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May I coming sir

अब चलते हैं। भारत के उत्तर दिशा जम्मू एंड कश्मीर  राज्य की तरफ। उस राज्य में  राजौरी नाम का एक खूबसूरत शहर है। जो जम्मू से 150 किलोमीटर दूर और कश्मीर से 155 किलोमीटर दूर है ।यह जम्मू एंड कश्मीर का मुख्य जिला हैं। 

अभी सितंबर का महीना चल रहा हैं। इस महीने में यह शहर चारों तरफ सफेद बर्फ की चादर से ढकी हुई ऊंची ऊंची पहाड़िया और उसके ऊपर लगे हुए हरे - हरे पेड़ इस शहर को ऑर खूबसूरत बनाती हैं। यह शहर में इस समय ठंडा रहता है । उसका टेंपरेचर इस वक्त 15 डिग्री सेल्सियस है।

इस खूबसूरत शहर के एक कोने में पहाड़ियों के बीच में एक बड़ा सा आर्मी हेड क्वार्टर है । जिसके चारों तरफ की बहुत संख्या में आर्मी के जवान इस हेड क्वार्टर की सुरक्षा कर  रहे है।इस हेडक्वार्टर के ऊंची  - ऊंची बाउंड्री के चारों तरफ एल्यूमिनम और कॉपर वायर से फेंसिंग लगी हुई है। और इस वायर में इलेक्ट्रिक करेंट भी दिया गया हैं। कोई भी दुश्मन इस बाउंड्री को लांग कर हेडक्वार्टर में घुसने की कोशिश करे तो वो एलक्ट्रिस करेंट से वो वही पर मर कर ढेर हो जाए। इस हेड क्वार्टर का एक बड़ा सा एंट्री गेट हैं। जो इस गेट के ऊपर बड़े - बड़े अक्षर में लिखा हैं। निर्भय आर्मी हेडक्वार्टर उस गेट को न्यू टेक्नोलॉजी के सिक्योरिटी के साथ सिक्योर किया गया हैं।  इस गेट के पास खड़े होकर बहुत से सोल्जर इस हेड क्वार्टर की रक्षा कर रहे हैं। इसी हेड क्वार्टर में एंट्री करते ही, सबसे पहले एक बहुत बड़ा सा ग्राउंड पढ़ता है। इस ग्राउंड में बहुत से ऑफिसर और जवान एक्सरसाइज ,ड्रिल और अपनी स्किल्स की प्रैक्टिस करते हैं।  फिर आगे चलकर एक बड़ा सा लॉबी है । जिसके चारों तरफ जूनियर आर्मी ऑफिसर के केबिंस है । फिर आगे चलकर एक बड़ा सा कॉरिडोर हैं। वहा सीनियर्स ऑफिसर्स के केबिन है । उस कॉरिडोर में ऑर आगे चलकर थोड़ी दूर एक कोने में एक बहुत बड़ा सा केबिन हैं। जो इस हेडक्वार्टर के हेड मेजर .जनरल विक्रम नायक को दिया गया हैं। वह यहां के आर्मी टीम द्वारा उन्हे इस हैडक्वाटर का हेड अप्वाइंट किया गए है। वह यहां के सारे जूनियर और सीनियर ऑफिसर ,कमांडो, सूबेदार और जवानों की बटालियन को गाइड ,लीडऔर ट्रेन करते हैं ।कोई भी मुसीबत देश पर आई हो, या की दुश्मनों को मजा की चखाने चाल चलने के लिए  प्लानिंग करनी हो,तो वो इस हैडक्वाटर के एक कौने में एक बड़ा सा मीटिंग हॉल हैं। वहा पर सारे आफिसर्स, काममंडो के हेड को बुलाकर प्लानिंग करते हैं।

