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गुड मॉर्निंग , मिस्टर ड्रैगन !

यह कहानी एक ऐसी लड़की के जीवन पर आधारित है जिसने अपने ही परिवार वालों की वजह से अपना सब कुछ खो दिया। उसे उसके घर से निकाल दिया गया, साथ ही उसने अपने जीवन के बहुत बुरे दिनों का सामना अकेले ही डट कर किया। उसे उसके तथाकथित सबसे अच्छे दोस्त और सौतेली बहन द्वारा फंसाया गया। जब सु कियानक्सुन वहां से बच कर भागने की कोशिश कर रही थी तो वह एक अनजान आदमी के साथ टकरा गयी थी। वह आदमी इतना सुंदर था कि ऐसा लग रहा था जैसे उसका चेहरा देवताओं द्वारा नक़्क़ाशा गया हो , लेकिन उसका दिल पत्थर के जैसा ठंडा और कठोर था। वहां से उसके जीवन ने एक अलग ही मोड़ ले लिया। उसी वक़्त से एक जंगली और उग्र रात की शुरुआत हुई, और तब से, वे जुनून, वासना, साजिश और विश्वासघात से भरी यात्रा पर निकल पड़े।

हान जिआंग्क्सुए · Thành thị
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हमारे बीच में एक बार में ही सब कुछ सुलझा लें

Biên tập viên: Providentia Translations

सु रान ने सु कियानक्सुन के चेहरे को घुरा और नाराज़ हो गई। उसने बेचैन हो कर कहा ,"बड़े भाई, इसके झूट को मत सुनो। वो वास्तव में एक कमीनी है। वो अभी के लिए रुकी है !जल्दी करो, इसके साथ समझौता करो और इस बात को ख़तम करो !" 

सु रान इस कमीनी को हर बुरा अनुभव से गुजरने की कसम खाई थी 

' एक बार सु कियानक्सुन का इन सात और आठ आदमियों से बलात्कार हो जाये , वो निश्चित रूप से बेहद भयंकर महसूस करेगी , जितना मैंने किया था! '

हालांकि , यह जरूरत से काफी दूर था। उसने कुछ जंगली कुत्तों को संभोग की इच्छा बढ़ाने वाली औषधियाँ खिला कर तैयार किया था। सु रान इस बार सु कियानक्सुन को पूरी तरह से बर्बाद करना चाहती थी!

"बड़े भाई ,कोई नहीं जनता कि मेरा अपहरण हुआ है। मेरे लिए समय के लिए रुकना कैसे मुमकिन हो सकता था ? मैं कसम खाती हूँ कि मैं सच कह रही हूँ। यह व्यक्ति, सु रान एक थकी हुई झूठी है। वो घिनौनी और बेईमान है। उसने मुझे कितनी बार फ़साने की कोशिश की थी। बड़े भाई ,मुझे पता है कि कोई रास्ता नहीं है जिससे मैं बच सकती हूँ। मैं सु रान और मेरे बीच में हमेशा के लिए सब कुछ सुलझाना चाहती हूँ। अगर आप मेरी इच्छा पूरी करते हो ,मैं खुद को आपको सम्पर्ण कर दूंगी। " जब सु कियानक्सुन ने जब अपनी आवाज़ को नरम किया , वो एकबिल्ली के बच्चे की तरह सुनाई दे रही थी और यह आदमियों को उत्तेजित कर रहा था। 

कोई भी पुरुष उसके जैसी युवती का विरोध नहीं कर सकता था।यह विशेष रूप से सच था क्योंकि उसने खुद को इन पुरुषों को समर्पण करने का वादा किया था।आदमी खुद को रोक नहीं सकते थे। अगर एक बार के लिए भी यह युवती उसको प्रसन्न करने के तैयार थी , तो उस आदमी को कोई पछतावा नहीं होगा !

"बड़े भाई , उसकी बात मत सुनो। यह कमीनी बहुत चालाक है और....."

