webnovel
0
Renu_Chaurasiya_0803

Renu_Chaurasiya_0803

Lv10
2020-05-18 เข้าร่วมแล้วGlobal
-d

การเขียน

4.2h

ของการอ่าน

58

อ่านหนังสือ

ป้าย
5
โมเมนต์
6

Love by Facebook 2

[LGBTQ , Heartwarming, tradegy, Boy's love] अभिमन्यु एक बहुत ही सुंदर और जिंदादिल लड़का है। वह हमेशा खुश रहता है और दूसरों को भी खुश रखने की कोशिश करता है। वह हाल ही में अपनी डॉक्टरेट की डिग्री पूरी करके लौटा है। पहले ही दिन वह अपने साथियों के साथ अस्पताल का चक्कर लगाता है। जैसे ही वह कमरा नंबर 108 के सामने पहुंचता है, उसके कदम रुक जाते हैं। उसकी आंखों से आंसू टपकने लगते हैं। उसके दिल की धड़कनें बेकाबू हो जाती हैं और अकेलापन और खालीपन उसे घेर लेता है। वह बेहोश होकर वहीं गिर जाता है। आखिर कमरा नंबर 108 में ऐसा क्या है जिसकी वजह से अभिमन्यु के साथ ऐसा होता है। जानना है तो मेरे पास रखिए "दिल का रिश्ता".................

Renu_Chaurasiya_0803 · LGBT+
เรตติ้งไม่พอ
2 Chs

वरदान एक चमत्कार

जैसे ही उसने आखिरी निवाला उस फकीर ने खाया ,वो फकीर एक चमत्कारी देवता के रूप में बदल गया । उसने राजा को आशीर्वाद दिया हे, "राजन मैं तुम्हारे राज्य में तुम्हारे धर्म की परीक्षा लेने आया था ।" "तुम अपने धर्म में खरे उतरे इसलिए मैं तुम्हें आशीर्वाद देता हूं, कि तुम्हें पुत्र प्रदान हो ।" "क्योंकि तुम्हारे भाग्य में संतान का सुख नहीं है , इसलिए पुत्र के जन्म के कुछ समय बाद तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी।" " क्योंकि तुम्हारे राज्य की प्रजा ने मुझे देख कर घड़ा की और मुझ पर पत्थरों से बार किया ,इसके परिणाम तुम्हें भुगतना होगा।" "क्योंकि तुम प्रजा के पालनहार हो और इसीलिए तुम्हारी प्रजा जो भी कार्य करेगी उसका उसका फल या अशुभ फल तुम्हें यह तुम्हारे पुत्र को भुगतना पड़ेगा ।" और हां राजन तुम्हारा पुत्र बहुत ही पराक्रमी योद्धा होगा ।" " उसके सामने मनुष्य क्या देव दानव भी नहीं खड़े रहे सकेंगे। इतना बोल कर वह देवता अदृश्य हो गया।" कुछ दिनों बाद रानी के गर्भवती होने की सूचना पूरे राज्य में आप की लपटों की तरह फैल गई। महाराजा राजकुमार के आगमन के लिए बेसब्री से इंतजार करने लगे । धीरे-धीरे समय गुजरता गया और 9 महीने बाद राजकुमार का जन्म हुआ। वह बच्चा सूर्य के समान चमक रहा था, और चंद्रमा के समान उसके मुख पर तेज था। राजकुमार के जन्म पर खुशियों की हर तरफ उत्सव का माहौल था। राजा बहुत खुश था। उन्होंने बड़े बड़े पंडित को राजकुमार के नाम की नामकरण की विधि की। क्योंकि उनको राजकुमार फकीर के वरदान से मिला था, इसीलिए उन्होंने उसका नाम वरदान रखा । उसका नाम राजकुमार वरदान रखा गया गया। और दूसरी तरफ राजा के मंत्री और विद्रोही वरदान के जन्म से खुश नहीं थे। वह बच्चे को मारना चाहते थे। बच्चे को मारने की चालें चलने लगे। जब भी वे लोग राजकुमार के उसके आसपास जाते, कोई अदृश्य शक्ति उनको अपने इरादों में सफल नहीं होने देती थी। वरदान की सुरक्षा कवच बन कर उसकी रक्षा करती थी । वरदान 5 साल का होने वाला था । और राजा उसको युवराज घोषित करना चाहते थे। इससे पहले राजा ऐसा कर पाता, विद्रोहीऔ ने राजा की हत्या कर दी , और वो रानी और वरदान को भी मारने के लिए निकल गए । जैसे ही रानी को यह सब पता चला , रानी ने अपने बच्चे के साथ भेस बदल कर राज्य से भाग गई।

Renu_Chaurasiya_0803 · ย้อนยุค
เรตติ้งไม่พอ
4 Chs