Note -: तो आइए, मैं आपको मेजर जनरल विक्रम नायक के बारे में बताती हूं। उम्र 55 साल 5"10" हाइट, फेयर कलर, चेहरे पर बहुत ही गहरी सफेद दाढ़ी, परफेक्ट बॉडी शेप, बहुत फिट और एनर्जेटिक लगते हैं। जब वो बात कड़क आवाज में करते हैं,  सभी लोग डर जाते हैं। वो स्ट्रिक्ट और डिसीप्लिन में रहते हैं। उनकी एनर्जेटिक ,परफेक्ट बॉडी शेप ,और कड़क आवाज को देखकर ऐसा नहीं लगता है। की वो 55 साल के हैं। वह 40 के उम्र के आस - पास लगते हैं। उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत कुछ हासिल किया है।और अपनी पूरी जिंदगी देश और आर्मी के नाम कर दी है।उन्होंने अभी तक दुष्मने जो हमारे देश पर बुरी नजर डालने के लिए प्लानिंग की थी। उन्होंने उनकी प्लानिंग को अपनी स्मार्टनेस और इंटेलिजेंस से फेल किया हैं। ऑर मजा भी चखाया हैं। उन्हे राष्ट्रपति से बहुतसे मेडल्स और गैलंट्री अवॉर्ड्स हासिल किए हैं। 

मेजर जनरल विक्रांत नायक अपने केबिन में बैठकर कुछ काम कर रहे थे और बीच - बीच में सोच रहे थे। अभी उनके चेहरे पर चिंता और परेशानी  के भाव नजर आ रहे थे।

तभी 40 साल का एक आर्मी ऑफिसर  जिसकी हाइट 5"11 ",चेहरे का कलर गेहुआ, उनके चेहरे के फीचर बहुत ही शार्प और उसके ऊपर बड़ी - बड़ी मूछें और परफेक्ट बॉडी शेप उनके चेहरे और पूरे पर्सनैल्टी को अट्रेक्टिव बनाते हैं। उन्होंने आर्मी की यूनिफॉर्म पहनी हुई है। यूनिफॉर्म की शर्ट पर बहुत सारे मेडल और रैंक लगी हुई है। वह देखने में बहुत ही हैंडसम और  एनर्जेटिक लग रहे है। उनकी अट्रैक्टिव और एनर्जेक्टिक पर्सनैलिटी को देखकर ऐसा नहीं लग रहा है। कि वह 40 साल के हैं। वो  28- 30 साल के आस - पास लग रहे हैं। वो सीरियस एक्सप्रेशन के साथ मेजर जनरल विक्रांत के केबिन की तरफ धीरे धीरे चल कर बढ़ रहे  हैं ।वह उनका कैबिनेट के पास पहुंच कर वो केबिन का डोर को नोक करके कहते हैं। मे आई कम इन सर

मेजर . जर्नल विक्रांत - :  अपने केबिन के दरवाजे पर उस ऑफिसर को देखकर सीरियस एक्सप्रेशंस के साथ कहते हैं। कम इन कर्नल रणबीर रणवीर राठौर

नोट -: तो मैं आपको बता देती हूं । रणवीर राठौर के बारे में , वो इस हेड क्वार्टर के वाइस हैड है। वो एक बहुत ही काबिल और ईमानदार ऑफिसर है।। इन्होंने अपनी स्मार्ट और इंटेलिजेंट से आतंकवादी जो हमारे देश पर बुरी नजर डाले हुए थे । उन्होंने अपनी सूझ बूझ से उनकी प्लानिंग को फेल किया हैं। और मजा भी चखाया हैं। अपनी पूरी जिंदगी देश और आर्मी के नाम कर दी हैं ।और कर भी रहे हैं। इन्होंने भी बहुत से मेडल और गैलंट्री अवॉर्ड्स राष्ट्रपति द्वारा हासिल किए हैं।

कर्नल राठौर -: उनके केबिन में आकर उनके डेस्क के सामने खड़े होकर कहते हैं। सर आपने मुझे बुलाया

मेजर जनरल-:   हां कर्नल राठौर मैंने आपको बुलाया और बैठने का इशारा करते है।

कर्नल राठौर उनके डेस्क के सामने रही कुर्सी पर बैठ जाते हैं।

मेजर जनरल विक्रांत अपने सर पर हाथ रखे हुए और चिंता मैं दूबे चुप- चाप कुछ सोच रहे होते हैं। तभी

कर्नल राठौर -: कहते हैं क्या बात हे सर ,कोई परेशानी है। वो उनको परेशान देखते हुए उनसे  पूछते है।

