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the Alimental journey of Abhinav

ไซไฟ
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Synopsis

Chapter 1आदर्श जी से मिलन

अभिनव, "जो इस कहानी का हीरो"है, वो रहता था साइंस की दुनिया पर  कई सालो से आ रहे सपने की वजह से वो जादू की दुनिया में पहुंच जाता हैं आखिर कैसी होगी अभिनव की जिंदगी तो चलिए हम शुरू करते है।

अभिनव स्कूल में बैठा हुआ था जो सा वक्त अकेला था वो आज बहुत दुखी था तब उसकी क्लास में एक टीचर आते हैं उनका नाम भानु था वो physics के टीचर थे अगर मैं आम भाषा में कहू तो भानु जी भौतिक विज्ञान के टीचर थे  उनकी उम्र काफी हो चली थी  भानु जी ने आते ही कहा," अपनी किताब निकल लो"।  जिसके बाद वो अपनी क्लास लेने लगे थे इस बीच उनकी नजर  अभिनव पर जाकर  रुकी  , तब टीचर ने कहा," लगता है तुम्हारी तबीयत ठीक है" जिस पर अभिनव बोला ," हा सर मेरी तबियत ठीक नहीं है जिस पर टीचर बोले, "एक काम करो तुम घर जाओ और आराम करो" जिस पर अभिनव बोला," वहा से जाने लगा था तब किसी ने पीछे से कहा अरे अरे लगता है अभिनव ने किसी ताकतवर जादूगर से लड़ते हुए किसी को खो दिया है जिस पर आधे से ज्यादा बच्चे उस पर हसने लगे थे तब टीचर बोले ,"सभी बच्चे शांत हो जाओ और अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो " जिसके बाद भानु जी सभी स्टूडेंट को पढ़ाने में लग गए थे और अभिनव फिर स्कूल के पीछे के दरवाजे से निकलकर वो  पहाड़ी के पास एक घर की ओर पहुंच गया थातब अभिनव जाकर उसी  तब अभिनव अपने आप से बोला," पता नहीं क्यों पर मुझे यहां पर आते ही एक बड़ा सकून मिलता है जबकि ये जगह कितनी खंडहर है और हा मेरे पिता ने बताया था कि इस जगह पर इस दुनिया के सबसे बड़े साइंटिस्ट अपने बचपन में यहां घूमने आते थे  उन्हें यहां से तब जाना पड़ा था जब इस शहर में वायरस फैल गया था और एक वो ही थे जिन्होंने लोगो की जान बचाई थी और उस वायरस का एंटीडोट भी बनाया था  फिर वो बोला पर मां ने उनका नाम आदर्श बताया था " और फिर उसे वो दुख याद आ गया था जिसकी वजह से वो आज की क्लास वो बहुत दुखी था और ये बात भानु जी को भी पता था इस लिए उन्होंने आज अभिनव को जाने दिया था अभिनव रोते हुए बोला ,"मां आप क्यों हमको यू झोड़कर चली गई" और ऐसे ही कुछ देर रोते हुए उसे कब नींद आ गई उसे पता नहीं चला था जब अभिनव सो रहा था, तब उसे एक सपना आया , उसमें 25 साल का एक आदमी जो जाना पहचाना था दिखा , और उसके सामने अभिनव खड़ा हुआ था तब अभिनव के सामने वाला आदमी बोला ,"अभिनव अब वक्त आ गया है कि तुम उस दुनिया में जाओ जिसका तुम्हें बरसों से सपना आ रहा  है"  अभिनव बोला मैने आपको कही तो देखा है पर मुझे याद अभी आ रहा है, क्या आप अपना  नाम बता सकते हैं  जिस पर वो आदमी हंसा और बोला हा क्यों नहीं क्योंकि मेरे साथ तुम्हें उस दुनिया को बचाना है अभिनव बोला  मतलब  , तब वो आदमी बोला वो तुम्हें समय आने पर पता लगते जाएगा वो आदमी आगे बोला," मेरा नाम आदर्श है, और  मैं तुम्हारी तरह ही एक खास जादूगर हूं" अभिनव बोला," मतलब आप क्या कहना चाहते हैं" ? आदर्श बोला ," वो तुम्हे समय आने पर ही पता चल जायेगा" अभिनव बोला ," क्या आप मेरे एक सवाल का जवाब दे सकते है" जिस पर आदर्श बोला," पूछो,  जो भी पूछना है ।

