐसा क्यों करूंगा? जो हुआ उसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं थी। किन परिवार के लोग बुरे हैं। अगर पिताजी की मृत्यु नहीं हुई होती, तो तुम्हारी होती। मेरे जीवन में आप दोनों ही मेरे सबसे करीबी लोग हो।"

"लेकिन अगर मैं चेतावनियों को नजरअंदाज नहीं करती और किन चू से सारे रिश्ते ख़त्म कर लेती, तो यह त्रासदी नहीं हुई होता।" हुओ मियां ने अपने होंठों को दबाया, वह मन ही मन खुदको कुसूरवार मान रही थी।

इसका जिंग ज़िक्सिन ने जो जवाब दिया उसे सुन कर मियां हैरान रह गई। उसे विश्वास नहीं हो रहा था की उन्नीस वर्षीय छोटा भाई ऐसा भी कुछ कह सकता है।

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