मेजर जनरल नायक -: हां कर्नल!  मैं बहुत परेशान हूं।आतंकवादी का आतंक दिन भर दिन बढ़ता जा रहा है। बहुत से मासूम लोगों की जान जा रही है। जगह - जगह शहरों में बॉम्ब ब्लास्ट कर रहे हैं।अभी लेटेस्ट खबर आ रही है।  की  अभी- अभी गोरखपुर में बॉम्ब ब्लास्ट किया हैं।  उसमें बहुत से निर्दोष और मासूम सिविलियंस की जान गई है। बहुत से लोग घायल भी हो गए हैं। अब इस सिचुएशन में क्या किया जाए।

कर्नल राठौर -: अपने हाथों की उंगली आइब्रो पर रखकर सोचते हैं।  कुछ देर सोचने के बाद वह उनको सजेशन देते हैं । क्यों न हम सिविलियंस के लिए 1 साल की सिविलियंस आर्मी ट्रेनिंग प्रोग्राम के नाम से चलाया जाए। हम इस प्रोग्राम में उन सिविलियंस को आर्मी की ट्रेनिंग और अंतकवादी से लड़ने की ट्रेनिंग देंगे, ताकि वो वक्त आने पर अपनी स्वयम की और देश की रक्षा कर सकेंगे। और हम आर्मी सोल्जर्स की भी मदद हो जाएंगी। हम पर भी बर्डन भी नही पढ़ेगा।

मेजर जनरल नायक -: उसको सवालिया नज़रों से देख कर कहते हैं ।यह क्या कह रहे हो कर्नल।

कर्नल राठौर-: हां सर यही एक सही रास्ता है। आतंकवादी से लड़ने का और उनके आतंक को कम करने के लिए। हम प्रोग्राम के तहत हम सिविलियंस को भी आर्मी की ट्रेनिंग और उनको उनसे लड़ने की स्किल्स शिकयेंगे और ट्रेंड करेंगे।  वक्त आने पर वो लोग अपनी स्वयं और देश की मदद करेंगे। और आतंकवादी उन सिविलियंस परअटैक और डराने से पहले कही बार सोचेंगे। इस ट्रेनिंग से सिविलियन के दिल में देश के प्रति प्रेम, देश भक्ति और उनके दिल में देश के लिए कुछ करने की भावना बढ़ेगी। और वो देश के प्रति अपना भी कर्तव्य समझकर देश के लिए लड़ेंगे और मर मिटेंगे और अपना भी फर्ज समझ चूकेंगे। इस ट्रेनिग में हम उनके देश भक्ति और उसके प्रति उनका क्या  फर्ज हैं। वो भी शिखायेंगे।

मेजर जनरल नायक- : सवालिया नज़रों से कहते हैं। पर कर्नल यह सब कैसे होगा । हम सिविलियंस को आर्मी की ट्रेनिंग और उनको देश के प्रति अपना फर्ज,देश भक्ति  और अपनी जान कैसे बचानी है ।कैसे ट्रेन करेंगे ? कहां हम उन लोगो के लिए यह ट्रेनिग प्रोग्राम ऑर्गेनाइज करेंगे? और कौन देगा उनको ट्रेनिंग? उन्होने बहुत से सवाल उस से पूछा लिए।

कर्नल राठौर -: हल्की सी स्माइल के साथ कहते हैं। सर मैं आपकी परेशानी समझ रहा हूं। लेकिन सर हमारे देश के लोग देशभक्त, जांबाज ,इंटेलिजेंट स्मार्ट और टैलेंटेड है। और जब देश पर मुसीबत अति हैं। तो वो अपनी जान की बाजी लगा कर देश के लिए मर मिटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। और हम उनको अच्छे से ट्रेनिंग देंगे और उनको इस ट्रेनिंग के थ्रू अच्छे से दुश्मनों और अतंकवादी से लड़ने की स्किल्स और टेक्नीक की ट्रेनिग देंगे । तो वो भी हमेशा स्वयं और देश के लिए लड़ेंगे। सबसे पहले हम हर जगह इस प्रोग्राम के बारे में हम हर जगह रिक्रूटमेंट की एड देकर सिविलियंस तक इस प्रोग्राम की जानकारी देंगे।  उसके बाद उन सिविलियन्स का एग्जाम कंडक्ट कराएंगे और जो इंटरेस्टेड होगा, वो अप्लाई करके एग्जाम को पास करेगा और उनकी काबिलियत और एंट्रस्ट्स एग्जाम बेसिस पर हम सिलेक्ट करेंगे और आर्मी की ट्रेनिंग देंगे।