अभिनव बोला ," मैं उस दुनिया मैं पहुंचूंगा कैसे" ?  जिस पर आदर्श बोला," जब तुम जागोगे तो तुम अपनी आंख वही पर खोलोगे"।

इधर अभिनव आदर्श से बात कर रहा था और उधर अभिनव के सपनो के सपनो के बाहर  रात हो रही थी और जिस जगह पर अभिनव सोया हुआ था वो घर अचानक धीरे धीरे हिलने लगा था तब अचानक हवा में सुरंग खुली और वो घर हवा में उड़ते हुए उस सुरंग में चला जाता है पर थोड़ी देर में ही फिर से वही घर उस सुरंग में से निकलकर उसी जगह पर पहुंच गया था जहा से वो उड़कर उस सुरंग में गया था  इधर अभिनव के सपने में आदर्श बोला," तुम्हारा जन्म भी मेरी तरह ही एक खास काम के लिए ही हुआ है" अभिनव बोला ," जी मैं आपकी बात को समझ रहा हूं" आदर्श बोला," ये लो और फिर आदर्श ने अपने गले से एक अंगूठी को निकाला जो उसकी माला में थी" और उसे अभिनव को देते हुए कहा," ये जादुई यंत्र है ये तुम्हारी जादू की शक्तियों को तेजी से बढ़ाने में मदद करेगा" अभिनव बोला," पर यह तो एक अंगूठी है' आदर्श जी बोले," यह तुम्हें समय आने पर पता चल जाएगा इसलिए चुपचाप से अपने पास रखो" इस बार अभिनव आदर्श की व्यवहार से थोड़ा सा डर जाता है, पर फिर आदर्श पूरा इसमें करने वाली बात नहीं है, अभिनव ने अपने आप को जैसे तैसे संभाला और फिर बोला," क्या मैं आखरी सवाल आपसे पूछ सकता हूं" जिस पर आदर्श जी ने सोचते हुए कहा," ठीक है पूछो जो भी पूछना है"।

अभिनव बोला," अगर मै यहां से चला जाऊँगा " तब मेरे परिवार का क्या होगा " ?

आदर्श जी ," जब कोई जाता है तो किसी को उसकी जगह तो लेनी होती है" जिसके बाद उसकी नींद खुल जाती है, और वो वही पर होता है जहा वो सोया था अभिनव अभी उठा था कि उसकी घड़ी में अलाराम बजा जिसे देखकर अभिनव बोला," क्या मैं यहां पर पूरी रात सोया हुआ था मुझे लगता है यहां कुछ गड़बड़ है और मुझे यहां आना बंद करना होगा" जिसके बाद अभिनव स्कूल  के रास्ते से होकर मेंन गेट पर पहुंचने से पहले वो अपने आप को और अपने कपड़ो ठीक करता है फिर अभिनव वही मेंन गेट के पास एक खाने के रेस्टोरेंट में पहुंचता है वो रेस्टोरेंट बहुत छोटा था वहा बस बावर्ची के खाना बनाने की जगह थी और कुछ लोगो के खाना खाने की जगह थी वो वही की टेबल पर बैठ जाता हैं, अभी आदर्श इधर उधर देख रहा था और अपने खाना आने का इंतिजार कर रहा था पर अभी अभिनव की नजर खाना बनाने वाले सैफ पर गई,  तो उसने जो नजारा देखा उससे अभिनव बहुत चौक ! गया था । 

आखिर क्या होगा आगे क्या है उस अंगूठी का राज,  ? और क्या है आदर्श की सच्चाई,? और कौन है आदर्श ? अभिनव ने जो सपना देखा है क्या वो सच है या सिर्फ झूठ ? और ऐसा भी क्या देख लिया अभिनव ने सामने सैफ को करते हुए, जिससे अभिनव इतना चौक गया है और क्या अभिनव जादू की दुनिया में पहुंच गया है ? ये सब जानने के लिए मेरे साथ यानी RJ Sidhart के साथ इस कहानी को पढ़े।

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Volume 3 :अब आप आराम करो पापा

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