कहानी हमारी ज़रा सी अलग है
मेहबूबा हमारी ज़रा सी अलग है
वह ही हमारी ज़िंदगानी है
उसी से हमारी सब कुछ है
दिन की शुरुआत उसी से है
रात की चांदनी उसी से है
----Raj