सर अभी तो हम इस प्रोग्राम के लिए एकेडमी तैयार कराएंगे । इस प्रोग्राम के लिए अकादमी तैयार करने में 1 साल का टाइम लगेगा।  तब तक हम प्रोग्राम को ट्रायल बेसिस पर देहरादून और इस देश के सबसे फेमस एकेडमी जांबाज मिलिट्री एकेडमी में प्रोग्राम को चलाएंगे ,पूरे 1 साल के लिए ।तब तक हम इस प्रोग्राम के लिए अलग से एकेडमी तैयार करा लेंगे।

मेजर जनरल नायक - : यह बात सुनकर कर कहते हैं। कर्नल यह बात तो ठीक है। तुम्हारा सजेशन भी अच्छा है। पर हम सबसे पहले जांबाज मिलिट्री एकेडमी के हेड प्रिंसिपल ब्रिगेडर समरजीत वाही से पूछेंगे और यह प्रपोजल राष्ट्रपति के साथ डिस्कस करके , हम आगे का डिसीजन लें पाएंगे।

मेजर जनरल नायक -: सबसे पहले वह राष्ट्रपति को फोन लगाकर ,इस प्रोग्राम के बारे में बात करते हैं । जो कर्नल राठौड़ ने इस प्रोग्राम का सजेशन दिया था।वो इस प्रोग्राम चालू करने की उनसे परमिशन लेते हैं। उनको भी यह सजेशन अच्छा लगता हैं। ऑर इस प्रोग्राम चालू करने की परमिशन देते हैं। उसके बाद वह जांबाज मिलिट्री एकेडमी के प्रिंसिपल ब्रिगेडियर समरजीत वाही को फोन लगाकर इस प्रोग्राम के बारे में बताते हैं।उनसे भी डिस्कस करते हैं। उनको भी सजेशन अच्छा लगता हैं। और वो इस एकेडमी में इस ट्रेनिंग चालू करने की परमिशन देते हैं। वो थोड़ी देर बात करने के बाद फोन को डिस्कनेक्ट करते है।

वो खुश होकर कर्नल राठौड़ को इस प्रोग्राम चालू करने की परमिशन  मिलने की बात बता देते हैं। तो वो भी खुश हो जाते हैं।

मेजर जनरल नायक -: हल्की सी स्माइल के साथ सवालिया नजरो से देख कर कहते हैं। हमें इस प्रोग्राम चालू करने की परमिशन तो मिल गई है। पर उनको कौन यह ट्रेनिंग देगा। क्योंकि इन सिविलियंस को ट्रेंड करने के लिए और उनको स्मार्ट टेक्नीक स्किल शिखाने के लिए, हमें एक अच्छा ,स्मार्ट और काबिल ऑफिसर जो उन लोगो को अच्छे से ट्रेंड करके उनको काबिल बना सके।तुम्हारे दिमाग में कोई है।काबिल और जांबाज ऑफिसर?

कर्नला राठौड़ - : कहते हैं मैंने मेरे दिमाग में दो जांबाज ऑफिसर हैं। जो इस ट्रेनिंग में सिविलियंस को अच्छे से ट्रेनिग से दें सकेंगे।

मेजर जनरल नायक -: सवालिया नज़रों से पूछते हैं। कौन है दो जांबाज और काबिल ऑफिसर जो इन सिविलियंस को ट्रेनिंग देने की काबिलायत रखते हैं।

कर्नल राठौड़-: हल्की सी स्माइल के साथ कहते हैं।  पहला नाम  कैप्टन परीक्षित मित्तल  और दूसरा नाम कैप्टन अभिमन्यु रायजादा मेरे दिमाग में यही दोनो काबिल और इंटेलिजेंस ऑफिसर्स के नाम आए हैं।

मेजर जनरल नायक -: सवालिया नज़रों से देखकर कहते हैं। कैप्टन परीक्षित और कैप्टन अभिमन्यु  क्यों सिलेक्ट किए हैं। तुमने ?