"चुप रहो। क्या तुम भी एक स्वार्थी कमीनी नहीं हो ?" 

आदमी ने सु रान को देखा। जाहिर है, रान ने इन लोगों से हर समय झूठ बोला। सु रान यह भूल गई थी कि वे सब सु कियानक्सुन से अलग थे। यह सब आदमी डाकू और ठग थे । सु कियानकसुन के विपरीत थे। ये आदमी सभी ठग और गैंगस्टर थे। वे सभी जानते थे कि उसने क्या साजिस की थी। 

"खूबसूरत महिला , तुम्हे अपना वादा पूरा करना है , ठीक है ?" आदमी ने अपने सहायक को सु कियानक्सुन को खोलने के लिए आदेश देते हुए कहा। 

"बड़े भाई .... उससे धोखा मत खाना। यह सच में .." 

इससे पहले सु रान अपना वाक्य ख़त्म करती , सु कियानक्सुन की नज़र उस कोने में पड़े उसे डंडे पर गई जिसे सु रान ने उसे मारने के लिए पहले इस्तेमाल किया था। युवती जतनी तेज़ हो सके उतनी तेज़ उस डंडे ओर भागी। वो फिर उठी और सु रान को मारने की कोशिश की। ... 

सु रान हैरान रह गई और जल्दी से छिप कर भागने लगी। डंडा सु रान के कंधे पर लगा जा कर लगा और उसे तेज़ दर्द महसूस हुआ। 

सु रान तीव्र पीड़ा से जोर से चिल्लाई। युवती ने डंडे को अपने हाथ से घुमाया । 

सु रान की गर्दन और सर पर जोर का झटका लगा। 

सु कियानक्सुन अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती थी। वो नहीं जानती थी कि उसे सु रान को मारने की इतनी ताक़त कहा से आ गई थी। शायद यह सच है कि लोग कुछ चीज़े करने में सक्षम होते है जो संकट की घड़ी में अपनी क्षमता से अधिक आगे बढ़ जाते है। 

सच कहे तो, वो सु रान के सर पे मार सकती थी। लेकिन अगर वो ऐसा करती , सु रान तुरंत मर जाती या फिर बेहोश हो जाती। सु कियानक्सुन इन में से ऐसा कुछ नहीं करना चाहती थी। उसके लिए , इस समय सबसे महत्पूर्ण काम था खुद के लिए समय निकलना। इसलिए , वो सु रान को मारने के बजाय केवल घायल कर सकती थी। . 

उसके लिए सु रान से ज़्यादा खतरनाक वो आदमी थे। 

जैसे सु कियानक्सुन सु रान को मार रही थी , सु रान उससे वापिस झगड़ा नहीं कर सकी। वो वहाँ से भागना चाहती थी , लेकिन सु कियानक्सुन ने उसे ऐसा करने का मौका नहीं दिया। सु कियानक्सुन के हाथ में जो डंडा था वो सु रान के शरीर के ऊपर बारिश की बूंदो की तरह बरस रहा था ... 

सु रान जोर चिल्लाई जिससे सारे गोदाम में उसकी आवाज़ गुंजी। अचानक से एक जोर की कड़ाक आवाज आई। युवती सु रान को इतनी जोर से मार रही थी की उसके हाथ का लकड़ी का डंडा दो टुकड़ो में टूट गया। ... 

सु कियानक्सुन के हाथ पहले से सुन्न पड़ गए थे। जो उसके हाथ में डंडा पकडा हुआ था वो जमीन पर गिरा, तो सु रान ने उस मौके का फायदा उठाया और जल्दी से उसको ओर कूद पड़ी ...

आदमियों के समूह ने देखा जैसे युवतियां आपस में झगड़ा कर रही थी। वो सब बेहद उत्साहित और उत्तेजित थे , खासकर जब उन्होंने सु कियानक्सुन की शातिर नज़र देखी...