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क्युकी तुम्हारे अंदर ये क्षमता नहीं है।(पार्ट 13)

जियान ने ऐसे मुंह बना कर पूछा कि की सोवी उसे देखता ही रह गया । आह बोलो न सोवी तुम मुझे ऐसे क्यो देखने लगते हो जैसे मै कोई लड़की हूं।

सोवी ने जवाब दिया "_तुम किसी लड़की से खुद की तुलना मत करो !जियान तुम तो किसी लड़की से भी ज्यादा खुबसुरत हो ।

जियान ने कहा_मै खूबसूरत हूं ये मुझे पता है ,मेरे कबीले में सभी लड़कियां यही बोलती है, लेकिन मेरा प्रश्न ये नही है मैने ये पूछा "तुम मुझे ऐसे क्यो देखने लगते हो कभी कभी ? मैने बहुत बार ये देखा है की तुम कुछ अलग ही मुझे देखते हो? कही तुम सच में मेरे इस खूबसूरत से चेहरे से ईर्ष्या तो नही करते हो? और जियान फिर हसने लगा।

सोवी जियान की बात सुन कर एक बार फिर चुप हो गया ये बहुत उदासीन परिस्थिति थी, एक ऐसे इंसान के लिए जिसने जियान के लिए एक बहुत लंबा इंतजार किया था ।

जियान _ ने कहा मैं अब बिल्कुल भी ठीक हूं बस थोड़ा सा सर भारी है लेकिन मै चल सकता हूं मुझे लगता है हमें आगे के लिए चलना चाहिए। सोवी ने तुरंत ही कहा क्या तुम सच में पूरी तरह से ठीक हो।

जियान ने कहा_हां मै झूठ क्यो बोलूगा? मैं तो तुमसे डरता भी नही हू तो मुझे झूठ बोलने की क्या जरूरत है ?और मेरी सेहत से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण वो पुस्तक है हमे बिना देरी किए आगे के सफर के लिए निकलना चाहिए ।

सोवी ने कहा " ठीक है चलो! जाने से पहले सोवी को सराय के मालिक से मिलना था सोवी ने सराय के मालिक से मिल कर 5 चांदी के सिक्के दिए ,और सहायता के लिए धन्यवाद् कहा और कहा अपने मेरी मुश्किलों के समय मेरी सहायता की मै आपका आभारी हूं ।

सराय का मालिक बहुत ही विनम्रता से बोला बहुत ही कम ऐसा होता है जब मैं आप जैसे दयालु व्यक्ति से मिलता हूं, वरना यहां रोज बहुत से व्यक्ति आते हैं और सब बहुत ही मतलबी होते है।

जियान भी वही सोवी के साथ था "यूंही बोल दिया क्या ?अपने अभी इसे दयालु कहा? ये दयालु है? क्या आपको नहीं पता ये अपने कबीले में अपनी निर्दयिता के लिए जाने जाते है? क्या आपको नहीं पता ये सिर्फ अच्छा दिखता है अंदर से नियाहती कठोर और बात बात पर सजाए देता है जियान बोले ही जा रहा था । जियान की नजर सोवी पर गई वो जियान को ही देख रहा था अचानक से जियान को याद आया वो ऐसे क्यो बोल रहा है तो वह हिचकिचाते हुए वह बोला "हा ठीक है अब चले ।

सराय मालिक_ ने कहा" तुम जिसके बारे में बोल रहे हो वो कल रात को तुम्हारे लिए इतना परेशान था ,की चिकित्सक को तलाश करने के लिए उसने बहुत मुसीबतें उठाई है ,और तुम्हारे दोस्त का चेहरा देखो देख कर ही लग रहा है वो कल पूरी रात सोया नही है तुम उसे कठोर कैसे बोल सकते हो ? वह बड़े ही शांत स्वाभाव से बोला। और तुम तो बहुत खुबसुरत हो लेकिन तुम्हारी बाते चाबुक से भी अधिक तेज है!