कर्नल राठौड़ -: हल्की सी स्माइल के साथ कहते हैं।  मैंने दोनों काबिल ऑफिसर को इसलिए सिलेक्ट कर रहा हुं । क्योंकि यह दोनों जांबाज मिलिट्री एकेडमी के एक्स स्टूडेंट रह चुके हैं। और उन दोनो ने अपनी स्मार्टनेस और टैलेंटेड के बेसिस पर बहुत सी अचीवमेंट हासिल किए हुए हैं। और बहुत से मिशन सक्सेसफुली पूरे करे हैं।कैप्टन परीक्षित इस एकेडमी के बेस्ट कैडेट रह चुके हैं ।और वह बहुत टैलेंटेड और काबिल ऑफिसर है। उन्होंने अपनी स्मार्टनेस इंटेलिजेंट से पुलवामा वाले मिशन में आतंकवादी के प्लानिंग को अपनी काबिलियत के दम पर फेल किया और सक्सेसफुल बनाया हैं।इस मिशन में उन्होंने सक्सेसफुल और देश को बचाने के लिए अनलोगो की प्लानिंग को फेल करने के लिए अपनी जान की बाजी भी लगा दी थी। और वो शहीद होते हुए रह गए थे, वो तो भगवान की कृपा थी उन पर , वो बच गए  वह इस ट्रेनिंग के लिए काबिल है।वो उन लोगो को अच्छे से ट्रेंड कर पाएंगे और उन्हें भी राष्ट्रपति से बहुत से गैलंट्री अवॉर्ड्स और मेडल भी प्राप्त किए हैं।

कैप्टन अभिमन्यु रायजादा भी एक काबिल ऑफिसर है। वो भी इस एकेडमी के इसी बैच के सेकंड बेस्ट कैडेट रह चुके हैं ।इन्होंने भी अपनी काबिलियत और इंटेलिजेंट से बहुत से मिशन को सक्सेसफुल किया है।दुश्मनों गंदे मसूबे को अभी स्मार्टनेस और इंटेलिजेंस से फेल किया है।

इसीलिए मैं इन दोनों काबिल ऑफिसर को इस ट्रेनिंग के लिए सजेस्ट कर रहा हूं। और इन दोनों को एस ए ट्रेनर अप्वाइंट करने  की परमिशन चाहता हूं।

फिर मेजर जनरल नायक उसकी बात से एग्री करके वो अपने केबिन में एक सोल्डर को बुलाकर उन दोनों को बुलाने की ऑडर देते हैं। वह सोल्डर वहा से उनका आदेश सुनकर उन दोनो को बुलाने चला जाता हैं।

वहीं इसी हेड क्वार्टर की ट्रेनिंग ग्राउंड में वहां पर खड़ा एक 26 साल का लंबा  सा लड़का जिसकी हाईट लगभग 6"2" लग रही हैं। गौरा रंग,बड़ी-बड़ी आंखें, पतले होठ, चेहरे पर हल्की सी फ्रेंच कट दाढ़ी और कान के पीछे लगा हुआ कला तिल उसके चहरे को बहुत ही अट्रेक्टिव और हैंडसम बना रहा था ।उसने अपनी बॉडी को इतने अच्छे से मेंटेन किया हुआ हैं। पर्सनैलिटी भी अट्रैक्टिव बना राखी हैं उसने इस वक्त अपने चेहरे पर काले रंग का गॉगल लगाया हुआ है । एक हाथ में काले रंग की स्पोर्ट्स वॉच पहनी हुई हैं। और उसने की आर्मी ट्रेनिंग की यूनिफॉर्म पहनी हुई है। वो लड़का ऑल ओवर दिखने में बहुत ही हैंडसम और गुड लुकिंग लग रहा हैं। और उसकी पूरी की पूरी पर्सनैलिटी बहुत ही अट्रेक्टिव और डैशिंग लग रही हैं। वो इस वक्त अपने एक हाथ में पिस्टल लेकर शूटिंग की प्रैक्टिस कर रहा हैं। वो इस वक्त बहुत ही एनर्जेटिक लग रही है। 

तभी  पिछे से एक और हैंडसम लड़का जिसकी उम्र 26 साल की है। वह पहले वाले लड़के से की उम्र का ही है।उसकी हाइट लगभग 6फीट हैं। वो भी पहले वाले लड़के की तरह उसके चेयर का रंग गोरा और शार्प फीचर और गोरे चहरे पर पढ़ रहे डिंपल उसके चहरे को हैंडसम और क्यूट बनाते हैं। वो दिखाने में बहुत ही हंसमुख स्वभाव का लग रहा है। वह लड़का पहले वाले लड़के के पास पिछे आकर स्माइल के साथ आवाज लगाता है। मुझे पता ही था। कैप्टन परीक्षित मित्तल तुम यही मिलोगे।

नोट-: जी हां में आपको बता दूं कि जो हैंडसम और डैशिंग पर्सनैलिटी वाला लंबा सा लड़का जो ट्रेनिग ग्राउंड में खड़े होकर पिस्टल पकड़ कर शूटिंग करने की प्रैक्टिस कर रहा हैं। वो लड़का कोई और नहीं कैप्टन परीक्षित मित्तल हैं। इस स्टोरी का नायक और इस स्टोरी की जान। वो दिखने में बहुत ही अट्रेक्टिव और हैंडसम हैं। जैसे भगवान ने उसे बड़े फुरसत से बनाकर राज कुमार के रूप में इस धरती पर भेज दिया हो। यह जहां भी जाते हैं ।हमेशा लड़किया उनकी पर्सनैलिटी को देख कर अट्रेक्टिव होती हैं। और उनको पाने की कोशिश भी की हैं। कई लड़कियों ने उन्हें शादी और गर्ल फ्रेंड बनने के लिए प्रपोज भी किया और अपनी सेक्सी लुक को करके उनको सिड्यूस करने की कोशिश करी पर उन्होंने सो कॉल्ड लड़कियो के इरादे समाज कर उनकी अच्छी तरह से बेज़्जत किया और उन्हे अपने से दूरी भी बनाली थी । और उन्हे सो कॉल्ड लड़कियो से कोई मतलब नहीं था । की वो उन्हे घूर- घूर कर देख रही हैं, कि नही। वो तो सिर्फ अपने परिवार,करियर और देश के प्रति अपना फर्ज निभाने में लगे रहे हैं।

परीक्षित -: उस लड़के की आवाज सुनकर पीछे मुड़कर ,उस लड़के को देखकर अपने आंखों से काला चश्मा निकालकर , यूनिफार्म की शर्ट की जेब में रखकर कहता सीरियस एक्सप्रेशन के साथ कहता है  तुम्हें पता हे! कैप्टन अभिमन्यु रायजादा इस वक्त शूटिंग की एक्सरसाइज का टाइम है।ऑर मैं प्रैक्टिस इस वक्त करता हूं।

अभिमन्यु -: स्माइल करके कहता है । अरे यार ,मुझे पता है ।यहां तेरा एक्सरसाइज का टाइम है। लेकिन तुझे मैं हर समय देखता हूं ।हमेशा काम ,एक्सरसाइज और अपने स्किल्स की प्रेक्टिस में लगा रहता हैं।कभी तू इस दोस्त के साथ चिल भी मार लिया कर। वो यह बात कहते हुए अजीब और मासूम सा चेहरा बनाता हैं।

नोट : तो मैं आपको बताती हूं, कैप्टन अभिमन्यु के बारे में ,वो कैप्टन परीक्षित का इकलौता  सबसे अच्छा भाई जैसा फ्रेंड है। जो कैप्टन परीक्षित की तरह उसी के साथ बैच में जांबाज मिलेटरी एकेडमी में आर्मी की ट्रेनिंग ली है। और इस एकेडमी का सेकंड बेस्ट कैडेट हैं ।यह उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ से है। इनका स्वभाव हंसमुख और चुलबुला है।  वह हर किसी को मायूस चेहरे पर हंसी लाने की काबिलायत रखते है। 

कैप्टन परीक्षित स्वभाव से बहुत ही  शांत और अपने में रहने वाला लड़का है। वो हर चीज को सीरियस लेने वाला लड़का हैं। वो हमेशा ही सीरियस रहता हैं । इन्हें गुस्सा भी बहुत तेज आता है । पर यह जब अपने बेस्ट और भाई जैसे फ्रेंड और परिवार के साथ होता हैं। तो वो हमेशा खुश रहता हैं।

 इन दोनों के बारे में और इनकी दोस्ती कैसी हैं। वो आप आगे जानेंगे जैसे - जैसे कहानी बढ़ेगी। उसके लिए आपको मेरी दिल से लिखी हुई, कहानी दिल को मैने दी कसम पढ़ने पड़ेगी।