उसको नज़रअंदाज़ करते हुए, जियान ने सोवी से कहा" हमे चलना चाहिए ,और फिर दोनो ने सराय मलिक को शुक्रिया बोल कर आगे चल दिए, जियान कबीले को देख कर बोला कितना सौंदर्य और मनोरम दृश्य है यहां का हर तरफ़ रंगीन नजारे है बहुत बढ़िया ! कभी कभी ही तो ऐसा मनोरम दृश्य देखने को मिलता है!

कबीले के बाहर पहुंच कर सोवी ने एक सज्जन से आगे जाने का रास्ता पूछा उस सज्जन आदमी ने सोवी और जियान से कहा "आगे जाकर एक सुनसान रास्ता है वहा से 7 मायावी पहाड़ी की चौथी पहाड़ी शुरु होती हैं उस रास्ते से गुजरने की हिम्मत कोई भी नही करता। आप अगर पहली बार उस रास्ते से जा रहे हैं तो सतर्क रहना! तभी जियान उसकी बात पर चिल्लाते हुए बोला "तो क्या हुआ? हम योद्धा है !और ऐसे चुनौती हमे पसंद है । सोवी ने जियान को चुप रहने का इशारा किया। जियान चुप हो गया । सोवी ने उस आदमी को धन्यवाद कहा और आगे के लिए चल दिया।

सोवी यह बात अच्छे से समझता था की जियान का स्वाभाव बहुत ही गुस्सैल और जिद्दी जैसा है उसके अंदर धैर्य की बहुत कमी थी हालाकि जियान बहुत ही दयालु और सच और नैतिकता को मानने वाला था परंतु उसके अंदर गुस्से का स्वाभाव कभी कभी नाकारात्मक प्रभाव डालता था ,जियान हमेशा अपने दिल की सुनता था वो वही करता था जो उसका मन करता था ,वो परिस्थिति के हिसाब से ख़ुद को बदल नही सकता था उसकी जिद उस पर हमेशा हावी रहती थी। और सोवी जियान को अच्छे से समझ चुका था।

वह दोनो काफी आगे तक चले तभी जंगल का वो सुनसान रास्ता सामने मिल गया और दोनो ने उस रास्ते पर चलते लगे जियान ने कहा सोवी तुम ख़ुद पर नियंत्रण कैसे कर पाते हो?मेरा मतलब तुम हमेशा इतने शांत कैसे रह लेते हो! तुम्हारे चेहरे से किसी भी भाव का कोई आभाष ही नही होता है अगर कोई इंसान पहली बार तुमसे मिलेगा तो उसे पता ही नही चल पायेगा कि तुम कब गुस्सा होते हो और कब खुश होते हो!

जवाब में सोवी_ ने कहा, मै खुद पर नियंत्रण कर लेता हूँ क्योंकि तुम्हारे अंदर ये इतनी क्षमता नहीं है।

जियान ने कहा_इसका किया मतलब हुआ? तुम हर बात मुझ पर ही क्यो बोलते हो? मैने तो इसलिए पूछा क्योंकि मुझे लगा मैंने उस सज्जन से कुछ ज्यादा ही गुस्से में बोल दिया था। लेकिन तुम्हारा जवाब इतना पेचीदा होता है मुझे समझ ही नही आता है!

सोवी ने रुक कर जियान के सर पर हाथ फेरते हुए कहा तुम्हे जब भी बहुत गुस्सा आए तुम उस चीज को याद करना जो तुम्हे बेहद खुशी देती है, तुम्हारा गुस्सा कम हो जाएगा। या फिर उस चीज को नज़रंदाज़ करने की कोशिश करना जो तुम्हे गुस्सा दिलाता है!

जियान बहुत ध्यान से सोवी को सुन रहा था ये वाकई बहुत दयालु है और फिर, जियान चिढ़ कर बोला "ये बार बार मेरे बालो को खराब मत किया करो ।

सोवी फिर चुप हो गया ओर दोनो ने चलना शुरु किया जंगल बहुत घना था अचानक से कुछ एसा हुआ की सोवी ने जियान का हाथ पकड़ते हुए कहा हमारा बहुत देर से कोई पीछा कर रहा है तुम पीछे मत देखना । मुझे ऐसा लग रहा है कि कोई बहुत देर से हमारे पीछे है!

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